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वाधवानी फाउंडेशन: AICTE और देश के नामी IIT एक साथ करेंगे काम, मिलेगा शोध को बढ़ावा

WIN COEs का उद्देश्य घरेलू अनुसंधान और रिसर्च वर्क में तेजी लाना है, ताकि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया जाए जिससे आर्टीफिश‍ियल इंटेलिजेंस, सिंथेटिक बायोलॉजी, बायो इंजीनियरिंग, हेल्थटेक, सेमी कंडक्टर्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्पेस टेक आदि जैसी उभरती टेक्‍नोलॉजी पर बेहतर काम को सके

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Representational Image
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Reasearch Commercialization in India: भारत में शोध के व्‍यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए वाधवानी फाउंडेशन से AICTE और देश के अन्य नामी संस्‍थानों ने हाथ मिलाया है. भारत में अनुसंधान को व्यवसायिक रूप से सफल बनाने के लिए आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद, आईआईएससी बैंगलोर और सी-कैंप एक साथ मिलकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेंगे. 

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हर सेंटर को मिलेगी लाखों की फंडिंग

जितने भी सेंटर तैयार किए जाएंगे, उन्हें हर साल 10 लाख डॉलर तक का फंड दिया जाएगा. इसमें AICTE के 13 इंडोवेशन सेंटर्स और 100 से ज्यादा उच्च शिक्षा संस्थानों का जॉइंट इनवेस्टमेंट होगा. इस समझौते का लक्ष्य है कि भारत को पूरी दुनिया में साइंस सपोर्ट डेवलपमेंट के लिए जाना जाए. 

वाधवानी फाउंडेशन और देश के IIT's ने किया समझौता

वाधवानी फाउंडेशन ने शैक्षणिक इनोवेशन के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क उत्‍कृष्‍टता केंद्र (WIN-COEs) स्‍थापित करने के लिए एआईसीटीई, आईआईटी बॉम्‍बे, आईआईटी दिल्‍ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद, आईआईएससी बैंगलोर और सी-कैम्‍प के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं. इस साझेदारी का उद्देश्‍य भारतीय फैकल्टी़, छात्रों और शोधकर्ताओंं द्वारा किए जाने वाले शैक्षणिक और शोध को वास्‍तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में बदलना है, जिन्‍हें विभिन्‍न उद्योगों में बेचा या इस्‍तेमाल किया जा सकेगा. इसे देश को लम्बे समय तक आर्थिक फायदा मिलेगा. 

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बता दें कि अभी भारत में उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में से एक प्रतिशत से भी कम में रिसर्च का काम हो रहा है. शोध और प्रायोगिक विकास (GERD) में भारत के खर्च में इनकी हिस्‍सेदारी केवल 9 प्रतिशत है. भारतीय विश्‍वविद्यालय रिसर्च को बढ़ावा देने में अभी काफी पीछे है. WIN-COEs का उद्देश्य घरेलू अनुसंधान और रिसर्च वर्क में तेजी लाना है, ताकि एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया जाए जिससे आर्टीफिशि‍यल इंटेलिजेंस, सिंथेटिक बायोलॉजी, बायोइंजीनियरिंग, हेल्थटेक, सेमी कंडक्टर्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्पेस टेक आदि जैसी उभरती टेक्‍नोलॉजी पर बेहतर काम हो सके. 

इसके अलावा उद्योग, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और सरकार के बीच सहयोग को भी बढ़ावा मिले. अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) के विज्ञान-संचालित विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल ऐसे इनोवेशन को बढ़ावा देगी, जो सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से जुड़ी है. इन समाधानों का चयन विशेषज्ञों की एक राष्‍ट्रीय जूरी द्वारा किया जाएगा, WIN-COEs उन्‍हें व्‍यावसायिक रूप से व्‍यवहार्य बनाने के लिए फंडिंग और विभिन्‍न प्रकार की सहायता प्रदान करेगा.

वाधवानी फाउंडेशन के सीईओ ने कही ये बात

वाधवानी फाउंडेशन प्रेसिडेंट और सीईओ डॉ. अजय केला ने कहा कि उन्‍नत एआई, सिंथेटिक बायोलॉजी, क्‍वांटम कम्‍प्‍यूटिंग, सेमी कंडक्‍टर्स, हेल्‍थटेक, और स्‍पेसटेक जैसी उभरती टेक्‍नोलॉजी में समावेशी और न्‍यायसंगत समाधानों के लिए अपार संभावनाएं छुपी हुई हैं. आईआईटी बॉम्‍बे के साथ हमारे पिछले सहयोग ने लगभग 100 प्रोजेक्‍ट्स की फंडिंग की है, जिनमें से 10 व्‍यावसायिक रूप से सफल रहे हैं. WIN COEs की स्‍थापना से ऐसे समाधानों को बढ़ावा मिलेगा और वास्‍तविक दुनिया के परिदृश्‍यों में उनके अनुप्रयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत में वैज्ञानिक आर्थिक प्र‍गति बढ़ेगी. 

