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1 लाख 24 हजार की बढ़ी हुई सैलरी ही नहीं, सांसदों को सोफे-पर्दों की फ्री धुलाई के लिए भी मिलते हैं भत्ते

सांसदों की सैलरी में 24 प्रतिशत की बढ़ेत्तरी की गई है लेकिन एक सांसद को सिर्फ सैलरी ही नहीं, कई सुविधाएं मिलती हैं. एक सांसद को इतने भत्ते मिलते हैं कि टेलीफोन, चिकित्सा, ट्रेैवल आदि में कहीं उनकी सैलरी का एक भी रुपया खर्च नहीं होता. आइए जानते हैं वेतन और दैनिक भत्ते के अलावा, भारतीय सांसद को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं.

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Member of Parliament Salary and Allowances
Member of Parliament Salary and Allowances

2018 में भारतीय संसद में कार्यरत सांसदों का वेतन बढ़ाया गया था और तब से यह तय किया गया था कि हर पांच साल में महंगाई के आधार पर सांसदों के वेतन में वृद्धि की समीक्षा की जाएगी. इसी नीति के तहत, अब अप्रैल 2023 से सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. इसका मतलब यह है कि अब सांसदों को हर महीने एक लाख रुपये के बजाय 1.24 लाख रुपये वेतन मिलेगा. इसके अलावा, सांसदों के दैनिक भत्ते में भी बढ़ोतरी की गई है, अब वे 500 रुपये की अतिरिक्त वृद्धि के बाद 2500 रुपये प्रतिदिन का भत्ता प्राप्त करेंगे.

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पूर्व सांसदों की पेंशन में वृद्धि:

पूर्व सांसदों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई है. अब उन्हें 25,000 रुपये के बजाय 31,000 रुपये मिलेंगे. यदि कोई पूर्व सांसद पांच साल से अधिक समय तक सांसद रहे हैं, तो उन्हें अतिरिक्त पेंशन मिलती है. पहले उन्हें हर साल 20,000 रुपये अतिरिक्त पेंशन मिलती थी, अब यह बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति माह कर दी गई है. सांसद 70 हजार रिपये प्रति माह की दर से निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (Constituency Allowance) प्राप्त करने का हकदार होता है. 

हालांकि, सांसद को सिर्फ सैलरी ही नहीं, इसके अलावा भी उन्हें कई तरह की सुविधाएं और भत्ते मिलते हैं. आइए उनके बारे में जानते हैं. 

MP Salary

Travel Allowance:

संसदीय कार्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अगर कोई भी सांसद संसद में होने वाले सत्र या किसी भी संसदीय समिति में बैठक के लिए जाता है तो उसे इसके लिए ट्रैवल अलाउंस दिया जाता है. सांसद काम के सिलसिले में पूरे देश में कहीं भी फ्री ट्रैवल कर सकते हैं चाहे वह ट्रेन से हो, एयरप्लेन से या फिर सड़क मार्ग से.

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Rail Allowance

सांसद को किसी भी ट्रेन में निःशुल्क और गैर-हस्तांतरणीय (यानी यह पास किसी और को नहीं दिया जा सकता) फर्स्ट एसी या कार्यकारी श्रेणी का रेलवे पास मिलता है. इसके अलावा, वे प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी में भी यात्रा कर सकते हैं. यहां उन्हें किराया नहीं देना पड़ेगा. यह सुविधा सांसद को रेल यात्रा के दौरान उपलब्ध होती है.

रेल यात्रा के दौरान सांसद अपने पहचान पत्र के आधार पर भारत में किसी भी समय प्रथम श्रेणी एसी या कार्यकारी श्रेणी में रेल यात्रा कर सकते हैं. सांसद का पहचान पत्र नॉन-ट्रांसफरेबल होता है, यानी इसे किसी और को नहीं दिया जा सकता. पहचान पत्र के साथ, सांसद के एक व्यक्ति को एसी-2 श्रेणी में रेल यात्रा करने की अनुमति मिलती है.

प्रत्येक सांसद के पार्टनर को एक मुफ्त, नॉन-ट्रांसफरेबल रेलवे पास मिलता है, जिससे वे प्रथम श्रेणी एसी या कार्यकारी श्रेणी में यात्रा कर सकती हैं. इसके अलावा, यदि वह हवाई यात्रा करती हैं, तो उन्हें सांसद के सामान्य निवास स्थान से दिल्ली और वापसी के हवाई किराए के बराबर राशि मिलती है. यह सुविधा एक वर्ष में 8 यात्राओं तक दी जाती है.

इसके अलावा पत्नी को सांसद के साथ प्रथम श्रेणी एसी या कार्यकारी श्रेणी में भारत के किसी भी स्थान से किसी अन्य स्थान तक यात्रा करने का हक होता है. अगर किसी सांसद की पत्नी नहीं है, तो वे किसी अन्य व्यक्ति को साथ ले जा सकते हैं. 

