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गाडरवारा शासकीय पीजी कॉलेज में छात्रों का हंगामा, 366 में से 300 छात्र हुए फेल

गाडरवारा शासकीय पीजी कॉलेज में बी.कॉम प्रथम वर्ष के परिणामों को लेकर 366 छात्रों में से 300 छात्रों को फेल करने पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि मूल्यांकन प्रक्रिया में खामियां हैं, और नियमित छात्रों को फेल कर दिया गया जबकि अनुपस्थित छात्रों को पास किया गया है.

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Gadarwara Government PG College of Narsinghpur Student's Protest (Representationla Image)
Gadarwara Government PG College of Narsinghpur Student's Protest (Representationla Image)

Students Protest: गाडरवारा के शासकीय पीजी कॉलेज में बी.कॉम प्रथम वर्ष के परिणामों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. कॉलेज के 366 छात्रों में से 300 छात्रों को फेल कर दिया गया, जिससे आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज के गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में गंभीर खामियां हुई हैं.

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प्रदर्शन के दौरान छात्रों का आरोप  
छात्रों का कहना है कि कॉलेज में नियमित रूप से पढ़ाई करने और मेहनत करने वाले छात्रों को भी फेल कर दिया गया है. इसके उलट, कई ऐसे छात्र जो कॉलेज में कभी दिखाई नहीं देते, उन्हें पास कर दिया गया. छात्रों ने पहले विश्वविद्यालय के छात्र संघ (NSUI) की मदद से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन एक महीने बाद भी कोई समाधान न मिलने पर छात्रों ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

कॉलेज प्रशासन ने बुलवाई पुलिस
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय के खिलाफ नारेबाजी की. उनका यह भी आरोप है कि प्रैक्टिकल के नंबर द्वेष भावना से दिए गए हैं और कॉपी चेकिंग में बड़ी चूक की गई है. छात्रों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को बुलाया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. साथ ही कॉलेज प्रशासन ने छात्रों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि वे विश्वविद्यालय से बात करके दो दिन के भीतर मूल्यांकन प्रक्रिया की पुनः समीक्षा करवाएंगे। छात्रों को यह आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया.

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कॉल करने वालों के बयान
एनएसयूआई नेता राजुल शेखर जायसवाल ने कहा कि इस तरह के परिणामों से छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है और वे इस मामले में संघर्ष करते रहेंगे. वहीं, पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल ने छात्रों के आरोपों को गंभीरता से लिया और विश्वविद्यालय से संपर्क करने का वादा किया. छात्रों ने भी इस आश्वासन के बाद अपना प्रदर्शन समाप्त किया और उम्मीद जताई कि जल्द ही मामला सुलझ जाएगा.

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