NEET और JEE परीक्षाओं के आयोजन ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. तमिलनाडु और ओडिशा ने कोरोना काल में इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है.
डीएमके ने तो इस मामले में राज्य सरकार पर हमला किया है. डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर आंखें बंद कर ली हैं.
12वीं के नंबर के आधार पर मिले दाखिला
डीएमके नेता स्टालिन ने मुख्यमंत्री ई पलानीसामी से आग्रह किया है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और प्रस्ताव पारित किया जाए कि NEET की परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी और 12वीं के नंबर के आधार पर छात्रों का मेडिकल कॉलेजों में दाखिला होगा.
विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए सरकार
तमिलनाडु के नेता प्रतिपक्षा ने कहा है कि जब राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्ष के नेता NEET परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो तमिलनाडु में विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता है.
रद्द की जाए NEET और JEE की परीक्षा- नवीन पटनायक
वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर कहा है कि NEET और JEE की परीक्षाएं इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए रद्द कर दी जाए.
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कोरोना संक्रमण का है खतरा
इस बार NEET की परीक्षाएं 13 सितंबर को निर्धारित की गई हैं. ओडिशा से 50 हजार छात्र NEET की परीक्षा में जबकि 40000 छात्र JEE (मेन्स) में शामिल हो रहे हैं. ओडिशा सीएम ने कहा है कि छात्रों की इतनी बड़ी संख्या के लिए मात्र 7 केंद्र निर्धारित किए गए हैं. जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा है.
सभी जिलों में बनाया जाए परीक्षा केंद्र
सीएम पटनायक ने कहा है कि ओडिशा में कई आदिवासी क्षेत्रों में कोराना की वजह से आवागमन की सुविधा नहीं है. और इस दौरान कई छात्र परीक्षा से वंचित हो सकते हैं.
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ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब जब कभी NEET की परीक्षा हो तो ओडिशा के सभी 30 जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएं, ताकि छात्रों को 2 से 3 घंटे से ज्यादा सफर न करना पड़े.