उन्होंने कहा, "अनुसंधान तथा नवाचार की संस्कृति इस विवि की विशेषता रही है इस क्रम में आपने विवि से जो कुछ भी हासिल किया है. वो आपकी विरासत है. मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि शैक्षिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी आने वाली पीढि़यों को प्रोत्साहित करना भी आपका कर्त्तव्य है. आप सब जानते हैं कि 21 वीं सदी ज्ञान की सदी है. विचारधारा को राष्ट्रीय धारा से जोड़कर हम राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं."
उन्होंने कहा, "आप जहां भी जाएं अपनी जड़ों से जुड़े रहें. आपके कार्यक्षेत्र में भारतीय जीवन मूल्यों की स्पष्ट छाप दिखनी चाहिए. आप खुद को लगातार अपडेट, अपग्रेड और एजुकेट करते हुए आगे बढ़ें, वरना आउटडेट होने का खतरा हमेशा बना रहता है."
उन्होंने कहा, "गुरु शिष्य परंपरा वाले भारत की संस्कृति की अपनी अद्भुत परंपरा रही है. इस संस्कृति में पहले शिक्षा फिर दीक्षा और उसके बाद दीक्षांत और अंत में गुरु दक्षिणा का नंबर आता है. मैं आप सभी स्टूडेंट्स से अनुरोध करना चाहूंगा कि यदि आपके मन गुरुओं को गुरु दक्षिणा देने का भाव प्रकट होता है तो जरूर आप विद्यादान और ज्ञानदान दीजिए. साथ ही अपनी क्षमताओं से राष्ट्र को मजबूत कीजिए."
शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "इसमें कोई दो राय नहीं कि जेएनयू के छात्र-छात्राए भारत की शैक्षणिक व्यवस्था के ब्रांड एंबेस्डर हैं और पूरे विश्व में नाम रौशन कर रहे हैं. ऐसे में आज डिग्री और उपाधियों को पाने सभी छात्र एवं छात्राओं को मैं बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूं. और सभी अभिभावकों और गुरुजनों को अभिनंदन करता हूं."
Philosophy से अदिति कुमार, अमृता गोस्वामी समेत अन्य को डॉक्टोरेट की डिग्री दी गई.
दीक्षांत भाषण में शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान के इस दीक्षांत समारोह में भाग लेना मेरे लिए हर्ष और गौरव का विषय है. मुझे यकीन है कि यही गौरव और आनंद आप सब भी महसूस कर रहे होंगे. आज का दिन आप सभी के लिए परिवर्तन का दिन है. आज के दिन आप विश्वविद्यालय से पाए ज्ञान और अनुभव के साथ भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आगे बढ़ेंगे.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "किसी भी संस्थान की क्षमता का पता इस बात से लगता है कि उसके छात्र-छात्राएं जीवन में किन उपलब्धियों को हासिल कर रहे हैं. साथ ही राष्ट्र निर्माण में अपना कितना योगदान दे रहे हैं."
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे थे और यूनिवर्सिटी को गर्व होना चाहिए कि केन्द्रीय मंत्री निर्मली सीतारमण और जयशंकर सुब्रमण्यम जेएनयू के पूर्व छात्र हैं.
समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद छात्रों को संबोधित कर रहे हैं.
Hon'ble President of India Shri Ram Nath Kovind Ji attending the 4th convocation of JNU. @SanjayDhotreMP @rashtrapatibhvn @PIB_India @MIB_India @DDNewslive @EduMinOfIndia https://t.co/vGfHHqKjmC
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) November 18, 2020
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यूनिवर्सिटी में लड़कियों के लिए NCC की शुरुआत की जाएगाी जिससे हमारी बेटियां आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें.
दीक्षांंत समारोह को लाइव देखने के लिए यहां क्लिक करें
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "किसी भी संस्था की क्षमता का पता इस बात से चलता है कि वहां के छात्र किस तरह का योगदान कर रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि जेएनयू के छात्र दुनिया भर में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं."
डॉ सारस्वत ने कहा, "आज भारत में इनोवेशन और इंटप्रोन्योरशिप व ग्रामीण भारत पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. आज हम आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं."
डॉ सारस्वत ने कहा, "मैं इस पर विश्वास करता हूं कि आप जेएनयू में जो भी शिक्षा ले रहे हैं, वो आपको समाज का एक जागरूक युवा बना रही है. मैं चाहूंगा कि आप समाज में अपना अमूल्य योगदान दें."
डॉ सारस्वत के अनुसार, "चाणक्य ने कहा था कि शिक्षा इंसान की सबसे बड़ी दोस्त है. एक शिक्षित व्यक्ति को जगह सम्मान मिलता है."
चांसलर डॉ वीके सारस्वत ने नई शिक्षा नीति को क्रांतिकारी बताया और कहा कि यह अपने समय से आगे की सोच को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है और देश की शिक्षा व्यवस्थाा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.
चांसलर डॉ वीके सारस्वत ने अपने दीक्षांत भाषण में कहा कि मैं सबसे पहले सभी स्टूडेंट्स जो अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, उन्हें बधाई देता हूं. कोरोना पेनडेमिक के समय में ऐसा समारोह आयोजन करने के लिए मैं कुलपति का भी आभार व्यक्त करता हूं.
कोरोना पैनडेमिक के बावजूद हमने तय किया कि हमें ये समारोह वर्चुअल मोड में करेंगे. मैं पांच साल पहले आईआईटी दिल्ली से यहां कुलपति के तौर पर आया था. बीते सालों में हमने कई पाठ्यक्रम और सेंटर शुरू किए.
कुलपति एम जगदीश कुमार ने चांसलर की अनुमति से समारोह का उद्धाटन किया. अपने दीक्षांत भाषण में उन्होंने कहा कि ये तीसरा साल है जब हम चार दशक के गैप के बाद हम दीक्षांत समारोह आयोजित कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने अपना संबोधन शुरू किया और यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से डिग्री देने के कदम को बड़ा फैसला बताया.
जेएनयू का चौथा दीक्षांत समारोह वर्चुअल मोड में 2.30 से शुरू हुआ. इसमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि हैं और शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक विशिष्ट अतिथि हैं. दीक्षांत समारोह की शुरुआत रेक्टर बुड़ाकोटी ने उद्धाटन किया. फिर राष्ट्रगान के बाद जेएनयू के बारे में डॉक्यूमेंट्री के जरिये बताया गया. इस समारोह में 2.40 बजे तक वर्चुअल प्लेटफॉर्म से 400 से ज्यादा छात्र और शिक्षक जुड़ चुके हैं.