इंजीनियर और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में छात्र-छात्राओं के बीच गैप पाटने के लिए IIT दिल्ली की ओर से STEM मेंटरशिप प्रोग्राम का पहला बैच तैयार है. 11वीं कक्षा की छात्राओं के पहले बैच ने एसटीईएम प्रोग्राम को पूरा कर लिया है.
STEM यानी कि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स में छात्राओं की रुचि बढ़ाकर उन्हें इन क्षेत्रों में करियर के लिए प्रोत्साहित किया गया. आईआईटी दिल्ली से कक्षा 11 की छात्राओं के लिए STEM मेंटरशिप प्रोग्राम के दौरान आईआईटी के प्रोफेसर और पीएचडी छात्रों को मेंटर के तौर पर नियुक्त किया गया था. इन छात्राओं से उन विषयों पर चर्चा की गई जो स्कूली पाठ्यक्रम में नहीं पढ़ाए जाते हैं. इन युवा स्कूली छात्राओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए STEM मेंटरशिप प्रोग्राम दिसंबर 2021 में शुरू किया गया था.
चयनित छात्रों को आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्यों द्वारा सात महीने की अवधि में कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण, नैनो तकनीक से पानी का फिर से उपयोग कैसे हो, जैसे विषयों से जोड़ा गया. साथ ही उन्हें अप्लाइड कंप्यूटर साइंस, क्लाइमेट चेंज, ब्रेन मैपिंग और न्यूरो साइंस जैसे विषयों को पढ़ाकर उसके लिए आगे पढ़ाई करने की रुचि जगाई गई. इन छात्राओं ने पढ़ाई के बाद इन विषयों में करियर बनाने में काफी दिलचस्पी दिखाई है.
आईआईटी के एसोसिएट डीन प्रोफेसर पृथा चंद्रा ने बताया कि एक संस्थान के रूप में, हम ईमानदारी से मानते हैं कि हर बच्चे को सभी विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है छात्राओं के लिए STEM कार्यक्रम शुरू करने के लिए हमारी प्राथमिक प्रेरणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित करियर में पाए जाने वाले लिंग असंतुलन को कम करने में मदद करना था. कार्यक्रम की सफलता ने हमें अपने मिशन के साथ आगे बढ़ने और अधिक तक पहुंचने का विश्वास दिलाया है.
कैंपस के माहौल में सीखेंगी छात्राएं
आईआईटी दिल्ली की ओर से यह प्रोग्राम 2022 में फिर से आयोजित होगा जिसमें दूसरा बैच तैयार किया जाएगा. इस प्रोग्राम के लिए स्कूल की तरफ से छात्राएं नॉमिनेट की जाती हैं. पहले बैच की ज्यादातर एक्टीविटी ऑनलाइन मोड में सीखी हैं, कई एक्टिविटी कैंपस में हुईं. प्रोग्राम के तहत दिल्ली रीजन की लड़कियां आईआईटी कैंपस में आकर सीखेंगी. प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो दिव्या नायर ने कहा है कि पहले बैच् की सफलता के बाद हमारा उद्देश्य इस प्रोग्राम में दिल्ली से बाहर की लड़कियों भी शामिल करना है ताकि इसमें ज्यादा से ज्यादा लड़कियां हमसे जुड़ सकें.
छात्रा सन्मिता पॉल ने कहा कि मुझे आईआईटी डीन और पीएचडी स्ट के साथ बातचीत करना अच्छा लगा. मुझे नई चीजें सीखने को मिलीं जिससे मेरी साइंस के शोध में रूचि बढ़ी है.