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Air Allowance  
sansad.in के अनुसार, सांसद जिस एयरलाइन से यात्रा करते हैं, उन्हें कुछ शर्तों के साथ फ्री यात्रा करने की मौका मिलता है. यह सुविधा सांसदों को हवाई यात्रा के दौरान प्रदान की जाती है, ताकि वे किसी भी दूरी की यात्रा को आसानी से कर सकें. सांसद एक साल में 34 बार हवाई यात्रा कर सकते हैं. अगर एक साल में सांसद 34 बार हवाई यात्रा नहीं कर पाते हैं तो वह अगले साल में जोड़ दी जाती हैं.

Road Allowance 
इसके अलावा सांसद को 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से सड़क मार्ग से यात्रा का भत्ता दिया जाता है. अगर सांसद के 300 किलोमीटर के अंदर-अंदर ट्रैवल करता है तो वे बाय रोड ट्रैवल कर सकते हैं. यह सांसद पर निर्भर करता है कि वे यात्रा करने के लिए किस सुविधा को अपनाते हैं. अगर सांसद अपने घर से एयरपोर्ट तक भी जाते हैं तो उन्हें उसका भी भत्ता दिया जाता है क्योंकि कई जगहों पर एयरपोर्ट काफी दूर होता है. सिर्फ जाने का ही नहीं, सांसद को वापसी भत्ता भी दिया जाता है.

Accomodation आवास
सांसदों को आवास समिति की उप-समिति द्वारा को रहने के लिए घर भी दिया जाता है. इस आवास की व्यवस्था उस समिति द्वारा तय किए गए मानदंडों के अनुसार की जाती है. प्रत्येक सांसद को अपने कार्यकाल के दौरान लाइसेंस-शुल्क मुक्त फ्लैट या छात्रावास का हक मिलता है. अगर किसी सांसद को बंगला आवंटित किया जाता है, तो उसे पूर्ण सामान्य लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना पड़ता है.

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इतनी पानी औैर बिजली मुफ्त

सांसद को दिल्ली में आवास के लिए हर साल 4000 किलोलीटर तक पानी और 50,000 यूनिट बिजली मुफ्त मिलती है. इसमें 25,000 यूनिट बिजली लाइट मीटर और 25,000 यूनिट बिजली मीटर पर दी जाती है, या दोनों को मिलाकर यह सुविधा मिलती है. यह सुविधा दिल्ली में निजी आवास में रहने वाले सांसदों को भी दी जाती है. अगर किसी वर्ष में बिजली और पानी की पूरी खपत नहीं होती, तो वह बची हुई खपत अगले वर्ष में इस्तेमाल की जा सकती है. अगर किसी सांसद ने निर्धारित मात्रा से अधिक पानी और बिजली का इस्तेमाल किया, तो उसे अगले वर्ष के लिए उपलब्ध खपत से समायोजित किया जाता है.

सांसद को अन्य सुविधाओं में हर तीन महीने में सोफा कवर और पर्दे की धुलाई का भी भत्ता मिलता है. इसके अलावा 75,000 रुपये तक का फर्नीचर भी मिलता है. इसके अलावा, किसी भी सुधार, रेनोवेशन, या अतिरिक्त सेवा के कारण किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है.

टेलीफोन सुविधाएं

सासंद अपने पास तीन टेलीफोन रख सकते हैं. इस टेलीफोन को लगाने में जो भी खर्चा आएगा वो सरकार उठाएगी इसके अलावा सांसद को टेलीफोन बिल भी नहीं देना होगा. इनमें से कम से कम एक टेलीफोन दिल्ली में उनके निवास या कार्यालय में होना चाहिए, दूसरा उनके सामान्य निवास स्थान या निर्वाचन क्षेत्र (जहां वह रहते हैं) में किसी स्थान पर होना चाहिए, और तीसरा किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता है.

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इन तीनों टेलीफोनों में से हर एक पर 50,000 निःशुल्क स्थानीय कॉल प्रति वर्ष मिलती हैं. इसका मतलब यह है कि सांसद को साल भर में कुल 1,50,000 निःशुल्क स्थानीय कॉल मिलती हैं अगर संसदीय समिति का अध्यक्ष दिल्ली/नई दिल्ली में अपने निवास पर स्थापित किसी एक टेलीफोन से कॉल करता है, तो उसे कोई शुल्क नहीं देना पड़ता. सांसद इन 1,50,000 निःशुल्क कॉल्स का उपयोग किसी भी संख्या में टेलीफोनों पर कर सकते हैं, लेकिन ये टेलीफोन सांसद के नाम पर होने चाहिए और अतिरिक्त टेलीफोन की स्थापना और किराया का खर्च सांसद को खुद उठाना होता है.

इसके अलावा, हर सांसद को निर्वाचन क्षेत्र में उपयोग के लिए एक राष्ट्रीय रोमिंग सुविधा वाला एमटीएनएल का मोबाइल कनेक्शन मिलता है. अगर एमटीएनएल या बीएसएनएल की सेवा उपलब्ध नहीं है, तो सांसद को प्राइवेट मोबाइल ऑपरेटर का कनेक्शन मिल सकता है. इन मोबाइल फोन से की गई कॉल्स को 50,000 निःशुल्क स्थानीय कॉल्स में जोड़ा जाता है. हालांकि, निजी मोबाइल कनेक्शन के लिए पंजीकरण और किराया शुल्क सांसद को खुद देना होता है.