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चार आईआईटी, आईआईएससी बैंगलोर और सी-कैम्‍प द्वारा स्‍थापित किए जाने वाले उत्‍कृष्‍टता केंद्रों के अलावा, इस पहल के तहत एआईसीटीई के 13 इंडोवेशन सेंटर्स और देशभर में 100 से ज्‍यादा अगली श्रेणी के शैक्षणिक संस्‍थानों के साथ गठजोड़ किया गया है. हर WIN-COE (वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस) को 10 लाख डॉलर तक की फंडिंग मिलेगी, जो इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है.

AICTE के साथ प्रतिवर्ष 10 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त जॉइंट इनवेस्‍टमेंट देश के अगले 100 से अधिक संस्थानों की अनुसंधान और अनुवाद गतिविधियों को समर्थन देगा. प्रत्‍येक WIN-COE सालाना 25 इंटर डिसप्‍लि‍नरी प्रोजेक्‍ट्स का समर्थन करेगा, ज‍बकि 13 AICTE इंनोवेशन केंद्र सामूहिक रूप से हर साल संस्थानों के 1000 से अधिक प्रोजेक्ट का समर्थन करेंगे.

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि मुझे खुशी है कि वाधवानी फाउंडेशन अग्रणी संस्थानों में WIN-CoE की स्थापना कर रहा है. ANRF के माध्यम से हम विभिन्न क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस प्रकार की पहल का स्वागत करते हैं. ये पहल ANRF के उद्देश्यों के अनुरूप होगी, साथ ही भारत के युवाओं को आपसे में जोड़ने का काम करेगी और आज के दौर में हमारे देश के सामने मौजूद सबसे गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक चिंताओं को दूर करने के लिए वैज्ञानिक, साक्ष्य-आधारित समाधानों को प्रस्‍तुत करेगा.

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फोकस एरिया:

  • सी-कैम्‍प: बायोइंजीनियरिंग और बायोटेक्‍नोलॉजी
  • आईआईटी दिल्‍ली: हेल्‍थटेक और बायोइंजीनियरिंग
  • आईआईटी कानपुर: सिंथेटिक बायोलॉजी और बायोटेक्‍नोलॉजी (थेरैप्‍यूटिक्‍स) और एआई
  • आईआईएससी बैंगलोर: क्‍वांटम कम्‍प्‍यूटिंग
  • आईआईटी बॉम्‍बे: एआई, हेल्‍थटेक और बायोटेक्‍नोलॉजी (थेरैप्‍यूटिक्‍स)
  • आईआईटी हैदराबाद: हेल्‍थटेक, एडवांस्‍ड कम्‍प्‍यूटिंग और एआई

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के चेयरमैन प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि भारत आज दुनिया के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह बेहद जरूरी है कि हम अपने युवाओं के बीच इनोवेशन और लीडरशिप की भावना भी पैदा करें. यह सहयोग देश के शीर्ष संस्थानों के बीच इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप को प्रोत्साहन प्रदान करता है, साथ ही युवा प्रतिभाओं को बेहतरीन आइडिया और लंबी सोच की भावना के साथ देश का नेतृत्व करने की प्रेरणा देता है.

वाधवानी फाउंडेशन क्या है?

गौरतलब है कि वाधवानी फाउंडेशन सामाजिक भलाई के लिए समर्पित एक उच्च-विकास तकनीकी संगठन है. यह एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जिसका मिशन कौशल, उद्यमिता, सरकारी डिजिटल परिवर्तन और नवाचार एवं अनुसंधान में बड़े पैमाने पर पहल के माध्यम से रोजगार को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को गति देना है. सिलिकॉन वैली के उद्यमी डॉ. रोमेश वाधवानी द्वारा स्थापित, फाउंडेशन एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों में प्रभाव बढ़ा रहा है. नवीनतम तकनीक और विस्तृत वैश्विक नेटवर्क का लाभ उठाने वाले अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से, यह आजीविका में सुधार और जीवन को बदलने के लिए जरूरी विश्व स्तरीय संसाधनों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाता है.

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