मुंबई के कॉलेज में हिजाब, बुर्का और नकाब पर पाबंदी मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता लड़कियों को फौरी तौर पर राहत दी है. अदालत ने मामले पर सुनवाई के बाद कॉलेज सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही अदालत ने कॉलेज को नोटिस भी जारी किया है. कॉलेज के इस नोटिस का जवाब 8 नवंबर से पहले देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कॉलेज के आदेश पर आंशिक रोक लगा दी है. साथ ही बेंच ने मामले के सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का 8 नवंबर से पहले कोर्ट में जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.
पीठ ने कॉलेज के सर्कुलर के प्वाइंट 2 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कॉलेज में हिजाब, बुर्का, स्टॉल, बैज, पटका पर रोक रहेगी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि कॉलेज में चार सौ से ज्यादा लड़किया हिजाब पहनकर आती हैं.
मुंबई के दो कॉलेजों का है मामला
अदालत में कॉलेज की वकील माधवी दीवान ने कहा कि चार हजार से ज्यादा मुस्लिम छात्राएं खुशी से बिना नकाब के कॉलेज में पढ़ाई करती हैं. नकाब, हिजाब, बुर्का, पटका, टोपी, बैज आदि कॉलेज में पहनने पर लगाई गई रोक के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई. ये मुंबई के चेंबूर स्थित दो कॉलेजों का मामला है.
बॉम्बे HC ने खारिज की थी याचिका
26 जून को बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड को चुनौती देने वाली 9 छात्राओं की याचिकाएं खारिज कर दी थीं. हाईकोर्ट ने चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एन जी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा लगाए गए पर प्रतिबंध मामले पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. इन कॉलेजों के प्रशासन ने कहा कि 441 मुस्लिम लड़कियां पढ़ती है. सिर्फ तीन लड़कियों को ही समस्या क्यों हुई?
सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों को पहले मीडिया में बयान देने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने मुंबई के प्राइवेट कॉलेज में हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टॉल, कैप, बैज पहनने के मामले में कॉलेज के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई.
आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने जब शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकारी आदेश को सही ठहराया जाने के बाद वह मामला भी सुप्रीम कोर्ट आया था. तब अदालत के जजों की राय बंटी हुई थी.