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कुडुख भाषा के बारे में जानिए, जिसका PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के 108वें एपिसोड में कई मुद्दों और उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए अपनी भाषाओं को बचाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि बदलते हुए समय में हमें अपनी भाषाएं बचानी भी हैं और उनका संवर्धन भी करना है. इस दौरान उन्होंने कुडुख भाषा का भी जिक्र किया.

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'मन की बात' के दौरान पीएम मोदी (फोटो: @Narendra Modi यूट्यूटब चैनल स्क्रीन ग्रैब)
'मन की बात' के दौरान पीएम मोदी (फोटो: @Narendra Modi यूट्यूटब चैनल स्क्रीन ग्रैब)

PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' का 108वां एपिसोड रविवार (31 दिसंबर 2023) को  प्रसारित हुआ. इस मौके पर उन्होंने देश की कई विशेष उपलब्धियों जैसे  'नारी शक्ति वंदन अधिनियम', भारत के 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने, G20 Summit से लेकर दिवाली पर रिकॉर्ड कारोबार का जिक्र किया. 'मन की बात' में उन्होंने झारखंड के एक आदिवासी गांव के स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाने वाली मातृभाषा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बदलते हुए समय में हमें अपनी भाषाएं बचानी भी हैं और उनका संवर्धन भी करना है.

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पीएम मोदी ने 'मन की बात' में उन्होंने कहा, मैं आपको झारखंड के एक आदिवासी गांव के बारे में बताना चाहता हूं. इस गांव ने अपने बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने के लिए एक अनूठी पहल की है. गढ़वा जिले के मंगलो गांव में बच्चों को कुडुख भाषा में शिक्षा दी जा रही है. इस स्कूल का नाम है, 'कार्तिक उरांव आदिवासी कुडुख स्कूल'. इस स्कूल में 300 आदिवासी बच्चे पढ़ते हैं.

पीएम मोदी ने कुडुख भाषा के बारे बताया
उन्होंने कहा, 'कुडुख भाषा, उरांव आदिवासी समुदाय की मातृभाषा है. कुडुख भाषा की अपनी लिपि भी है, जिसे 'तोलंग सिकी' नाम से जाना जाता है. ये भाषा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही थी, जिसे बचाने के लिए इस समुदाय ने अपनी भाषा में बच्चों को शिक्षा देने का फैसला किया है. इस स्कूल को शुरू करने वाले अरविन्द उरांव कहते हैं कि आदिवासी बच्चों को अंग्रेजी भाषा में दिक्कत आती थी इसलिए उन्होंने गांव के बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाना शुरू कर दिया. उनके इस प्रयास से बेहतर परिणाम मिलने लगे तो गांव वाले भी उनके साथ जुड़ गए.

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पीएम मोदी ने कहा, 'अपनी भाषा में पढ़ाई की वजह से बच्चों के सीखने की गति भी तेज हो गई. हमारे देश में कई बच्चे भाषा की मुश्किलों की वजह से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे. ऐसी परेशानियों को दूर करने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भी मदद मिल रही है. हमारा प्रयास है कि भाषा, किसी भी बच्चे की शिक्षा और प्रगति में बाधा नहीं बननी चाहिए.

'मन की बात' के 108वें अंक का महत्व
पीएम मोदी ने इस एपिसोड की शुरुआत करते हुए 108वें अंक का महत्व भी बताया. उन्होंने कहा, हमारे यहां 108 अंक का महत्व, उसकी पवित्रता, एक गहन अध्ययन का विषय है. माला में 108 मनके, 108 बार जप, 108 दिव्य क्षेत्र, मंदिरों में 108 सीढ़ियां, 108 घंटियां, 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है. इसलिए 'मन की बात' का 108वां एपिसोड मेरे लिए और खास हो गया है. इन 108 एपिसोड में हमने जनभागीदारी के कितने ही उदाहरण देखे हैं, उनसे प्रेरणा पाई है. अब इस पड़ाव पर पहुंचने के बाद, हमें नए सिरे से, नई ऊर्जा के साथ और तेजगति से, बढ़ने का, संकल्प लेना है और ये कितना सुखद संयोग है कि कल का सूर्योदय, (2024 का) प्रथम सूर्योदय होगा. हम वर्ष 2024 में प्रवेश कर चुके होंगे. आप सभी को 2024 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

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