India Today Education Conclave 2022: सीयूईटी और नीट यूजी परीक्षा टलेगी या नहीं? सोशल मीडिया पर बीते कई दिनों से अभ्यर्थी ये सवाल उठा रहे हैं. नीट यूजी अभ्यर्थी 40 दिनों के लिए परीक्षा को पोस्टपोन करने की मांग कर रहे हैं. इन परीक्षाओं को लेकर मंगलवार को आयोजित इंडिया टुडे एजुकेशन कॉन्क्लेव 2022 में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से सवाल पूछा गया.
धर्मेंद्र प्रधान कॉन्क्लेव के के उद्घाटन भाषण में Education: The Future of Learning विषय पर बोल रहे थे. इंडिया टुडे ग्रुप के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (Publishing)राज चेंगप्पा ने उनसे नीट यूजी और सीयूईटी पर सवाल पूछा कि 1.8 मिलियन ट्वीट के जरिये नीट और सीयूईटी पर अभ्यर्थी नीट और सीयूईटी पोस्टपोन की मांग कर रहे हैं.
इस सवाल के जवाब में शिक्षामंत्री ने कहा कि स्टूडेंट हमेशा चिंतित होते हैं. हमारे सामने इतने सीनियर प्रिंसिपल बैठे हैं, ये हर महीने इस प्रॉब्लम का सामना करते हैं, जहां हर महीने इवैल्यूएशन होते हैं, हर महीने कोई न कोई एग्जाम होते हैं, इनसे पूछिए छात्र इनके पास आते हैं मैडम अभी हम तैयार नहीं है, प्लीज इसे आगे बढ़ा दीजिए. ये हर महीने इस प्रॉब्लम को फेस करते हैं, मैं साल में एक बार फेस करता हूं. मतलब एग्जाम की डेट आगे नहीं बढ़ेगी, इस पर उन्होंने कहा कि अधिकतम छात्र इस एग्जाम के लिए तैयार हैं. वे परीक्षा में शामिल भी हो रहे हैं.
India Today Education Conclave 2022 Live
34 साल बाद देश को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) मिली है. आज हमारे सामने ये चुनौती है कि हर घर, हर नागरिक शिक्षा चाहता है. कोई भी शिक्षा से समझौता नहीं करना चाहता. अब चुनौती ये है कि हमारा शिक्षा का एंट्री लेवल 3 साल हो गया है. अब सरकारी स्कूलों से प्री स्कूलिंग शुरू की गई है. 3 से 23 साल यानी 20 साल की शिक्षा यात्रा में आंगनबाड़ी, स्कूल स्टूडेंट, हायर स्कूल स्टूडेंट और अन्य संस्थानों के स्टूडेंट के 23 करोड़ लोग शामिल होंगे. 21वीं शताब्दी में जब हम 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ रहे हैं, ऐसे में इन 22 करोड़ को स्किल और शिक्षा में माहिर करना बड़ी चुनौती है.
उन्होंने दूसरा बिंदु बेरोजगारी की चुनौती का उठाया. उन्होंने कहा कि आज देश की वर्किंग एज ग्रुप 15 साल से शुरू होता है, अगर 15 से 25 साल तक का आंकड़ा लें तो 25.1 करोड़ लोग इसमें आते हैं. ये उम्र होती है जिसमें वो कोई नॉलेज और स्किल सीखकर वो बाकी जिंदगी के साथ देश, समुदाय और अपने लिए कुछ कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ हायर और सकूल एजुकेशन में से 11-12 करोड़ लोग आते हैं जो काम नहीं कर पाते. अगर उन्हें भी स्किल्ड किया जाए तो वो भी जॉब करके देश की इकोनॉमी में मदद कर सकते हैं.
बता दें कि इंडिया टुडे एजुकेशन कॉनक्लेव में बेस्ट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को सम्मानित भी किया गया. कानक्लेव में देशभर से शिक्षा जगत की जानी-मानी हस्तियां शिक्षा जगत के अलग अलग विषयों पर अपनी राय रख रहे हैं.