MPPSC ने शनिवार को राज्य सेवा परीक्षा 2022 के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं. इन परिणामों में एक नाम है गिरिराज परिहार का, जो वर्तमान में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं. शनिवार को घोषित हुए नतीजों में गिरिराज परिहार ने 786 अंक हासिल कर असिस्टेंट डायरेक्टर का पद प्राप्त किया है. गिरिराज के मेन्स एग्जाम में 691 और इंटरव्यू में 95 अंक आए थे.
जेल प्रहरी के रूप में की थी करियर की शुरुआत
आजतक से बात करते हुए गिरिराज परिहार ने बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2016 में बतौर जेल प्रहरी की थी. इसके अगले ही साल 2017 में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त की और उनकी नियुक्ति राज्य सायबर सेल में हो गई. तब से वह सायबर सेल में कार्यरत हैं.
गिरिराज ने यह भी बताया कि उनकी मां का निधन 2011 में हुआ था. वर्तमान में उनके घर पर उनके पिता और पत्नी हैं, और उनकी 5 बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. गिरिराज ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने कम उम्र में कमाना शुरू कर दिया है, इसके बाद पिता के साथ मिलकर उन्होंने 5 बहनों की शादी भी की और अब एग्जाम क्रैक कर अफसर बन गए हैं.
12वीं के बाद शुरू की नौकरी
गिरिराज ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने कम उम्र में कमाना शुरू कर दिया है, इसके बाद पिता के साथ मिलकर उन्होंने 5 बहनों की शादी भी की और अब एग्जाम क्रैक कर अफसर बन गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि बताया कि वे मूल रूप से दतिया जिले के सीतापुर गांव के रहने वाले हैं. उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए उन्होंने 12वीं के बाद ही जेल प्रहरी की नौकरी शुरू कर दी थी ताकि वे अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें. इसके बाद कॉन्स्टेबल की नौकरी मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में थोड़ी बहुत सुधार हुआ, और उन्होंने अपने पिताजी के साथ मिलकर अपनी बहनों की शादी करवाई.
नौकरी के साथ ऐसे करते थे MPPSC की पढ़ाई
गिरिराज ने 2019 में MPPSC की परीक्षा की तैयारी शुरू की. उनका नौकरी का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक थ. इस वजह से वह ऑफिस जाने से पहले सुबह 2 घंटे पढ़ाई करते थे. लंच टाइम में भी थोड़ी देर पढ़ाई करते थे और शाम को घर लौटने के बाद 4 से 5 घंटे तक पढ़ाई में जुटे रहते थे. गिरिराज ने यह भी बताया कि उन्होंने किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया, लेकिन इंटरव्यू की तैयारी के लिए एक सीनियर की मदद ली.
गिरिराज का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को अगर वे बिना ध्यान भटकाए रोज़ 7-8 घंटे पढ़ाई करें, तो कुछ समय बाद वे सफलता प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही, उन्हें यह भी समझना चाहिए कि अगर पहली बार में सफलता नहीं मिलती, तो निराश नहीं होना चाहिए और मेहनत जारी रखनी चाहिए.