JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने महिलाओं को सेक्शुअल हैरेसमेंट से बचने की सलाह देने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि लड़कियों को अपने पुरुष मित्रों के बीच एक दूरी बनाकर रखनी चाहिए जिससे ऐसे मामलों की कोई नौबत न आए.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन सहित कई छात्र समूहों ने एडवाइजरी पर विरोध दर्ज किया है. AISA ने एक बयान में कहा आईसीसी की यह एडवाइजरी विक्टम ब्लेमिंग की विचारधारा को उजागर करती है. इससे कोई लाभ होने की बजाए जेएनयू महिलाओं के लिए और अधिक असुरक्षित होगा.
वहीं, महिला आयोग की चेयरमैन रेखा शर्मा ने सर्कुलर वापस लेने की मांग की हैं. उन्होंने ट्वीट किया, ''सारी शिक्षाएं हमेशा लड़कियों के लिए ही क्यों होती हैं? जेएनयू का महिला द्वेषपूर्ण सर्कुलर वापस लिया जाना चाहिए.''
Why all the teachings are always for girls only? Time to teach harassers not the victims. The misogynist circular of #JNU should be withdrawn. Internal commattee should have Victim-Centered approach and not otherwise. pic.twitter.com/Z6x4h7L351
— Rekha Sharma (@sharmarekha) December 28, 2021
बता दें कि जेएनयू आईसीसी ने एक सर्कुलर में कहा कि यौन उत्पीड़न के बारे में "लड़कियों और लड़कों दोनों को जागरूक करने के लिए" काउंसलिंग सत्र की आवश्यकता है. सर्कुलर में आगे कहा गया है "लड़के आमतौर पर दोस्ताना मजाक और यौन उत्पीड़न के बीच की (कभी-कभी जान कर, कभी-कभी अनजाने में) पतली रेखा को पार कर जाते हैं. लड़कियों को जानना चाहिए कि इस तरह के किसी भी उत्पीड़न से बचने के लिए उनके और उनके पुरुष मित्रों के बीच एक रेखा खींचनी जरूरी है.