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जानिए- कितना पढ़े-लिखे हैं MP के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन यादव का नाम फाइनल किया जा चुका है. उनके साथ ही दो नाम और चर्चा में हैं, जो‍कि डिप्टी सीएम पद के लिए चुने गए हैं, वो हैं जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला. आइए जानते हैं दोनों कितने पढ़े-लिखे हैं.

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राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा (बाएं से दाएं)
राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा (बाएं से दाएं)

मध्यप्रदेश की राजनीति की चर्चा पूरे देश में हो रही है. यहां बीजेपी की धुआंधार जीत के बाद मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पदों के नाम सामने आ चुके हैं. यहां मुख्यमंत्री के पद पर जहां पढ़ाई लिखाई में अव्वल रहे मोहन यादव को चुना गया है. वहीं उप मुख्यमंत्री पद पर दो चेहरे चुने गए हैं, वो जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला. आइए यहां जानते हैं कि कौन हैं ये दोनों उप मुख्यमंत्री और पास में हैं कितनी डिग्र‍ियां.   

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अगर जगदीश देवड़ा की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी में उनकी एक कद्दावर नेता की छव‍ि है. वो मध्य प्रदेश के मल्हारगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. उनके पिता का नाम गेंदालाल जी देवड़ा है. जगदीश देवड़ा साल 2008 से मल्हारगढ़ से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं.  उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में मल्हारगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 59,024 वोटों से जीत हासिल की. यहां उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार श्यामलाल जोकचंद को हराया है. 

उनकी शैक्षण‍िक योग्यता की बात करें तो जगदीश देवड़ा ने अर्थशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एम.ए.) की डिग्री हासिल की है. उन्होंने रामपुरा, नीमच, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, 1979 में पढ़ाई पूरी की. छात्र राजनीति में भी उनका काफी नाम रहा. 

वहीं दूसरा नाम है मध्य प्रदेश के जाने-माने नेता राजेंद्र शुक्ला का. इनका साल 1964 में रीवा मध्यप्रदेश में हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके पिता भाईलाल शुक्ला ठेकेदार रहे हैं. राजेंद्र शुक्ला ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. अपने नेतृत्व करने की प्रतिभा का प्रदर्शन उन्होंने छात्र जीवन में ही कर दिया था. साल 1986 में वो सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए थे. इसके बाद पहली बार उन्हें 2003 में विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला. यह उनके सक्र‍िय राजनीति का दौर था. इसके बाद राजेन्द्र शुक्ल साल 2008 और 2013 में हुए विधान सभा चुनाव में दो बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए. शिवराज सिंह चौहान सरकार के तहत 2013 में केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 

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