दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने प्राइमरी टीचर एग्जामिनेशन में जाति सूचक सवाल डालने के लिए DSSSB के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. साल 2018 और 2019 में प्राइमरी टीचरों की भर्ती के लिए डीएसएसएसबी के द्वारा एग्जाम कराए गए थे. इस दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति से जुड़े कुछ ऐसे सवाल प्रश्न पत्र में थे जो अपमानजनक थे.
इसी को लेकर डीएसएसएसबी के चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी. बता दें कि साल 2018 में दिल्ली नगर निगम में प्राइमरी टीचर की भर्ती के लिए हुई परीक्षा में एक सवाल में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. इसके चलते विवाद खड़ा हो गया था और दिल्ली सरकार इस शब्द के इस्तेमाल से नाराज हुई थी.
दरअसल दिल्ली में दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड में एमसीडी में प्राइमरी टीचर के लिए परीक्षा कराई जिसमें हिंदी भाषा और बोध वाले प्रश्नपत्र में एक सवाल पूछा गया था. आपको बता दें कि अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल जातियों के नाम लेना भी कानूनन अपराध माना जाता है.
यही नहीं, हाल ही में देश के एक उच्च न्यायालय ने भी दलित शब्द के इस्तेमाल तक पर रोक लगाई थी और केवल अनुसूचित जाति शब्द इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी. ऐसे में जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल परीक्षा में किया जाना आपत्तिजनक तो है ही, साथ ही सवालिया निशान लगाता है कि आखिर कैसे इतने ऊंचे स्तर पर ये चूक हुई. फिलहाल कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं.