IIT बॉम्बे के 36% स्टूडेंट्स को इस साल नौकरी नहीं मिल पाई है. यह खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बेरोजगारी और नौकरी की गांरटी को लेकर कई सवाल खड़े हुए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा था कि बेरोजगारी की बीमारी की चपेट में अब IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी आ गए हैं. अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे ने प्लेसमेंट्स को लेकर एक डेटा शेयर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.
IIT बॉम्बे ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने 2022-23 के ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के बीच कराए गए सर्वे के आंकड़े बताए. आंकड़ों के अनुसार, संस्थान से साल 2022-23 में ग्रेजुएट होने वाले छात्रों में से केवल 6.1% अभी भी नौकरी की तलाश में हैं. पोस्ट में बताया गया कि हालिया खबरों में ये कहा जा रहा था कि 30% से अधिक IITB छात्रों को नौकरी नहीं मिलती है, जबकि सर्वेक्षण के अनुसार सिर्फ 6.1% को ही नौकरी ढूंढनी बाकी है. सर्वे के नतीजे देखने के बाद आप खुद फैसला कर सकते हैं.
57.01% का हुआ था कैंपस प्लेसमेंट, बाकी छात्रों का क्या हुआ?
आईआईटी बॉम्बे द्वारा शेयर किए आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 बैच के 57.1% छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट के जरिये नौकरी मिली. वहीं, 12.2% छात्र हायर एजुकेशन के लिए गए, 10.3% को कैंपस प्लेसमेंट के बाहर नौकरी मिली, 8.3% सरकारी सेवा में गए, 1.6% ने स्टार्टअप ज्वॉइन किया. वहीं, 4.3% छात्र अभी अनिश्चित हैं और 6.1% को अभी भी नौकरी नहीं मिली है.
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36% को नौकरी नहीं मिली की दावे पर IIT ने क्या कहा?
आईआईटी ने कहा कि खबरों में बताया गया था कि IIT बॉम्बे प्लेसमेंट में रजिस्टर करने वाले 712 छात्रों में से 36% को नौकरी नहीं मिली. इस खबर के बाद वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और नौकरी की कमी को लेकर चिंता जताई गई थी, जिसका असर हाल ही में ग्रेजुएट हुए प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों पर भी पड़ता है.
इस सर्वेक्षण में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग आंकड़े जुटाए गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संस्थान के एक अधिकारी का कहना है कि प्लेसमेंट प्रक्रिया की जटिलता, नौकरी बाजार का बदलता स्वरूप और कंपनियों का पहले से तयशुदा वेतन पैकेज देने में हिचकिचाहट जैसी वजहों से यह समस्या हो रही है. खासकर कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में यह ज्यादा देखने को मिलता है, जहां आमतौर पर ज्यादा नौकरियां निकलती हैं.