झारखंड में सिपाही भर्ती परीक्षा में फिजिकल टेस्ट के दौरान करीब 11 अभ्यर्थियों की मौत के मामले से हड़कंप मचा हुआ है. अलग अलग जिले में इन अभ्यर्थियों की दौड़ने के दौरान मौत हो गई थी. आखिर ये मौतें कैसे हुईं, इसके पीछे क्या कारण रहे होंगे. ये सभी सवाल हर किसी को परेशान कर रहे हैं. इस पर एक्सपर्ट डॉक्टर्स भी अपना अपना पक्ष रख रहे हैं.
गौरतलब है कि झारखंंड में सिपाही भर्ती परीक्षा चल रही है. यह एग्जाम रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज जिले के सात केंद्रों पर लिया जा रहा है. इसके लिए सबसे पहले फिजिकल टेस्ट लिया जा रहा था. फिजिकल टेस्ट पास करने वाले अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में शामिल हो सकेंगे.
पुलिस का कहना है की इस दौरान रांची में 1, हजारीबाग और गिरिडीह में 4, पलामू में 4, मुसाबनी और साहेबगंज में 2 मौतें हुई है. पुलिस प्रवक्ता एवी.होमकर ने बताया कि केस दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है. अभ्यर्थियों के मौत को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं, डॉक्टर्स का कहना है कि जिन्होंने प्रैक्टिस नहीं की उनके साथ कुछ समस्या हो सकती है.
डॉक्टर्स ने बताए मौत के कारण
डॉक्टर्स कहते हैं कि अचानक दौड़ने पर प्रेशर के साथ ऑक्सीजन लेवल कम हो सकता है. साथ ही, स्टीरॉयड या एनर्जी ड्रिंक जैसे पदार्थ काफी हानिकारक हो सकते हैं. उन्होंने अपील की है कि ये जिंदगी का आखिरी इम्तेहान नहीं है, इसलिए अभ्यर्थियों को धैर्य रखना चाहिए. पलामू में बहाली देख रहे कमांडेंट रैंक के IPS अधिकारी मुकेश कुमार ने भी कहा कि अभ्यर्थियों को धैर्य रखने की जरूरत है. वो शॉर्ट कट न लें. एनर्जी ड्रिंक लेना या दवा लेना भी मौत का एक कारण हो सकता है जिसकी जांच की जा रही है. कुछ अभ्यर्थियों का व्यवहार भी अजीब था.
हालांकि बहाली में क्वालीफाई करने वाले महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के चेहरे दमक रहे हैं. उनका कहना है कि परिवार वाले चाहते थे कि सरकारी नौकरी लेकर वो समाज की सेवाकरने के साथ-साथ परिवार को भी सपोर्ट कर रहे हैं. किसी के पिता किसान हैं तो किसी के घर में कोई सरकारी नौकरी करने वाला नहीं है. महिला और पुरुष अभ्यर्थी कहते है कि उन्होंने दौड़ के लिए लम्बे समय से अभ्यास किया है ताकि उनकी टाइमिंग और स्टेमिना मेंटेन रहे. किसी ने यहां 28 मिनट तो किसी ने 32 तो किसी ने 52 मिनट में क्वालीफाई किया है. महिलाओं को 40 मिनट में 5 किलोमीटर और पुरषों को एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ लगाकर क्वालीफाई करना था.
किन अभ्यर्थियों की हुई मौत?
झारखंड के हजारीबाग जिले के पदमा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पिछले दिनों उत्पाद विभाग के सिपाही दौड़ में रामगढ़ जिले के मांडू थाना क्षेत्र के बलसागरा गांव के एक युवक महेश कुमार भी शामिल हुआ था. इस दौड़ के छठे राउंड के बाद महेश कुमार बेहोश हो गया जिसे आनन फानन में हजारीबाग सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया. महेश कुमार महतो के पिता मित्र लाल महतो ने आरोप लगाया है कि मेरे बेटे की जान प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई है.
पिता ने की बड़े बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग
हजारीबाग: महेश कुमार महतो मेरा छोटा बेटा था, मेरे दो बेटे हैं. आज मेरे बेटे का क्रिया कर्म चल रहा है. मेरे बेटे की अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नही मिली है. मित्र लाल महतो ने झारखंड सरकार से गुहार लगाई है कि हम गरीब परिवार से हैं मेरे बेटे की मौत का मुआवजा सरकार ने दिया फिर मेरे बड़े बेटे को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए. इस दुखद घटना ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया है. घरवालो के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
गिरिडीह: गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड के ग्राम मनिकबाद टोला बको के रहने वाले सूरज कुमार पिता प्रभु वर्मा जो उत्पाद सिपाही की दौड़ के लिए हजारीबाग के पदमा गया था. सूरज कुमार ने दौड़ निकाल भी लिया. लेकिन सूरज दौड़ निकालने के बाद बेहोश हो गया जिसके बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. जंहा इलाज के क्रम में सूरज कुमार ने दम तोड़ दिया था. सूरज कुमार अपने घर का इकलौता चिराग था, उसके पिता प्रभु वर्मा एक छोटे किसान हैं और मजदूरी करके सूरज को गरीबी के हालातों में पढ़ाया लिखाया.
वह काफी होनहार छात्र था, वह देवघर में रहकर पढ़ाई करता था और उसने जेपीएससी पीटी की परीक्षा भी निकाल ली थी और मेंस के रिजल्ट का इंतजार कर रहा था. सूरज की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. इधर सूरज के परिजन सरकार से परिवार के एक सदस्य को नौकरी और मुआवजा की मांग कर रहें हैं.
कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने कही ये बात
इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री रामदास सोरेन ने अलग ही बयान दिया है. उन्होंने कहा कि क्या किया जाए बहाली की प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाए क्या. इन लोगों ने 15 साल सत्ता में रहने के बावजूद बहाली क्यों नहीं की. पहले तो कहते है कि सरकार नियुक्ति नहीं देती. बरसात में जब दौड़ करवाया जा रहा है तो उसमे भी समस्या है.
पलामू में अब इन घटनाओं के बाद दौड़ कमांडेंट मुकेश कुमार ने बताया कि दौड़ सुबह 4 बजे से आयोजित करवाई जा रही है. इसके पहले पुलिस मुख्यालय ने एक वीडियो जारी कर बहाली प्रक्रिया जहां चल रही है, वहां अभ्यर्थियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं को गिनवाया था.