Gandhi Jayanti Speech: आज हम महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मना रहे हैं. इस मौके पर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे जिनमें बापू के जीवन से प्रेरणा लेते हुए भाषण दिन जाते हैं. इस दिन छात्र महात्मा गांधी की अहिंसा की विचारधारा और उनके आत्मनिर्भर होने के विचार को फैलाने के लिए भाषण तैयार करते हैं. गांधी जी की सत्य और अहिंसा की विचारधारा पर आधारित कुछ विचार यहां दिए गए हैं जिनकी मदद से छात्र एक दमदार भाषण तैयार कर सकते हैं.
- महात्मा गांधी ने हमेशा लोगों के बीच समानता के विचार को बढ़ावा दिया. उन्होंने हरिजनों के उत्थान के लिए काम किया और उन्हें 'भगवान की संतान' नाम दिया. छात्र इस विषय को अपने भाषण में जोड़ सकते हैं और हमारे समाज में समानता के महत्व को याद दिला सकते हैं.
- बापू हमेशा अहिंसा में विश्वास करते थे और उन्होंने जीवन भर अहिंसा का पालन करने का उपदेश दिया. आजादी की लड़ाई में अहिंसा ही भारतवासियों का सबसे बड़ा हथियार था. इस पर जोर देते हुए समाज के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने के महत्व को भाषण में जोड़ना जरूरी है. बापू का जिक्र करते समय अहिंसा का जिक्र न हो ऐसा संभव नहीं है.
- कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए एक बेहद मुश्किल चुनौती थी और ऐसे समय में भारत ने वैक्सीन, पीपीई किट, मास्क, सेनिटाइज़र और दवाओं के उत्पादन में पूरे विश्व की मदद की. अपने भाषण में कोरोना महामारी से भारत की लड़ाई और आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डालना जरूरी है.
अपने भाषण में स्वदेशी आंदोलन, सत्याग्रह, दांडी मार्च, हरिजन उत्थान जैसे बिंदुओं को जोड़ना भी अच्छा रहेगा. बापू सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक दर्शन हैं. उनके जीवन से जुड़ी हर एक घटना प्रेरणास्पद है.