जादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र की मौत के बाद पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उसका यौन उत्पीड़न और रैगिंग हुई थी. प्रथम वर्ष के मृतक छात्र को मेन हॉस्टल की दूसरी मंजिल के कॉरिडोर में नग्न घुमाया गया था. इसके कुछ मिनट बाद वो वहां से गिर गया और मौत हो गई.
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया है कि विश्वविद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्रों सहित गिरफ्तार किए गए 12 लोगों ने पूरे प्रकरण में सक्रिय भूमिका निभाई थी. पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मृतक छात्र के साथ निश्चित रूप से रैगिंग की गई और यौन उत्पीड़न किया गया. हॉस्टल के कमरा नंबर 70 में उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करने के बाद उसे गलियारे में नग्न घुमाया गया. हमारे पास सबूत हैं. घटना के अनुसार रैगिंग के दौरान जादवपुर विश्वविद्यालय के फ्रेशर छात्र को अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए कहा गया. इसीलिए सीनियर्स ने नग्न परेड कराई थी. मामले में अब रैगिंग अधिनियम की धारा जोड़ी गई है.
सीनियर्स ने डाला मर्दानगी जाहिर करने का दबाव
पुलिस सूत्र का दावा है कि रैगिंग के दौरान मौजूद सभी सीनियर्स ने पीड़ित को समलैंगिक (Gay) कहकर उसका मजाक उड़ाया. जिसके बाद प्रथम वर्ष का छात्र रो पड़ा और बार-बार कह रहा था कि "I am Not Gay, I am Not Gay". उस समय, उससे खुद को समलैंगिक न होने का सबूत देने के लिए अपनी मर्दानगी दिखाने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उसे नंगा कर दिया गया और अपनी मर्दानगी जाहिर करने के लिए कहा गया. उसे दूसरी मंजिल की बालकनी में नग्न कर घुमाया भी गया.
...वो सबके सामने बालकनी से कूद गया
पुलिस सूत्र का दावा है कि पूछताछ के दौरान प्रत्येक आरोपी ने दावा किया कि प्रथम वर्ष का छात्र उनके सामने बालकनी से कूद गया. छात्र को नंगा कर बुरी तरह पीटा गया. पुलिस सूत्र का यह भी दावा है कि जांच के दौरान रैगिंग का आरोप साबित हो गया है. इसलिए इससे संबंधित धारा कल जोड़ी गई है. बता दें कि पश्चिम बंगाल शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग निषेध अधिनियम 2000 की धारा 4 जोड़ने की प्रार्थना कल अलीपुर अदालत के समक्ष प्रस्तुत की गई थी. कोलकाता पुलिस की प्रार्थना स्वीकार कर ली गई और न्यायालय द्वारा मामले में रैगिंग अधिनियम की संबंधित धारा जोड़ दी गई है.
आरोपी ने कहा, मुझे भी निष्पक्ष न्याय चाहिए
पुलिस सूत्र के मुताबिक मुख्य छात्रावास के रसोइये से भी जादवपुर थाने ने पूछताछ की है. प्रथम वर्ष के छात्र के साथ हुई रैगिंग के दौरान गिरफ्तार 12 आरोपी मौके पर मौजूद थे. सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने पहले गिरफ्तार और मुख्य आरोपी सौरव चौधरी को इस रैगिंग मामले का सरगना होने का दावा किया है. हालांकि गिरफ्तार मुख्य आरोपी और जादवपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र सौरव चौधरी ने कहा है कि मैं अपराधी नहीं हूं. मुझे भी निष्पक्ष न्याय चाहिए. मैं गरीब हूं इसलिए मुझे उचित न्याय नहीं मिल रहा है. मुझे इंसाफ चाहिए.
व्हाट्सएप ग्रुप किसने बनाया?
पुलिस सूत्र का यह भी दावा है कि गिरफ्तार आरोपी मनोतोष घोष के फोन से कई व्हाट्सएप चैट बरामद हुए हैं. जांच में पता चला कि छात्र के हॉस्टल की बालकनी से गिरने के बाद साजिश रचने और उन्हें अपराध से बचाने के लिए ही किसी ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था. सूत्र का दावा है कि मुख्य आरोपी सौरव चौधरी ने ग्रुप में सभी को लिखकर हिदायत दी कि अगर पुलिस पूछेगी तो उन्हें पुलिस को बताना होगा कि सौरव यहां हॉस्टल में नहीं रहता, उसकी मां की तबीयत ठीक नहीं है. इसलिए वह यहां कभी-कभार ही आते हैं.
एक लंबी साजिश रची गई
इस बरामद व्हाट्सएप चैट के आधार पर विशेष लोक अभियोजक गोपाल हलदर ने अदालत में दावा किया कि इन गिरफ्तार आरोपियों द्वारा एक लंबी साजिश रची गई है. उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप में सचमुच योजना बनाई कि खुद को पुलिस जांच से कैसे बचाया जाए. सरकारी वकील सौरिन घोषाल का यह भी दावा है कि, पुलिस को यह पता लगाने की जरूरत है कि व्हाट्सएप ग्रुप किसने बनाया.
पुलिस सूत्र ने बताया कि हम हर गिरफ्तार आरोपी का एक-दूसरे से आमना-सामना कराना चाहते हैं. जादवपुर विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र नेता अरित्रा मजूमदार को भी जादवपुर पुलिस स्टेशन ने मंगलवार शाम को बुलाया था. सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस के बाद, अरित्रा मजूमदार उर्फ अलू शाम को पुलिस स्टेशन में पेश हुए और जांचकर्ता ने आधी रात तक पूछताछ की.