झारखण्ड के राज्य भर के 10 वीं और 12वीं के छात्रों ने आज मंगलवार शिक्षा मंत्री का आवास का घेराव किया. वहीं भारी संख्या में छात्रों ने मेकॉन चौक डोरंडा के पास बीच सड़क पर बैठ कर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं करीब एक हजार की संख्या में राज्य के विभिन्न जिलों से आए छात्र अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
पिछले दिनों JAC (झारखण्ड एकेडमिक काउंसिल) की ओर से 10 वीं और इंटर का रिजल्ट जारी किया गया था. कोरोना संकट को देखते हुए यहां बगैर परीक्षा लिए ही रिजल्ट घोषित किया था. इसमें कई पास हुए तो कुछ के हाथ निराशा लगी. करीब 33 हजार से ज्यादा छात्र को जैक ने फेल घोषित कर दिया है. अब इसे लेकर फेल छात्रों में नाराजगी है. राज्यभर में जैक के फैसलों के खिलाफ उनमें उबाल है.
वहीं कुछ छात्राओं ने कहा कि JAC ने ऐसे छात्राओं को भी फेल कर दिया है जिन्होंने पहले वर्ष में बेहतर परिणाम दिया था. जैक के इस फैसले से सैकड़ों छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है. इंटर में फेल कई छात्रों, उनके परिजनों ने रांची सहित राज्य के दूसरे जिलों में भी सड़कों पर उतरकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि कॉलेज द्वारा कोरोना ने छात्रों की पढ़ाई का नुकसान तो किया ही उनके रिजल्ट के लिए अंक तैयार करने में ढंग से काम नहीं किया गया। इसमें जैक ने मनमर्जी दिखाई.
इसको लेकर छात्रों में खासी नाराजगी है और छात्र एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन उग्र न हो इसके लिए मौके पर पुलिस मौजूद है छात्रों को समझाने की काम कर रहे हैं. वहीं राज्य के विभिन्न जिलों से आए छात्रों का कहना है कि जैक ने सही तरीके से मूल्यांकन नहीं किया और जिसकी वजह से कई छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है. इसलिए हम लोग अपनी मांग रख रहे हैं और जैक फिर से मूल्यांकन करें.