अगर सांसद ने अधिक कॉल्स की हैं, तो उनके खर्चे को अगले वर्ष के लिए निःशुल्क कॉल्स से समायोजित किया जाएगा. इसके अलावा, एक वर्ष में जो कॉल नहीं की जातीं, उन्हें अगले साल तक रखा जा सकता है, जब तक कि सांसद की सीट रिक्त न हो जाए. सांसद को इन तीन टेलीफोनों में से किसी एक पर एमटीएनएल/बीएसएनएल से ब्रॉडबैंड सेवा लेने का हक भी होता है, लेकिन इसके लिए सरकार को हर महीने 1,500 रुपये का भुगतान करना होता है, जो सीधे एमटीएनएल/बीएसएनएल को किया जाता है. इस प्रकार, इन सुविधाओं से सांसद को अपने कार्यों और संवाद के लिए भरपूर समर्थन मिलता है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकते हैं.

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MP Facilities


चिकित्सा सुविधाएं
केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत, सांसद और उनका परिवार 500 रुपये प्रति महीने के अंशदान पर मुफ्त इलाज करवा सकता है. इलाज के लिए, कई जगहों पर डिस्पेंसरी और प्राथमिक चिकित्सा पोस्ट हैं, जैसे- नॉर्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यू, टेलीग्राफ लेन, पंडारा रोड, डॉ. जाकिर हुसैन रोड, संविधान क्लब और वी.पी. हाउस. इसके अलावा, संसद भवन में एक प्राथमिक चिकित्सा पोस्ट और संसद भवन एनेक्सी में एक चिकित्सा केंद्र है, जहां आपातकाल स्थिति या तबीयत खराब होने पर जाया जा सकता है.
वाहन की खरीद के लिए अग्रिम राशि

हर सांसद को 4 लाख रुपये तक या खरीदे गए वाहन की असल कीमत, जो भी कम हो, उससे ज्यादा अग्रिम राशि नहीं दी जा सकती. लेकिन, अगर वाहन पहले ही खरीदा जा चुका है और पूरी कीमत चुका दी गई है, तो कोई अग्रिम राशि नहीं दी जाएगी. सरकारी कर्मचारियों को जो लोन मिलता है, उस पर ब्याज भी लगता है. यह अग्रिम राशि सांसद के वेतन से 60 समान किस्तों में काटी जाएगी. यह किस्तें सांसद की सदस्यता की अवधि से ज्यादा समय तक नहीं चलेंगी.

प्रत्येक सांसद को हर महीने 60,000 रुपये का कार्यालय व्यय भत्ता (Office Expense Allowance) मिलता है. यह राशि स्टेशनरी और डाक के खर्च के लिए होते हैं. इसके अलावा कुछ राशि उस व्यक्ति को मिलते हैं, जिन्हें सांसद सचिवीय सहायता के लिए नियुक्त करते हैं, यानी कि सांसद ऑफिस में हर वक्त एक असिसटेंट मिलता है. नियुक्त किए गए हेल्पर को कंप्यूटर का उपयोग करना आना चाहिए और उसके पास इसका सर्टिफिकेट भी होना चाहिए.

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रिटायर्ड सांसदों को क्या सुविधाएं मिलती हैं?

रिटायर होने वाले सांसद को 20 हजार रुपये पेशन देने का प्रावधान था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया है. अगर कोई वयक्ति पांच साल से ज्यादा सांसद रहा है तो उसे हर महीने 1500 रुपये अलग से दिए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति जो पहले संसद सांसद रहा है साथ ही राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, प्रशासक, राज्य या लोक सभा का सांसद, या किसी सरकार, निगम या स्थानीय प्राधिकरण के तहत काम कर रहा है, तो वह संसद सांसद के रूप में पेंशन का हकदार नहीं होगा. मृतक सासंद के जीवनसाथी को पेंशन की आधी राशि दिए जाने का प्रावधान है. 

रेल यात्रा सुविधा
रिटायर्ड सांसद के पास पहचान पत्र दिखाकर किसी भी रेलगाड़ी में यात्रा करने का अधिकार होता है. वे वातानुकूलित दो स्तरीय श्रेणी में किसी साथी के साथ या अकेले यात्रा कर सकते हैं, यदि वे चाहें तो वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में भी यात्रा कर सकते हैं. यह सुविधा उन्हें उनके पहचान पत्र के आधार पर दी जाती है.

स्टीमर और चिकित्सा सुविधा
अगर रिटायर्ड सांसद अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह या लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व करते थे, उन्हें इन द्वीपों के बीच और भारत के मुख्य भूमि तक किसी भी स्टीमर में यात्रा करने का अधिकार है. वे यात्रा उच्चतम श्रेणी की सुविधा के साथ यात्रा कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें लोकसभा या राज्यसभा सचिवालय से इस संबंध में एक प्राधिकरण प्राप्त होता है. इसके अलावा रिटायर हो चुके सांसदों को चिकित्सा सुविधा भी मिलती है.

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