सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 12वीं क्लास की परीक्षा रद्द होने के बाद राज्य बोर्ड की परीक्षाएं भी कैंसिल की जा रही हैं. हरियाणा और गुजरात के बाद अब मध्य प्रदेश की राज्य बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले का ऐलान किया है. मध्य प्रदेश के बाद अब सबकी नजर यूपी और महाराष्ट्र बोर्ड पर टिकी है.
सीएम शिवराज सिंह ने कहा, 'मध्य प्रदेश में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं इस वर्ष अयोजित नहीं की जाएंगी. बच्चों की ज़िंदगी हमारे लिए अनमोल है. करियर की चिंता हमलोग बाद में कर लेंगे. बच्चों पर जिस समय कोरोना का बोझ है, उस समय हम उन पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ नहीं डाल सकते.'
उन्होंने कहा कि 12वीं बोर्ड के रिजल्ट किस आधार पर तैयार किए जाएंगे ये तय करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया है. जो विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद आंतरिक मूल्यांकन या अन्य आधारों पर विचार करेंगे और रिजल्ट का तरीका तय करेंगे.
सीएम शिवराज ने कहा, 'हमने 10वीं बोर्ड की परीक्षा को न कराने का फैसला लिया था. 10वीं के बच्चों का परिणाम आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया जाएगा.'
मध्यप्रदेश में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ इस वर्ष अयोजित नहीं की जाएंगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 2, 2021
बच्चों की ज़िंदगी हमारे लिए अनमोल है। करियर की चिंता हमलोग बाद में कर लेंगे। बच्चों पर जिस समय #COVID19 का बोझ है, उस समय हम उन पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ नहीं डाल सकते! pic.twitter.com/jwvS6BfIlG
बता दें कि बच्चों के पैरेंट्स ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से गुहार लगाई थी कि कोरोना के मद्देनजर बच्चों की स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया जाए. अब सरकार के इस फैसले के बाद बच्चों और उनके अभिभावकों राहत मिली है.
कोरोना वायरस के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए इससे पहले मध्य प्रदेश बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया था. साथ ही 10वीं के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेस्मेंट) के जरिए पास करने का फैसला किया था. इस मूल्यांकिन में मिड-टर्म परीक्षा, प्री-बोर्ड, टेस्ट यूनिट्स और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार करने का निर्णय लिया गया था.