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यूक्रेन से MBBS कर रहे छात्रों का भविष्‍य अधर में! NMC गाइडलाइंस से डिग्री बर्बाद होने का भी है खतरा

Ukraine Medical Students: जानकारी के अुनसार, लगभग 18 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं जो अब तेजी से वतन वापस लौट रहे हैं. इन छात्रों के सामने अब एक और समस्‍या खड़ी हो गई है. अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ कर आए छात्रों का भविष्‍य फिलहाल अधर में है. 

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Ukraine Medical Students:
Ukraine Medical Students:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीच में कोर्स छोड़कर लौटे हैं मेडिकल के छात्र
  • भारतीय यूनिवर्सिटी में नहीं मिल सकता एडमिशन

Ukraine Medical Students: युद्ध अपने साथ हमेशा हजारों समस्‍याएं लेकर आता है. यूक्रेन में जारी रूसी सैन्‍य कार्यवाही के चलते हालात बद्तर हो चुके हैं और अब वहां पढ़ रहे भारतीय छात्र वापस लौटने लगे हैं. बता दें कि रूसी बमबारी में कल 01 मार्च को एक भारतीय छात्र की खारकीव में मौत भी हो गई है जिसके बाद भारत ने रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. जानकारी के अुनसार, लगभग 18 हजार भारतीय छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं जो अब तेजी से वतन वापस लौट रहे हैं. इन छात्रों के सामने अब एक और समस्‍या खड़ी हो गई है. अपनी मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ कर आए छात्रों का भविष्‍य फिलहाल अधर में है. 

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क्‍या भारत में पूरा कर सकते हैं कोर्स?
फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट (FMG) के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा जारी 2021 गाइडलाइंस के अनुसार, MBBS कोर्स के बीच में किसी विदेशी यूनिवर्सिटी से किसी भारतीय यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर की अनुमति नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि दोनो के लिए एडमिशन दिशानिर्देश और चयन मानदंड अलग-अलग हैं. FMG केवल अपना कोर्स पूरा करने के बाद और जरूरी इंटर्नशिप खत्‍म करने के बाद ही प्रैक्टिस के लिए भारत लौट सकते हैं. 

क्‍यों है डिग्री खराब होने का खतरा?
गाइडलाइंस के अनुसार, अपना कोर्स पूरा करने के बाद, FMG को अपने ही मेडिकल संस्थान से 12 महीने की इंटर्नशिप पूरी करनी होती है. इसके बाद, भारत लौटकर यहां पर 12 महीने की इंटर्नशिप पूरी करनी होगी. यूक्रेन में MBBS कोर्स की अवधि 6 वर्ष है, जिसके बाद 2 वर्ष इंटर्नशिप करनी होती है जिसमें कुल 8 वर्ष का समय लग जाता है. 2021 FMG गाइडलाइंस के अनुसार, किसी MBBS उम्मीदवार को अपना कोर्स शुरू करने के बाद 10 साल के भीतर मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अप्‍लाई करना होता है.

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ऐसे में छात्रों के पास एक 2 साल की विंडो रहती है जिस दौरान वे भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं. यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों के पास कोर्स पूरा करने को लेकर कोई स्‍पष्‍टीकरण नहीं है. न ही ऐसी कोई जानकारी है कि छूट हुआ कोर्स कब पूरा होगा, या पूरा हो सकेगा या नहीं. अगर MBBS एडमिशन के बाद से कोर्स और इंटरर्नशिप पूरा करने में 10 साल से अधिक समय लगता है, तो छात्रों की MBBS की डिग्री भी बर्बाद चली जाएगी.

क्‍या है छात्रों के पास उपाय?
वर्तमान में FMG के लिए भारतीय यूनिवर्सिटी में एडमिशन का कोई प्रावधान नहीं है. संभव है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों के लिए 'लेटरल एंट्री' जैसा कोई नया नियम लाया जाए. जानकारी के अनुसार, NMC अधिकारियों ने कुल छात्रों को संयम बरतने को कहा है जब तक कि कोई निर्णय नहीं लिया जाता. जब तक जारी संघर्ष का धुंआ छंट नहीं जाता, तब तक छात्रों के भविष्‍य पर भी बादल मंडराते रहेंगे.

नेशनल मेडिकल कमीशन का गजट नोटिफिकेशन यहां देखें

 

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