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बाल-बाल बचे... संडे को धरती के पास से गुजरा था स्टेडियम जितना बड़ा एस्टेरॉइड!

Nasa Asteroid Alert: अक्सर पृथ्वी के पास से एस्टेरॉइड गुजरते हैं, लेकिन कभी-कभी इनकी साइज काफी ज्यादा बड़ी होती है. हाल ही में ऐसा ही हुआ, जब एक एस्टेरॉइड धरती के बगल से गुजरा.

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पृथ्वी के पास से गुजरे इस एस्टेरॉइड का नाम 2024 WY70 था.
पृथ्वी के पास से गुजरे इस एस्टेरॉइड का नाम 2024 WY70 था.

अक्सर पृथ्वी के पास से एस्टेरॉइड गुजरते रहते हैं , लेकिन कई बार एस्टेरॉइड की स्पीड और उनकी साइज वाकई हैरान कर देने वाली होती है. कई बार पृथ्वी के पास से काफी बड़े एस्टेरॉइड भी गुजर जाते हैं और टकराने से बच जाते हैं. ऐसा ही हाल ही में रविवार को हुआ, जब एक 800 फीट लंबा एस्टेरॉइड पृथ्वी के बगल से गुजरा यानी एक फुटबॉल मैदान जितना बड़ा. इतना ही नहीं, इस एस्टेरॉइड की स्पीड भी काफी तेज थी. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये एस्टेरॉइड धरती से कितना करीब से गुजरा था और ये कितना खतरनाक साबित हो सकता था. 

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हाल ही में नासा ने एक बहुत बड़े एस्टेरॉइड के धरती के पास से गुजरने का अलर्ट जारी किया था. नासा ने अपने अलर्ट में बताया था कि इस एस्टेरॉइड का नाम 2024 WY70 था. ये एस्टेरॉइड भारत की तरफ करीब 36 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था. ये करीब 800 फीट का था यानी एक फुटबॉल स्टेडियम के बराबर था. ये पृथ्वी के सबसे पास 19 जनवरी को सुबह 4.12 बजे था. 

पृथ्वी के कितने दूर से निकला?

बता दें कि ये पृथ्वी के 6.3 मिलियन किलोमीटर दूर से निकला था, जिसे स्पेस की दुनिया में काफी क्लोज माना गया था. ये दूरी पृथ्वी और चांद की दूरी की करीब 16 गुना है, ऐसे में इसे पृथ्वी के लिए खतरे का संकेत नहीं माना जा रहा था, मगर इसकी साइज ने ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. इस एस्टेरॉइड को पीएचए कैटेगरी में माना गया था, जिसे 'संभावित खतरनाक' माना जाता है यानी इसका तत्काल रुप से कोई खतरा नहीं था. 

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कैसे रखी जाती है नजर?

NASA और दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां ​​पृथ्वी के पास से गुजरने वाली वस्तुओं पर नजर रखने के लिए Pan-STARRS, Catalina स्काई सर्वे और NEOWISE जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करती हैं. ये सिस्टम लगातार आसमान को स्कैन करते हैं कि कोई एस्टेरॉइड या कोई चट्टान तो धरती के पास से नहीं गुजर रहे हैं. इनके रूट का पहले ही अंदाजा लगाकर किसी भी रिस्क के लिए सतर्क कर दिया जाता है. नासा एस्टेरॉइड का सटीक पता लगाने के लिए गोल्डस्टोन सोलर सिस्टम रडार का भी इस्तेमाल करते हैं. 

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