आईआईटी कानपुर के छात्रों के शोध करने के लिए सरकार से जो राशि मिलती है, उसके अलावा यहां के पढ़ने वाले पूर्व छात्र भी अपने संस्थान को हमेशा प्रतिष्ठित बनाए रखने के लिए कुछ ना कुछ दान देते रहते हैं. हाल ही में आईआईटी कानपुर के पूर्व डायरेक्टर अभय करंदीकर के छोटे भाई आशीष करंदीकर जो वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने आईआईटी में इलेक्ट्रिकल विभाग में नवाचार और शोध बढ़ाने के लिए अमेरिका से 1 करोड़ 60 लाख की बड़ी धनराशि कानपुर आईआईटी को दान में दी है.
कानपुर आईआईटी को अब तक सबसे बड़ा दान इंडिगो के संस्थापक और राकेश गंगवाल ने कुछ सालों पहले 100 करोड़ का दिया था. इसके अलावा भी आईआईटी के पूर्व छात्र दान दे चुके हैं यहां के छात्र अपने पूर्व संस्थान को अक्सर दान देते रहते हैं.
शोध कार्य के लिए IIT कानपुर को मिला 1.6 करोड़ का दान
आईआईटी के कार्यवाहक डायरेक्टर प्रोफेसर एस गणेश का कहना है कानपुर आईआईटी के पढ़ने वाले पूर्व छात्र आशीष इस समय अमेरिका में है उन्होंने 2 लाख अमेरिकी डॉलर दान दिया है. इससे उन्होंने अपने माता-पिता लता और केजी कारिंदकर के नाम से विशेष पुरस्कार शुरू करने की पहल की है. ये हर साल सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा.आशीष के बड़े भाई अभय भी कानपुर आईआईटी से पड़े हैं.
आशीष और उनकी पत्नी दीपाली ने कानपुर आईआईटी को शोध में और आगे बढ़ाने के लिए यह धनराशि देने का फैसला किया है.
धनराशि देने वाले पूर्व छात्र आशीष का कहना है कि इससे संस्थान में भावी इंजीनियरों की प्रतिभा को बढ़ाने में सहायता मिलेगी. इस मौके पर कानपुर आईआईटी और आशीष की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी हुई थी. आईआईटी कानपुर को इसके पहले भी उसके पूर्व छात्रों ने करोड़ों रुपयों का दान दिया है, जिससे आईआईटी में कई विशेष प्रोग्राम शुरू किए गए हैं.