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हेल्पलाइन से लेकर हॉस्टल तक...इंडियन इंस्टीट्यूट ऐसे कर रहे अफगान स्टूडेंट्स की मदद

अफगानिस्तान के हालात पूरी तरह से बदल रहे हैं. देश के अलग अलग संस्थानों में पढ़ रहे अफगान छात्रों में अपने करियर और परिवार दोनों को लेकर चिंता है. ऐसे में भारतीय संस्थान अफगान छात्रों की हर तरह से मदद के लिए आगे आए हैं. पढ़ें-डिटेल...

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

अफगानिस्तान में जारी संकट के बीच भारत में पढ़ रहे वहां के छात्र अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं. अफगान छात्र जो भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में हायर एजुकेशन ले रहे हैं, उनमें से कई कोरोना वायरस महामारी के कारण अपने वतन वापस चले गए थे और स्थिति अनुकूल होने के बाद परिसरों में लौटने की उम्मीद कर रहे थे. कुछ छात्र जो वर्तमान में भारत में रह रहे हैं, वो अपने परिवार की घर वापसी की सुरक्षा के लिए भी चिंतित हैं. 

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इस बीच, भारतीय संस्थान इन छात्रों को वापस कैंपस में लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उनका भविष्य खतरे में न पड़े. सबसे पहले IIT बॉम्बे ने घोषणा की कि वहां अफगान छात्रों को परिसर में लौटने और छात्रावासों में रहने की अनुमति दी गई है. 

आईआईटी बॉम्बे ने आईसीसीआर से स्कॉलरश‍िप के तहत इस साल मास्टर कार्यक्रम में अफगानिस्तान के कुछ छात्रों को प्रवेश की पेशकश की थी. फिलहाल ऑनलाइन क्लासेज चल रही थीं, जिससे वो घर से ही क्लास में हिस्सा ले रहे थे. अब अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़ती परिस्थितियों के कारण वे अपने देश से बाहर आना चाहते थे और परिसर में छात्रावासों में शामिल होना चाहते थे. 

वहीं IIT दिल्ली ने अफगान छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है, जहां वे संस्थान से +91-011 26591713, +91-9811091942 पर या ईमेल intloff@admin.iitd.ac.in के जरिए संपर्क कर सकते हैं. संस्थान इन छात्रों के पीएचडी आवेदनों को अंतरराष्ट्रीय पीएचडी फैलोशिप प्रोग्राम (आईपीएफपी) के तहत लगातार रिसोर्स देगा जिससे छात्रों को आवेदन करने पर प्रवेश मिल सके. 

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IIT रुड़की में रजिस्टर्ड 144 अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 58 अफगानिस्तान से हैं. इनमें से 7 छात्र कैंपस में हैं जबकि 31 उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं. इस साल, संस्थान ने एमटेक और पीएचडी कार्यक्रमों में 11 अफगान छात्रों को रजिस्टर्ड किया था. IIT रुड़की के डीन ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस परमासिवन अरुमुगम ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि संस्थान इन सभी छात्रों को उनकी वापसी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इनविटेशन भेज रहा है. 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने 18 अगस्त को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की. इसमें कहा गया है कि सभी अंतरराष्ट्रीय छात्र जिनका वीजा जल्द ही समाप्त होने वाला है, उन्हें आवश्यक ओरिजनल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अपने संबंधित स्कूल / केंद्र के डीन / अध्यक्ष के पास जाना चाहिए. वहीं लवली पब्ल‍िक यूनिवर्सिटी में 170 अफगान छात्र पढ़ते हैं. यूनिवर्सिटी ने इन छात्रों को एग्जाम में रिलैक्सेशन देने की बात कही है.

 

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