भारत सरकार ने जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) के प्रोफेसर और उनकी के एक अविष्कार को पेटेंट प्रदान किया गया है. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मुन्ना खान और उनकी टीम ने "सामग्री के विश्लेषणात्मक लक्षण एवं पहचान के लिए विधि और उपकरण" का अविष्कार किया है. यह एक ऐसा अपकरण है जो मेडिकल फील्ड में बदलाव का कारण बन सकता है. इसे ठोस, तरल, और पाउडर रूपों में सामग्री की शुद्धता की जांच करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
जामिया के प्रोफेसर खान को मिला छठा पेटेंट
यह पेटेंट प्रोफेसर खान की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और उनका छठा पेटेंट है जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में है. उनकी नई और अलग तरह की सोच ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रमुख इनोवेटर बना दिया है. यह उपकरण ध्वनिक तकनीक (Acoustic technology) का इस्तेमाल करके सामग्री को बहुत सटीकता से जांचता है. इसमें एक वी-आकार के क्वार्ट्ज स्ट्रिप और पीजोइलेक्ट्रिक ट्रांसड्यूसर का उपयोग होता है. यह तरीका पारंपरिक विधियों से ज्यादा सरल, सस्ता और सुरक्षित है, और इसमें जटिल उपकरणों और हानिकारक विकिरण की जरूरत नहीं होती.
जेएमआई के कार्यवाहक कुलपति, प्रोफेसर मोहम्मद शकील ने प्रोफेसर खान और उनकी टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं हैं. इस सफलता के पीछे प्रोफेसर खान की टीम में डॉ. काशिफ आई.के. शेरवानी, डॉ. एमडी कैसर रज़ा, डॉ. शाइला पी.एस.एम.ए. सिर्देशमुख, और डॉ. अशोक कुमार सल्हान (जेएमआई विद्युत इंजीनियरिंग विभाग) शामिल हैं, साथ ही रक्षा संस्थान के वैज्ञानिक जी (डीआईपीएएस), डीआरडीओ, भारत सरकार से सेवानिवृत्त डॉ. अशोक कुमार सल्हान भी इस टीम का हिस्सा हैं.
मेडिकल फील्ड में बेहद का आएगा ये आविष्कार
यह नया पेटेंट न केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस प्रकार की नई खोज और नई सोच पर निर्भर करता है. यह उपकरण बिना किसी तैयारी के और बिना निगेटिव रेडिएशन के सामग्री का एनालाइज कर सकता है. इस कारण, यह विशेष रूप से डॉक्टरों के काम में मददगार है, जहां सटीकता और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है.
ताजा पेटेंट जेएमआई की बौद्धिक संपत्ति को और मजबूत करता है और इसे स्वास्थ्य सेवा में एक प्रमुख संस्थान बनाया है. इस पेटेंट के साथ, जेएमआई अब उन विश्वविद्यालयों में शामिल हो गया है जो मेडिकल तकनीक और सामग्री जांच में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. यह पेटेंट जेएमआई के शोध और विकास की क्षमताओं को दिखाता है और इसे नई तकनीकों के विकास और उनके इस्तेमाल में एक प्रमुख भूमिका निभाने का मौका देता है.
लेटेस्ट पेटेंट न केवल जेएमआई की बौद्धिक संपदा पोर्टफोलियो को मजबूत करता है, बल्कि विश्वविद्यालय को स्वास्थ्य सेवा नवाचार में अग्रणी स्थान पर स्थापित करता है. संस्थान उद्योगों के साथ सहयोग करने और इन तकनीकों के व्यावसायीकरण के लिए तत्पर है, जिससे प्रोफेसर खान के आविष्कार व्यापक बाजार तक पहुंच सकें और वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के परिणामों में सुधार कर सकें.