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मैं ड्रेस कोड के खिलाफ, मिलनी चाहिए हिजाब पहनने की आजादी: JNU VC शांतिश्री डी पंडित

जेएनयू कुलपति पंडित ने इंटरव्यू के दौरान कहा, 'खानपान और पहनावा निजी पंसद के मुद्दे हैं. मुझे नहीं लगता कि संस्थानों को इन पर कोई नियम बनाना चाहिए. व्यक्तिगत पसंद का सम्मान होना चाहिए.'

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Photo from @JNU_official_50 on X)
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Photo from @JNU_official_50 on X)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के मुद्दे पर अपनी राय रखी है. उनका मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने की आजादी होनी चाहिए. उनका कहना था कि हिजाब पहनना या न पहनना छात्रा का व्यक्तिगत फैसला है और इस पर किसी को भी दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए. जेएनयू वीसी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि "मैं ड्रेस कोड के खिलाफ हूं. मुझे लगता है कि शैक्षणिक संस्थान में खुलापन होना चाहिए. अगर कोई हिजाब पहनना चाहता है, तो यह उसकी पसंद है."  

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जेएनयू कुलपति पंडित ने इंटरव्यू के दौरान कहा, 'खानपान और पहनावा निजी पंसद के मुद्दे हैं. मुझे नहीं लगता कि संस्थानों को इन पर कोई नियम बनाना चाहिए. व्यक्तिगत पसंद का सम्मान होना चाहिए.'  उन्होंने आगे कहा कि जेएनयू में लोग शॉर्ट्स पहनते हैं तो कुछ लोग पारंपरिक परिधान भी पहनते हैं. ये उनकी पसंद का मामला है. जब तक वे मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करते, मुझे कोई समस्या नहीं है.

बता दें कि साल 2022 में हिजाब को लेकर कर्नाटक में काफी विवाद हुआ था. उडुपी के एक सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज की 6 छात्राओं ने निर्धारित परिधान से हटकर हिजाब पहनकर क्लास में आई थी, लेकिन उन छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज से बाहर निकाल दिया गया था. इसके बाद, कर्नाटक की तत्कालीन भाजपा नीत सरकार ने शिक्षण संस्थानों के निर्धारित ड्रेसकोड संबंधी नियमों का समर्थन किया था और हिजाब को धार्मिक प्रतीक करार दिया था. हालांकि उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने मुस्लिम छात्राओं का समर्थन किया था. उस दौरान अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से हिजाब को लेकर इसी तरह के कई मामले सामने आए थे और विवाद हुआ था.

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पश्चिम बंगाल के हुगली में अंजुमन-ए-इस्लाम ने भी मुस्लिम छात्रों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. मिनी विधानसौध भवन के सामने आयोजित धरना में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भाग लिया था और शासन को ज्ञापन सौंपा था. कर्नाटक के बाद गुजरात के सूरत में एक स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर हिंदू संगठन ने विरोध दर्ज कराया था. हालांकि विवाद को बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद (VHP) संगठन के 15 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी थी.

हिजाब पर विवाद का ताजा मामला गुजरात बोर्ड परीक्षा के दौरान भी सामने आया था. गुजरात के भरूच एग्जाम सेंटर पर एक स्कूल टीचर ने बोर्ड परीक्षा के दौरान मुस्लिम छात्राओं का हिजाब उतरवा दिया था. पूरी घटना का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद विवाद काफी बढ़ा और टीचर को सस्पेंड करने की मांग भी उठी थी. हालांकि हंगामे के बाद डिस्ट्रिक एजुकेशन डिपार्टमेंट ने जांच के आदेश दे दिए थे.

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