ICSE Result 2021: सीबीएसई की ही तरह आईसीएसई ने भी 12वीं के रिजल्ट को जारी करने की नीति सुप्रीम कोर्ट को बताई है. 10वीं के नंबर (प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल को लेकर) और फिर 11वीं और 12वीं के प्रोजेक्ट और प्रेक्टिकल में मिले नंबर को आधार बनाकर 12वीं की मार्कशीट बनाई जाएगी. पिछले साल भी ICSE ने इसी नीति से 12वीं के नतीजे घोषित किए थे.
सुप्रीम कोर्ट में ICSE ने कहा कि पिछले साल के नतीजे पर सिर्फ 10 छात्रों ने आपत्ति जताई थी, जिन्होंने बाद में इम्प्रूवमेंट पेपर दिया था. आईसीएसई ने कहा कि हम 30 जुलाई तक 12वीं के नतीजे घोषित कर देंगे. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि 14.5 लाख स्टूडेंट का रिजल्ट घोषित करना है, हम जल्दबाजी नहीं कर सकते हैं.
इससे पहले सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा के लिए अपना मूल्यांकन मानदंड प्रस्तुत करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 40 प्रतिशत अंक कक्षा 12 के प्री-बोर्ड पर आधारित होंगे. जबकि 10वीं और 11वीं के परीक्षा के भी 30-30 फीसदी अंक जुटेंगे. बोर्ड ने 12वीं के रिजल्ट में पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन को भी अहमियत देने का फैसला किया है.
जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने बोर्ड के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने CBSE और ICSE को अपनी वेबसाइटों पर मूल्यांकन योजना अपलोड करने का निर्देश दिया है. सीबीएसई ने कोर्ट को बताया कि प्रैक्टिकल 100 अंकों के होंगे और छात्र-छात्राओं को स्कूलों द्वारा दिए गए अंक ही मान्य होंगे.
ICSE बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा देकर बताया है कि 30 जुलाई से पहले रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड को रिजल्ट के बाद विवाद समाधान पैनल और परीक्षा परिणाम के बाद वैकल्पिक परीक्षा आयोजित करने के लिए समय सीमा निर्दिष्ट करने का प्रावधान करने का भी सुझाव दिया है.