JPSC सिविल सर्विस एग्जाम 252 पदों के लिए लिया गया था उसे रद्द नहीं किया जाएगा, ये आयोग ने साफ कर दिया है. लिहाज़ा असफल अभ्यर्थी जो लगातार धांधली का आरोप लगा रहे थे और आंदोलन कर रहे थे उन्हें झटका लगा है. आयोग ने उम्मीदवारों के परीक्षा परिणाम पर उठाये गये 20 आपतियों का जवाब दिया है और कट ऑफ जारी किया है
उनका आरोप था कि इम्तहान के प्रीलिम्स एग्जाम में धांधली हुई है और वो अभ्यर्थी जो एक ही कमरे में थे और जिनका क्रमांक सीरियल में एक के बाद एक था, प्रीलिम्स एग्जाम में ऐसे 33 अभ्यर्थी आगे पीछे बैठने वाले क्वालीफाई कर गए हैं. इसी को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा था.
बीते मंगलवार को JPSC जुलूस के शक्ल में जा रहे अभ्यर्थियों पे लाठी चार्ज भी किया गया था. जुलूस का नेतृत्व BJP विधायक भानु प्रताप शाही और विधायक नवीन जैसवाल कर रहे थे. विधायकों समेत 14 पर व्यक्तिगत FIR किया गया है. साथ ही 300 से 400 अज्ञात पे भी मामला दर्ज हुआ है. राजभवन से JPSC अध्यक्ष अमिताभ चौधरी और रांची SSP को तलब किया गया था .
इसके बाद यहां की राजनीति भी गर्म हो गई थी, हालांकि अंत में JPSC ने रिजल्ट रद्द करने से पल्ला झाड़ लिया है और आपत्तियों का जवाब दिया है जो अभ्यर्थियों के द्वारा दर्ज थीं. आयोग की ओर से इस बाबत सूचना जारी कर दी गई है.
आयोग की सूचना के मुताबिक अनारक्षित श्रेणी का कट ऑफ 260 अंक, एसटी का कट ऑफ 230 अंक, एससी का कट ऑफ 238 अंक इबीसी (एनेक्चर वन) का कट ऑफ 252 अंक, बीसी (एनेक्स्चर टू ) का कट ऑफ 252 और इडब्लूएस कैटेगरी का कट ऑफ 238 अंक बताया है.
वहीं, झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन जो लगातार आंदोलन पे है उसके तरफ से अगुवाई कर रहे दवेंद्र ने बताया कि आयोग जो मौखिक जवाब देता था, वही उसने लिखित में भो दे दिया है. इस बात का जवाब अभी भी नहीं मिला कि अगर कट ऑफ हर वर्ग में 200 से ज़्यादा है तो पास लिस्ट में 115 अंक लाने वाले को कैसे रखा गया है. यूनियन बैठक करके अब फैसला लेगी की आयोग के खिलाफ अदालत जाना है या आंदोलन की आगे की रूप रेखा क्या होगी.