Draft NCF 2023: मैथ्स के सवाल किसी भूत की तरह डराते हैं? सपने में भी मैथ्स का पेपर पास नहीं कर पाते? और हर साल मैथ्स में फेल होने का खतरा बना रहता है? अगर आपके मन में भी मैथ्स (Maths) को लेकर इस तरह के सवाल हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (NCF) 2023 के प्री-ड्राफ्ट में बच्चों के मन से मैथ्स का डर निकालने पर काफी ध्यान दिया गया है. प्रस्तावित नए स्कूली सिस्टम के चारों चरणों में मैथ्स स्टेप वाइज स्टेप पढ़ाया जाएगा, जो बच्चों के मन से इसका डर निकाल सकेगा.
मैथ्स की शिक्षा में नंबर और ऑपरेशंस, ज्योमेट्री, अलजेब्रा, प्रोब्लिट्ज और स्टेटिस्टिक्स जैसी मौलिक अवधारणाओं के माध्यम से रचनात्मक और तार्किक सोच सीखना शामिल है. इसका उद्देश्य पैटर्न खोजने, अनुमान लगाने, तार्किक तर्क, रचनात्मकता, समस्या-समाधान, कम्प्यूटेशनल सोच और तार्किक संचार (मौखिक और लिखित दोनों) के माध्यम से स्पष्टीकरण प्रदान करने की मौलिक गणितीय क्षमताओं को बढ़ाना है.
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स्टेड वाइज ऐसे होगी मैथ्स की पढ़ाई
फाउंडेशनल स्टेज चरण में: मूलभूत संख्या ज्ञान जैसे भारतीय अंकों को समझना, जोड़ना और घटाना सिखाने पर फोकस रहेगा.
प्रीपरेट्री स्टेज में: गुणा, भाग, आकार और माप जैसे अंकों के बेसिक कॉन्सेप्ट समझाए जाएंगे.
मिडिल स्टेज में: फाउंडेशनल स्टेज में सिखाए गए कॉन्सेप्ट्स को व्यापक और अच्छे तरीके से समझाया जाएगा.
सेकेंडरी स्टेज में: लॉजिकल रीजनिंग के माध्यम से दावों और तर्कों को सही ठहराने की क्षमता विकसित करने पर फोकस रहेगा.
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फाउंडेशन स्टेज (नर्सरी से कक्षा 2): 3 से 8 साल के बच्चों के लिए है.
प्रिपरेट्री स्टेज (कक्षा 3 से 5वीं): इस स्टेज में तीन साल के लिए है और इसमें ग्रेड 3,4 और 5 शामिल हैं.
मिडिल स्टेज (कक्षा 6वीं से 8वीं): तीन साल के लिए है और इसमें ग्रेड 6, 7 और 8 शामिल हैं.
सेकेंडरी स्टेज (कक्षा 9वीं से 12वीं): यह स्टेज चार साल का है और इसमें ग्रेड 9, 10, 11 और 12 शामिल हैं.
बता दें कि 2023 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) का मसौदा 6 अप्रैल, 2023 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है. इस मसौदे में भाषा सीखने, कला सीखने, शिक्षाशास्त्र के दृष्टिकोण, बोर्ड परीक्षा और कई अन्य विषयों को संबोधित किया गया है.