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'राजा के विरोधी-अकेली महिलाओं को नहीं मिले इलाज...' जानें क्‍या है चरक शपथ जिस पर छिड़ा है बवाल

Charak Shapath Row: चरक शपथ यह कहती है कि असामान्य, दुष्ट, और दयनीय चरित्र के लोग, ऐसे लोग जो मृत्यु के कगार पर हैं, और वे महिलाएं जिनके साथ अपने पति या अभिभावक नहीं हैं, उन्‍हें उपचार नहीं दिया जाना चाहिए. शपथ राजा के विरोधियों को भी इलाज न देने की बात कहती है.

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Charak Oath:
Charak Oath:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बहाल हो गए बर्खास्‍त हुए कॉलेज के डीन
  • शपथ के रिग्रेसिव होने की उठ रही है बात

Charak Shapath Row: प्राचीन भारतीय चिकित्‍सा पद्यति आर्युवेद के रचयिताओं में प्रमुख रहे महर्षि चरक एक बार फिर चर्चा में हैं. बीते 30 अप्रैल को मदुरै मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अपना कोर्स शुरू करते समय पारंपरिक हिप्‍पोक्रेटिक शपथ के बजाय चरक शपथ ली जिसके बाद विवाद शुरू हो गया. चरक शपथ को अनैतिक और रिग्रेसिव बताते हुए उसकी आलोचना की जा रही है. बता दें कि आज के मेडिकल जगत में चरक शपथ को आमतौर पर भेदभावपूर्ण माना जाता है.

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क्‍या है अभी तक का विवाद
विवाद बढ़ने के बीच कॉलेज के डीन डॉ रथिनवेल को बर्खास्त कर दिया गया जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु राज्य विधानसभा में घोषणा की है कि डॉ रथिनवेल को मदुरै मेडिकल कॉलेज के डीन के रूप में बहाल कर दिया है. 

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) बीते फरवरी से ही हिप्पोक्रेटिक शपथ को चरक शपथ से बदलने पर विचार कर रहा था. 25 मार्च को, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्‍यमंत्री, भारती प्रवीण पवार ने कहा कि हिप्पोक्रेटिक शपथ को चरक शपथ के साथ बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं था. एक हफ्ते बाद, NMC ने 31 मार्च को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें आठ बिंदुओं के साथ संशोधित महर्षि चरक शपथ शामिल थी.

क्‍या है चरक शपथ और किन बिंदुओं पर हैं विवाद?
महर्षि चरक शपथ एक शपथ है जो प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ 'चरक संहिता' में मौजूद है. इसमें मनुष्यों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक व्यवहार, बीमारियों और उनके उपचार पर टिप्पणियां शामिल हैं. इस शपथ को शिष्य को मेडिकल की पढ़ाई करने से पहले लेना जरूरी होता है. 

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शपथ के अंग्रेजी अनुवाद के अनुसार, छात्र को यह शपथ पवित्र अग्नि, ब्राह्मणों और चिकित्सकों की उपस्थिति में लेनी होती है. शपथ कहती है, "तू एक ब्रह्मचारी का जीवन व्यतीत करेगा, अपने बाल और दाढ़ी बढ़ाएगा, केवल सत्य बोलेगा, मांस नहीं खाएगा, केवल शुद्ध भोजन खाएगा, ईर्ष्या से मुक्त होगा और कोई हथियार नहीं रखेगा."

हिप्पोक्रेटिक शपथ से क्‍या है फर्क?
आधुनिक हिप्पोक्रेटिक शपथ और महर्षि चरक शपथ के बीच का अंतर यह है कि आज के समय में डॉक्‍टरों को अपने मरीज की पृष्ठभूमि या चरित्र की परवाह किए बिना इलाज करने की शपथ दी जाती रही है मगर चरक शपथ इसकी इजाज़त नहीं देती. चरक शपथ के अनुसार, "कोई भी व्यक्ति जो राजा से घृणा करता है, या जिससे राजा घृणा करता है, या जो जनता से घृणा करता है, या जिससे जनता घृणा करती है, उसका इलाज नहीं किया जाना चाहिए."

चरक शपथ यह भी कहती है कि असामान्य, दुष्ट, और दयनीय चरित्र के लोग, ऐसे लोग जो मृत्यु के कगार पर हैं, और वे महिलाएं जिनके साथ अपने पति या अभिभावक नहीं हैं, उन्‍हें उपचार नहीं दिया जाना चाहिए. चरक शपथ का एक और विवादास्पद खंड छात्र को शिक्षक के प्रति आज्ञाकारी होने का भी निर्देश देता है. शपथ कहती है, "तू अपने आप को मुझे समर्पित करना, और मुझे अपना प्रधान समझना. तू मेरे साथ सेवा करना और मेरे साथ पुत्र या दास या याजक की तरह रहना."

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(इंडिया टुडे के लिए गौतम बालाजी की रिपोर्ट)

 

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