झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए हैं. 13 और 20 नवंबर को वोटिंग हुई और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जा रहे हैं. इस बार भी कल्पना सोरेन गांडेय सीट से मैदान में हैं. राजनीति में एंट्री से पहले ही कल्पना ने अपनी एक अलग पहचान बना ली थी. आइए जानते हैं, राजनीति में आने से पहले क्या करती थीं कल्पना सोरेन, कहां से की है पढ़ाई.
उड़ीसा में जन्मी हैं कल्पना
कल्पना सोरेन उड़ीसा के मयूरहंस जिले की रहने वाली हैं. उनका पैत्रिक गांव उड़ीसा के मयूरगंज जिले के बारीपदा में है. उनका जन्म 1976 में रांची में हुआ था. उनके पिता अंपा मुरमो सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी थे और उनकी मां एक हाउसवाइफ थीं. कल्पना सोरेन ने अपनी स्कूली पढ़ाई बारीपदा के केंद्रीय विद्यालय से पूरी की है. इसके बाद उन्होंने भुवनेश्वर के एक कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की. उनकी रुचि व्यवसाय प्रबंधन में थी, इसलिए बीटेक के बाद उन्होंने इसी विषय में एमबीए कर मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की.
प्ले स्कूल की संचालिका रह चुकी हैं कल्पना सोरेन
हेमंत और कल्पना सोरेन की शादी 7 फरवरी 2006 में हुई थी. इस दौरान हेमंत के पिता शीबू सोरेन कोयला मंत्री थे. बीबीसी न्यूज के अनुसार, झारखंड में उनकी पहचान एक बिजनेस वूमेन और समाजसेविका के तौर पर भी है. वे रांची में एक प्ले स्कूल की संचालिका रह चुकी हैं और एक निजी कंपनी की निदेशक भी रही हैं. फरवरी 2006 में हेमंत सोरेन से शादी के बाद से वे रांची में रहती हैं.
हेमंत और कल्पना सोरेन की फैमिली में कौन-कौन है?
हेमंत और कल्पना सोरेन के दो बेटे निखिल और अंश हैं, जिनकी सोशल अपीयरेंस काफी कम है. वे अपने मां-पिता के साथ ही मुख्यमंत्री आवास में रहते हैं. उनकी तस्वीरें कभी-कभार तब मीडिया में आती हैं, जब वे अपने पिता के साथ किसी सार्वजनिक समारोह में शिरकत करें. उनके दोनों बेटे अलग-अलग खेलों में भी हाथ आजमा रहे हैं और उन्हें कुछ पुरस्कार भी मिल चुके हैं. वे मीडिया से अलग रहते हैं.
राजनीति में एंट्री करते ही बनी पहचान
हिंदी और अंग्रेजी में धाराप्रवाह बोलने वाली कल्पना पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता दोनों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए चर्चित हो चुकी हैं. उनकी सभाओं में बड़ी भीड़ उमड़ती देखी गई. उन्होंने कम समय में ही अपनी संवाद शैली के जरिए लोकप्रियता हासिल कर ली. जनवरी 2024 में जब ईडी ने हेमंत सोरेन से लैंड स्कैम मामले में पूछताछ की और गिरफ्तार किया तो बाद हेमंत को इस्तीफा देना पड़ा और चंपई सोरेन मुख्यमंत्री बने. हेमंत 5 महीने तक जेल में रहे, और जब वे जमानत पर बाहर आए तो पार्टी में बगावत शुरू हो गई. चंपई सोरेन और अन्य नेताओं ने JMM छोड़कर BJP का दामन थाम लिया. इस संकट में हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन ने राजनीति में कदम रखा और पति की जिम्मेदारी संभाली.
लोकसभा चुनाव में कल्पना सोरेन ने जोरदार प्रचार किया और इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें. जून में गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ा और 26,000 वोटों से जीत हासिल की. विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने सबसे ज्यादा रैलियां की और झारखंड के हर हिस्से में प्रचार किया. गांडेय सीट से वह एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं.