देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म Brainly ने सर्वे कर यह जानने का प्रयास किया कि स्टूडेंट्स के पसंदीदा नेशनल हीरो कौन हैं. 5.5 करोड़ से अधिक भारतीय छात्रों के स्टूडेंट बेस के साथ, भारत के इतिहास और इसके राष्ट्रीय नायकों के बारे में जागरूकता का आकलन करने के लिए मिडिल और हाई स्कूल के छात्रों के साथ यह सर्वे किया गया. इस सर्वे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 41% वोटों के साथ सबसे पसंदीदा और प्रेरक राष्ट्रीय नायक के रूप में उभरे. युवा क्रांतिकारी भगत सिंह 32% मतों के साथ दूसरे सबसे लोकप्रिय हीरो बने.
सर्वे की मुख्य बातें
- कुल 59% स्टूडेंट्स को यह सही जानकारी थी कि यह स्वतंत्रता का 75वां वर्ष है.
- कुल 50% स्टूडेंट्स ने माना कि ऐसे ऐतिहासिक ज्ञान के लिए स्कूल उनका प्राथमिक स्रोत है जबकि 17% ने ऑनलाइन रीसर्च को अपना सोर्स बताया. केवल 13% ने कहा कि उन्हें अपने घर पर या अपने माता-पिता से ये जानकारी मिली हैं.
- कुल 47% छात्र सरदार वल्लभभाई पटेल को उनके साहस और निडरता के लिए 'भारत का लौह पुरुष' कहे जाने के बारे में जानते थे.
- कुल 89% ने कहा कि वे भारत और उसके स्वतंत्रता आंदोलनों के बारे में और अधिक जानने के इच्छुक हैं.
महिला स्वतंत्रता सेनानियों, मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूकता की कमी
सर्वे से भारत की महिला स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय संविधान के बारे में बच्चों की सीमित जागरूकता का भी पता चला. स्वाधीनता सेनानी मातंगनी हाजरा के बारे में केवल 22% छात्र ही जानते थे, जिनकी याद में कोलकाता में किस महिला क्रांतिकारी की पहली प्रतिमा बनाई गई थी. साथ ही, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लिए भारतीय नागरिकों प्राप्त मौलिक अधिकारों की जानकारी केवल 40% छात्रों को ही थी.
क्या थ सर्वे का उद्देश्य?
Brainly के मैनेजिंग डायरेक्टर नरसिम्हा जयकुमार ने कहा, "यह सर्वेक्षण आज के छात्रों के बीच स्वतंत्रता दिवस की प्रासंगिकता और अपने स्वाधीनता सेनानियों के बारे में उनकी जागरूकता को मापने का एक प्रयास था. हमारे शोध से पता चलता है कि छात्र हमारे इतिहास के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं लेकिन सही जानकारी के वितरण में एक गैप है जिसे ठीक करना बेहद जरूरी है.''
उन्होंने आगे कहा, ''आज, भारत में 25 वर्ष से कम आयु के लगभग 55 करोड़ बच्चे हैं, जो दुनिया में सबसे बड़ी युवा आबादी है. यही युवा भारत का भविष्य तय करेंगे. इन्हें इस राष्ट्र के निर्माण में दिए गए बलिदानों और उन अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए जो हमें नागरिकों के रूप में प्राप्त हैं.''