Marie Tharp Google Doodle: गूगल आज अपने खास डूडल की मदद से अमेरिकन जियोलॉजिस्ट मैरी थार्प की उपलब्धियों का जश्न मना रहा है. आज ही के दिन (21 नवंबर), साल 1998 में कांग्रेस पुस्तकालय द्वारा मैरी थार्प को 20वीं शताब्दी के महानतम चित्रकारों में से एक के तौर पर नामित किया गया था. गूगल ने एक एनिमेडेट वीडियो के जरिए मैरी थार्प को याद किया है.
बता दें, जियोलॉजिस्ट के साथ-साथ वो समुद्र विज्ञान मानचित्रकार (Oceanographic Cartographer) भी थीं, जिन्होंने महाद्वीपीय बहाव के सिद्धांतों को साबित करने में मदद की थी. 1950 में उनके करियर की शुरुआत में धरती के ज्यादातर हिस्सों को मैप पर बना लिया गया था. लेकिन महासागरों के बारे में किसी को कोई ज्यादा जानकारी नहीं थी. इसके बाद मैरी ने काफी रिसर्च के बाद समुद्र तल का पहला वर्ल्ड मैप पब्लिश किया.
30 जुलाई को हुआ जन्म
मैरी थार्प का जन्म 30 जुलाई, 1920 को यप्सिलंती, मिशिगन में हुआ था. थार्प के पिता ने अमेरिकी कृषि विभाग के लिए काम किया और उन्हें मैपमेकिंग का शुरुआती परिचय दिया. इसके बाद थार्प ने आगे चलकर पेट्रोलियम भूविज्ञान में मास्टर डिग्री के लिए मिशिगन विश्वविद्यालय में भाग लिया. 1948 में, वह न्यूयॉर्क शहर चली गईं और लैमोंट जियोलॉजिकल ऑब्जरवेटरी में काम करने वाली पहली महिला बनीं, जहां उनकी मुलाकात जियोलॉजिस्ट ब्रूस हेजेन से हुई.
कैसे पब्लिश किया मैप?
हेजेन ने अटलांटिक महासागर में महासागर-गहराई डेटा एकत्र किया, जिसकी मदद से थार्प ने रहस्यमय समुद्र तल के नक्शे बनाए. इको साउंडर्स (पानी की गहराई का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सोनार) के नए निष्कर्षों ने उन्हें मध्य-अटलांटिक रिज की खोज में मदद की. इसके बाद साल 1957 में थार्प और हेजेन ने उत्तरी अटलांटिक में समुद्र तल का पहला नक्शा सह-प्रकाशित किया. दो दशक बाद, नेशनल ज्योग्राफिक ने थार्प और हेजेन द्वारा "द वर्ल्ड ओशन फ्लोर" शीर्षक से पूरे महासागर तल का पहला विश्व मानचित्र प्रकाशित किया.