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NEET PG 2023: नहीं टली परीक्षा तो PMO जाएंगे डॉक्टर्स, सुप्रीम कोर्ट से बड़ी उम्मीद

NEET PG 2023 Postponement: नीट परीक्षा दो से तीन माह स्थगित करने की मांग कर रहे डॉक्टर्स को अभी भी सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद बाकी है. इसके अलावा डॉक्टर्स पीएमओ से मिलकर भी परीक्षा को आगे पोस्टपोन कराने की अपनी मांग रखेंंगे.जानें- क्या है पूरा मामला...

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

NEET PG 2023 Postponement: नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET PG 2023)परीक्षा की तैयारी कर रहे डॉक्टर इस परीक्षा को 2-3 महीने के लिए टालने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला अभ्यर्थ‍ियों के लिए एक आख‍िरी उम्मीद की तरह होगा. फिलहाल शुक्रवार तक इस याचिका पर सुनवाई की उम्मीद की जा रही है.

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सुप्रीम कोर्ट को इसी सप्ताह नीट पीजी पोस्टपोन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करनी है. तय शेड्यूल के मुताबिक ये परीक्षा पांच मार्च को आयोजित की जानी है. अभी तक सरकार और तेलंगाना हाईकोर्ट से मिले रिसपांस से अभ्यर्थ‍ियों के सामने निराशा है. दूसरी तरफ नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBE) ने नीट 2023 आवेदन प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है और अंतिम व सेलेक्ट‍िव एड‍िट विंडो भी 20 फरवरी को बंद कर दी गई है. 

 पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट पीजी 2023 को स्थगित करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है नीट पीजी परीक्षा की तारीख और काउंसलिंग प्रक्रिया के बीच बहुत अंतर है. इस बीच तेलंगाना उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की गई थी लेकिन अदालत ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा था कि परीक्षाओं की तारीखों को छह महीने पहले अंतिम रूप दिया गया था और इसे ऑल इंडिया लेवल पर आयोजित किया जाना है. इसके बाद अभ्यर्थ‍ियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एग्जाम को दो से तीन माह टालने की मांग रखी थी. 

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नीट पीजी एग्जाम शेड्यूल के अनुसार इस परीक्षा के प्रवेश पत्र 27 फरवरी 2023 को जारी होने वाले हैं फिर पांच मार्च को परीक्षा और 19 मार्च को रिजल्ट आ जाएंगे. सिर्फ हाईकोर्ट ही नहीं नेशनल मेडिकल कमीश‍न और स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी नीट 2023 पीजी परीक्षा स्थगित करने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा सरकार संसद में भी परीक्षा टालने से इनकार कर चुकी है.

वहीं अब सुप्रीम कोर्ट से भी राहत न मिलने की स्थितियों में डॉक्टरों का समूह  प्रधानमंत्री कार्यालय जाने की योजना बना रहा है. मेडिकल सोशल एक्टिविस्ट और FAIMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ रोहित कृष्णन ने इस बारे में ट्वि‍टर पर भी लिखा है कि अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी उम्मीद है. एनएमसी का रवैया सकारात्मक नहीं है, वहीं सरकार ने भी इस पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है. 

 

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