स्कूल ऑफ कंप्यूटर इंजीनियरिंग, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के प्रोफेसर विश्वरंजन आचार्य ने अपनी टीम के साथ, एक अनूठे और कम लागत की एक डिवाइस बनाई है जो इसके प्रयोग करने वाले की एंजाइटी को कंट्रोल करने का दावा करती है.
एंजाइटी व्यक्ति के जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है. इस विकार से जूझने से व्यक्ति में आत्मविश्वास कम हो सकता है. एंजाइटी का सबसे बुरा असर व्यक्ति को आत्महत्या की ओर ले जा सकता है.
एंजाइटी कंट्रोल डिवाइस ऐसे करता है काम
इस डिवाइस में बाएं और दाएं अल्ट्रासोनिक सेंसर, एक प्री-रिकॉर्ड वॉयस जनरेटेड यूनिट, एक विजुअल सेंसर, एक वाइब्रेशन सेंसर, एक पावर बैकअप फैशेल्टी और एक माइक्रोकंट्रोलर-आधारित प्रोसेस यूनिट से लैस होता है. इसके साथ ही इस डिवाइस में कई सेंसर लगे हैं जिसकी मदद से उपयोगकर्ता की रियल टाइम हेल्थ डेटा एकत्र करते हैं.
इसके अलावा, इसकी एक यूनिट भी है जो उपयोगकर्ता के साथ बातचीत कर सकती है और उपयोगकर्ता से उसके मेंटल हेल्थ की स्थिति के बारे में इनपुट जमा कर सकती है. उपयोगकर्ता से एकत्र किए गए इनपुट का एनालाइज कर उसकी मन स्थिति और तनाव के स्तर का आकलन निर्धारण यूनिट द्वारा किया जाता है.
आचार्य ने दावा किया “डिवाइस 24×7 व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पैरामीटर की निगरानी करेगा. आपात स्थिति के मामले में, यह तुरंत अलार्म बजाएगा. इसे इस तरह से कॉन्फ़िगर किया जा सकता है कि यह आपातकालीन सहायता के लिए नजदीकी अस्पताल को अलर्ट भेजता है और अपने रिश्तेदारों को सूचित करता है. उन्होंने बताया कि "डिवाइस एक्सिस एक्सेलेरोमीटर, अल्टीमीटर, बायो इम्पीडेंस सेंसर, ईसीजी सेंसर, ऑप्टिकल हार्ट रेट सेंसर, पल्स ऑक्सीमीटर, टेंप्रेचर सेंसर और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जैसे विभिन्न सेंसर का उपयोग करता है।"
प्रोफेसर ने बताया कि यदि डिवाइस को लगता है कि तनाव का स्तर अधिक है और व्यक्ति इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक सुनना पसंद करता है, तो वह संगीत बजाना शुरू कर देगा. अगर डिवाइस को पता चलता है कि व्यक्ति अकेला महसूस कर रहा है, तो यह उसके साथ बातचीत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि व्यक्ति सामान्य मूड में वापस आ गया है.