कोटा में इस साल भी छात्र आत्महत्या के मामले सामने आ रहा हैं. पिछले साल 29 छात्रों ने सुसाइड किया था और इस साल 26 दिन में 4 छात्र सुसाइड कर चुके हैं, जबकि समय रहते कई छात्रों को सुसाइड करने से रोककर जान बचाई गई है. पांच दिन में चार छात्रों को सुसाइड अटेंप्ट करने से रोका गया है. ताजा मामला गुरुवार का है. कोटा में इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम जेईई की तैयारी करे छात्र को समय रहते पुलिस ने सुसाइड करने से रोक लिया.
दरवाजा बंद कर सुसाइड की कोशिश कर रहा था छात्र
कोटा में पुलिस की सतर्कता से गुरुवार को एक और कोचिंग छात्र की जान बचाई गई. छत्तीसगढ़ के रहने वाले 19 वर्षीय कोचिंग छात्र ने कमरा बंद कर लिया और आत्महत्या करने की तैयारी में था, लेकिन सूचना के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई. इसके बाद पुलिस ने छात्र को मनोवैज्ञानिक तरीके से छात्र को विश्वास में लेकर समझाइश की और कमरे का दरवाजा खुलवाया. पुलिस की टीम ने कोचिंग छात्र की काउंसलिंग के लिए कोचिंग के काउंसलर को बुलाया और काउंसलिंग करवाई गई.
पिछले 6 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था छात्र
कोचिंग छात्र कोटा के महावीर नगर प्रथम में रहकर पिछले 1 साल से जेईई की तैयारी कर रहा है. पुलिस उप निरीक्षक लक्ष्मण लाल ने बताया कि कोचिंग छात्रा 6 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था, वह 1 महीने से हॉस्टल के कमरे में ही खाना मंगा लेता था. छात्र की हालत बहुत दयनीय बताई जा रही है.
5 दिन में चार स्टूडेंट्स को सुसाइड करने से रोक लिया गया
कोचिंगनगरी कोटा में स्टूडेंट के सुसाइड के डरावने व भयानक आंकड़ों के बाद अलर्ट हुई पुलिस के प्रयास अब रंग लाने लगे हैं, पिछले पांच दिनों में पुलिस की टीमों ने चार कोचिंग स्टूडेंट की जान बचा ली. जवाहर नगर थाना पुलिस ने गुरुवार को एक और कोचिंग छात्र को आत्महत्या करने के प्रयास से रोका था. इससे पहले मंगलवार और बुधवार को भी दो कोचिंग छात्राओं को आत्महत्या करने से रोका गया था. इनमें एक छात्रा दिल्ली की रहने वाली है और राजीव गांधी नगर में रहकर जेईई की ऑनलाइन कोचिंग ले रही थी.
परिजनों से जरूरी अपील
सिटी एसपी शरद चौधरी ने छात्रों के परिजनों से अपील की है कि वे अपने बच्चों से लगातार संपर्क बनाए रखें और कोचिंग संस्थानों व हॉस्टल संचालकों से भी बातचीत करते रहें. साथ ही अपने बच्चे पर विश्वास रखकर किसी और बच्चे से तुलना ना करें.
बता दें कि देशभर में कोटा स्टूडेंट सुसाइड की खबरें चर्चा का विषय बन रही हैं. स्टूडेंटस को मोटिवेट करने के लिए प्रशासन 'कामयाब कोटा' और 'डिनर विद कलेक्टर' जैसे अभियान चला रही है. हॉस्टल और पीजी रूम के पंखों में 'एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई जा रही हैं.