Amit Shah on National Education Policy: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भोपाल के विधानसभा सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संबोधन दिया. कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष समारोह के मौके पर उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचार रखे और बताया कि नई नीति देश के नए भविष्य की दिशा तय करेगी.
गृह मंत्री ने कहा कि देश में पहले जब भी शिक्षा नीति लागू की गईं, तो इनका विरोध जरूर हुआ. मगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने पर किसी ने विरोध नहीं किया. ऐसे इसलिए क्योंकि इसमें सभी के विचारों को जोड़ा गया है. शिक्षाविद्दों ने शिक्षा क्षेत्र की हर जरूरत को ध्यान रखा है इसलिए किसी को भी इस नीति से आपत्ति नहीं हुई.
उन्होंने आगे कहा कि यह शिक्षा नीति हमारे मूल विचारों पर आधारित पहली शिक्षा नीति है. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी दिलाना नहीं होगा. शिक्षा वास्तव में मन की शक्ति का अधिकतम उपयोग सिखाती है. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है. और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीयता की उद्घोषणा है.
स्वभाषा पर दिया बल
गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी शिक्षानीति ने कभी स्वभाषा को इतना बल नहीं दिया गया. नई शिक्षा नीति में अपनी भाषा में पढ़ाई को बहुत महत्व दिया गया है. इसके तहत ही मन की शक्ति को बढ़ावा देने का काम होगा. उन्होंने कहा कि जो शिक्षा बच्चों में महान बनने का स्वप्न नहीं दिखा सकती, उसका कोई मतलब नहीं. अपनी भाषा में पढ़ाई कर छात्र अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर सकेंगे.
स्कूली शिक्षा का पुर्नगठन
गृह मंत्री ने कहा कि 10+2 की पद्यति को बदलकर 5+3+3+4 में बदल दिया गया है. शिक्षा में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. स्कूल ड्रॉपआउट रेट को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें तेजी से काम हो रहा है. स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला जा रहा है. नए स्कूल शुरू किए जा रहे हैं ताकि स्कूली शिक्षा का कायाकल्प किया जा सके.
रीसर्च को मिलेगा बढ़ावा
गृह मंत्री ने कहा कि देश में रीसर्च एंड डेवलेपमेंट पर कभी ध्यान नहीं दिया गया. दूसरे देशों में GDP का बड़ा हिस्सा रीसर्च एंड डेवलेपमेंट में खर्च होता है मगर हमारे यहां ऐसा नहीं होता. नई नीति लागू होने पर रीचर्स के लिए नया स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. रीसर्च के क्षेत्र में GDP का खर्च भी सरकार ने बढ़ाया है.
हायर एजुकेशन में होगा बदलाव
अपनी बात रखते हुए उन्होंने आगे कहा कि JEE, NEET जैसी परीक्षाओं को 12 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है. इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई भारतीय भाषाओं में होगी. मेडिकल कोर्सेज़ के लिए सिलेबस तैयार भी कर लिया गया है. कई नए IIT, IIM, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है. सरकार का यह लक्ष्य है कि देश की यूनिवर्सिटीज़ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जाए.