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COVID- 19 से लड़ने के लिए इन बच्‍चों के इनोवेशंस ने किया हैरान, जीता Young Innovator Design Challenge 2020

NXP Young Innovator Design Challenge 2020: इस साल स्कूली बच्चों के लिए NXP के इनोवेशन चैलेंज का दूसरा सीजन था और विषय था 'Let's fight Covid-19 together'. कक्षा 6 से 12 तक के लगभग 100 छात्रों ने चुनौती में भाग लिया. रोबोटिक यूवी लाइट बॉक्स, एक रोबोट जो बॉडी वाइटल्‍स को मॉनिटर करता है, और एक ऑटोमेटेड बैग वाल्व-आधारित वेंटिलेटर जैसे प्रोटोटाइप्स ने सबका ध्‍यान खींचा. 

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NXP 2020 Young Innovators Award
NXP 2020 Young Innovators Award

NXP Young Innovator Design Challenge 2020: NXP सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के सबसे बड़े RnD सेंटर NXP इंडिया लिमिटेड ने, अगस्त में 'युवा इनोवेटर्स चैलेंज' का आयोजन किया ताकि युवा दिमाग को अपनी रचनात्मकता और नवाचार को परीक्षण में लाने की चुनौती दी जा सके. इसमें बच्‍चों को Covid-19 से निपटने के लिए अपने 'आउट ऑफ द बॉक्‍स' विचारों को सामने रखने का मौका दिया गया और बच्‍चों ने इस मौके पर उम्‍मीद से कहीं ज्‍यादा कर के दिखाया. रोबोटिक यूवी लाइट बॉक्स, एक रोबोट जो बॉडी वाइटल्‍स को मॉनिटर करता है, और एक ऑटोमेटेड बैग वाल्व-आधारित वेंटिलेटर जैसे प्रोटोटाइप्स ने सबका ध्‍यान खींचा. 

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इस साल स्कूली बच्चों के लिए NXP के इनोवेशन चैलेंज का दूसरा सीजन था और विषय था 'Let's fight Covid-19 together'. कक्षा 6 से 12 तक के लगभग 100 छात्रों ने चुनौती में भाग लिया. जूनियर कैटेगरी (कक्षा 6 से 8) में, स्वप्निल डे को 'द रोबोटिक अल्ट्रा-वायलेट लाइट बॉक्स' प्रोटोटाइप बनाने के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो एक ट्यूब लैंप से कम आवृत्ति वाली UV-C किरणों का उत्सर्जन करता है और कोरोनो वायरस को मारता है. वहीं सीनियर कैटेगरी (कक्षा 9 से 12) में, अक्षत शर्मा को उनके अनूठे 'कोरोनबोट' के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया, जो एक ऐसा रोबोट है जो आपके तापमान, आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य आदि की जांच करते हुए आपके शरीर के अंगों के वाइटल्‍स पर नजर रखता है, क्लाउड पर डेटा अपलोड करता है और एलेक्सा के साथ कनेक्‍ट भी हो सकता है.

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हालांकि, शो के स्टार क्लास- 4 के छात्र क्षितिज गोयल रहे. क्षितिज इस आयोजन में 9 साल के सबसे छोटे इनोवेटर थे और उन्‍होंने जूनियर वर्ग में स्पेशल ज्यूरी इनोवेशन अवार्ड के साथ-साथ ऑडियंस चॉइस अवार्ड भी जीता. क्षितिज ने एक सांस लेने वाला उपकरण संजीवनी तैयार किया, जो एक स्वचालित बैग वाल्व मास्क है जो Covid-19 जैसे तीव्र श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए एक अस्थायी वेंटीलेटर मशीन के रूप में कार्य कर सकता है. 

पांच लंबे महीनों की लंबी स्‍क्रूटनी के बाद, 13 बच्चों को फाइनल राउंड के लिए चुना गया था जहां उन्होंने प्रोफेसर पीवी मधुसूदन राव, IIT, डॉ रमेश बाबू, वरिष्ठ वीपी और प्रमुख NIIT टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, डॉ शिवानी मल्होत्रा, प्रो और डीन चितकारा यूनिवर्सिटी, श्रीनिवास कोटा, मुख्य वैज्ञानिक, CSIR चेन्नई सेंटर, और अन्य के सामने अपने प्रोटोटाइप के लाइव डेमो प्रस्तुत किए. अंतिम मूल्यांकन विचार, नवीनता, बाजार प्रासंगिकता, प्रदर्शन, समय प्रबंधन और प्रभावी संचार के आधार पर किया गया और आठ बच्चे अलग-अलग कैटेगरीज के तहत जीते. 

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