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JNU में AISA-ABVP के बीच तकरार, जानें कैंपस कब-कब बना छात्र संगठनों का अखाड़ा?

जेएनयू कैंपस में बीते पांच सालों से लेफ्ट और राइट दोनों गुटों के बीच हिंसा के कई मामले सामने आ चुके हैं. आइए जानें कब-कब इस तरह की घटनाएं हुई हैं.

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साल 2020 में भी हुई थी कैंपस में हिंसा
साल 2020 में भी हुई थी कैंपस में हिंसा

JNU Campus Violence: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) कैंपस में छात्र संगठनों के बीच टकराव का मामला फिर से सुर्ख‍ियों में है. जेएनयू कैंपस में बीजेपी से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के छात्रों के बीच जमकर नारेबाजी हुई है.

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ABVP ने AISA के छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाया है. लेकिन यह पहली बार नहीं है, जेएनयू कैंपस में बीते पांच सालों से दोनों गुटों के बीच हिंसा के कई मामले सामने आ चुके हैं. आइए जानें कि कब कब इस तरह की घटनाएं (Timeline JNU violence) हुई हैं. 

... 46 दिनों तक बंद करना पड़ा था जेएनयू

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ये वो दौर था जब जेएनयू की स्थापना के 12 साल हुए थे. 16 नवंबर 1980 से 3 जनवरी 1981 के बीच, 46 दिनों के लिए जेएनयू कैंपस को बंद करना पड़ा था. घटना के अनुसार जेम्स जी राजन नाम के एक छात्र ने कार्यवाहक कुलपति का अपमान किया था. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी में जेएनयू में गुंडागर्दी रोकने के लिए पुलिस को छात्रावासों पर छापा मारने का आदेश दिया था. इस दौरान राजन जी जेम्स की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद विश्वविद्यालय को 46 दिनों के लिए बंद रखा गया था.

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साल 2000: कल्चरल इवेंट के दौरान हुई हिंसा 

जेएनयू में साल 2000 में शायरा फहमीदा रियाज और शायर अहमद फ़राज एक कल्‍चरल इवेंट में आमंत्र‍ित थे. इस कार्यक्रम में दो आर्मी अफसरों ने विरोध किया, उनका विरोध पाकिस्तानी शायरों द्वारा युद्ध के खिलाफ गाई जा रही नज्म के खिलाफ था. उसी कार्यक्रम में आर्मी अफसरों के साथ स्टूडेंट्स की झड़प का मामला सामने आया था. आर्मी अफसरों ने पिटाई का आरोप लगाया था. 

2016 का अफजल विवाद पूरे देश में चर्चा का विषय बना 

साल 2016 में अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ जेएनयू में आयोज‍ित कार्यक्रम और वहां कथ‍ित तौर पर लगे नारों की चर्चा पूरे देश में हुई. कथित रूप से यहां देशविरोधी नारे लगाए गए जिसका एबीवीपी ने विरोध किया. मामले में जेएनयू के प्रेजिडेंट कन्‍हैया कुमार को अरेस्‍ट भी किया गया था. 

चार सालों में हुईं हिंसक घटनाएं

2016 में जेएनयू छात्र नजीब पर एबीवीपी के हमले के आरोप के बाद विरोध प्रदर्शन, हिंसक झड़पों की घटनाएं सामने आईं. 

2017 में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे मोहित और बाकी छात्रों ने हमले का आरोप लगाया, ये लोग नजीब मामले में प्रोटेस्ट कर रहे थे, तभी साबरमती ढाबे में आपसी झगड़े की घटना मिली. 

2018 में छात्रसंघ चुनाव से पहले बाद में और मतगणना के समय काउंटिंग रोकने और हमले की घटना सामने आई, चुनाव के बाद विक्ट्री मार्च के दौरान झड़प की घटना सामने आई. 

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2019 में 3, 4 और 5 जनवरी को लेफ्ट और राइट के छात्रों के बीच कई बार छोटी झड़प हुई.

2020 में लाइब्रेरी और जेएनयू के हॉस्टल में संद‍िग्ध लोगों के हमले की सूचना ने हड़कंप मचा दिया था. इसमें जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र बुरी तरह घायल हुए थे. इस मामले की अभी जांच जारी है, दिल्ली पुलिस ने तीन एफआईआर दायर की थी, जिस पर अभी तक चार्जशीट नहीं गई है.

अब हालिया क्रम में ABVP और AISA से जुड़े छात्रों की आपसी मारपीट का मामला सामने आया है. आरोप है कि कई छात्रों को चोट आई है, जिसके बाद AIIMS में इलाज करवाया गया. मामला 14 नवंबर रात 9 बजकर 45 मिनट का बताया जा रहा है.

 

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