अक्सर चुनाव कार्य में ड्यूटी में टीचर्स की ड्यूटी को लेकर चर्चा होती रहती है. क्या आपने कभी सोचा है कि यह ड्यूटी कितनी अनिवार्य है. क्या इतनी अनिवार्य कि इसे छोड़ने पर आपको पुलिस भी गिरफ्तार कर सकती है. किसी के लिए यह हो न हो, लेकिन गुजरात के अहमदाबाद में चुनाव कार्यों में ड्यूटी न करने के चलते एक शिक्षिका पर ये ड्यूटी न करना भारी पड़ गया है. चुनाव कार्य में ड्यूटी न करने के कारण उन्हें अरेस्ट करने का आदेश तक दे दिया गया.
बता दें कि अहमदाबाद के चेनपुर प्राथमिक विद्यालय में हीनल प्रजापति शिक्षिका के तौर पर कार्यरत हैं. हीनल प्रजापति को अरेस्ट करने पुलिस उनके विद्यालय पहुंची थी. शिक्षिका ने कहा कि चुनाव कार्य में नहीं जुड़ पाने की वजह बताने के बावजूद BLO का काम उन्हें सौंपा गया है. घर पर सास-ससुर बीमार हैं, बच्चा छोटा है जिसकी वजह से घाटलोडिया विधानसभा में BLO का कार्य नहीं देकर करीब में BLO का काम सौंपने की मांग की है.
शिक्षिका के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट से शैक्षिक संगठनों में आक्रोश
शिक्षिका को अरेस्ट करने पहुंची पुलिस को लेकर शैक्षिक संघों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. उनका कहना है कि चुनाव अधिकारी अरेस्ट करने जैसे आदेश देने वाले अधिकारियों पर ध्यान दें. बड़ी संख्या में शिक्षक चुनाव का कार्य करते हैं. शिक्षिका के उपस्थित नहीं हो पाने की वजह देने के बावजूद उनके खिलाफ अरेस्ट करने जैसी कार्यवाही का आदेश करना ठीक नहीं है. अरेस्ट करने का आदेश देने से मुसीबत परिवार तक होती है. महिला शिक्षकों को घर के पास ड्यूटी दी जाये.
शिक्षिका की समस्या सुनने के बाद ड्यूटी बदलने का डिप्टी कलेक्टर ने आदेश दिया
शिक्षिका को अरेस्ट करने का आदेश दिये जाने पर डिप्टी कलेक्टर उमंग पटेल ने कहा, चेनपूर स्थित विद्यालय की शिक्षिका को BLO कि जिमेदारी सौंपी गयी थी. शिक्षिका ने लिखित में BLO का काम नहीं देने को कहा था. उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टता देने को कहा गया था. फिर भी उपस्थित नहीं रहने पर शिक्षिका को उपस्थित करने के लिये वॉरंट जारी किया गया था. डिप्टी कलेक्टर उमंग पटेल ने कहा, शिक्षिका की बात सुनी है, उनके जवाब से संतुष्ट होने पर दूसरी जगह ड्यूटी सौंपने को कहा गया है.