NEET Result Controversy: नीट रिजल्ट का विरोध पांचवें दिन भी जारी है. भीषण गर्मी में हजारों की तादाद में स्टूडेंट्स देशभर के अलग-अलग हिस्सों में नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर Re-NEET की मांग कर रहे हैं. देश के भावी डॉक्टर सड़कों पर हैं, पेरेंट्स और कोचिंग टीचर्स के साथ विपक्ष भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया के जरिये कहा था कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है. वहीं सपा प्रमुख ने अपने 'एक्स' (पहले ट्विटर) अकाउंट पर इसे सरकार की नाकामयाबियों में से एक कहा है. DU-JNU के छात्र संगठन SFI, AISA, NSUI समेत ABVP भी इस आंदोलन में उम्मीदवारों के पक्ष में खड़ा है.
वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) लगातार अपनी गलती मानने से इनकार कर रही है. एनटीए का कहना है कि नीट रिजल्ट में कोई गडबड़ी नहीं हुई है, कुछ एग्जाम सेंटर्स पर लोस ऑफ टाइम की वजह से कुछ कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. उम्मीदवारों के भारी प्रदर्शन के बावजूद एनटीए के महानिदेशन सुबोध कुमार ने री-नीट एग्जाम से साफ इनकार कर दिया है. हालांकि एनटीए ने एक कमेटी का गठन किया है जो केवल 6 एग्जाम सेंटर्स पर आयोजित हुई नीट परीक्षा में बैठने वाले 1563 उम्मीदवारों के रिजल्ट पर विचार-विमर्श करेगी और जरूरत पड़ी तो केवल इन्हीं छात्रों का नीट एग्जाम फिर से आयोजित हो सकता है. एनटीए महानिदेशक का कहना है कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और परिणाम जारी किए हैं. 4750 केंद्रों में से यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित है और 24 लाख छात्रों में से केवल 1563 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है. पूरे देश में इस परीक्षा की अखंडता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.
नीट रिजल्ट पर एनटीए की सफाई से न तो कैंडिडेट्स संतुष्ट हैं और न ही एक्सपर्ट्स. कैंडिडेट्स और एक्सपर्ट्स अभी भी एनटीए की सफाई से संतुष्ट नहीं है, वे एजेंसी से 5 बड़े सवाल कर रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-
सवाल नंबर 1: नीट पेपर लीक नहीं हुआ तो गिरफ्तारियां क्यों हुईं?
ऐसे बहुत से कैंडिडेट्स हैं, जिन्होंने दावा किया है की नीट का पेपर लीक हुआ था. नीट एग्जाम से पहले ही सोशल मीडिया और टेलीग्राम पर पेपर वायरल हो रहा था. मगर एनटीए ने पेपर लीक की बात को सिरे से नकार दिया है. इस पर एनटीए ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ, एक एग्जाम सेंटर पर हिंदी के बजाय इंग्लिश का पेपर बंट गया था. एनटीए का यह नोटिफिकेशन देखकर कैंडिडेट्स का माथा और घूम गया. उनका कहना है कि अगर नीट का पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार के पटना और नालंदा में पुलिस ने गिरफ्तारियों क्यों कीं. कैंडिडेट्स का दावा है कि पेपर लीक में शामिल लोगों खुद कबूल किया है कि पेपर लीक हुआ था, उन्हें पहले पेपर मिल गया था और आंसर्स रटवाए जा रहे थे.
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सवाल नंबर 2: पहली बार इतनी बड़ी संख्या (67) में नीट टॉपर कैसे हो गए?
इस साल 67 कैंडिडेट्स को ऑल इंडिया रैंक-1 दी गई है. इस पर एनटीए ने तर्क दिया है कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल का पेपर आसान था, इसलिए बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स ने नीट क्लियर किया है. एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, नीट-यूजी में कट ऑफ और टॉपर्स की संख्या में वृद्धि परीक्षा कॉम्पिटेटिव नेचर की वजह से आया है. 2023 में उम्मीदवारों की संख्या 20,38,596 थी, जबकि 2024 में यह बढ़कर 23,33,297 हो गई. इसकी वजह से स्वभाविक रूप से ज्यादा कैंडिडेट्स होने की वजह से ज्यादा अंक पाने वाले कैंडिडेट्स की संख्या ज्यादा रही. इसके अलावा, एनटीए ने क्लैट एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 जून 2018 के तहत स्थापित तंत्र/सूत्र का हवाला देते हुए कहा कि कुछ उम्मीदवारों को उनकी आंसर देने की दक्षता और बर्बाद हुए समय (एग्जाम सेंटर पर देरी होने की वजह से) के आधार पर अंकों के साथ कंपनसेशन दिया गया. कंपनसेशन की वजह से 44 कैंडिडेट्स को AIR 1 मिली और छात्रों की संख्या बढ़कर 67 हो गई. इस तर्क पर कानून के जानकार दावा कर रहे हैं कि एनटीए जिस साल 2018 में सु्प्रीम कोर्ट की जजमेंट का हवाला दे रहा है, उसके ऊपर ही लिखा है कि यह जजमेंट मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज एडमिशन पर लागू नहीं होता, फिर एनटीए कैसे लागू कर रहा है.
सवाल नंबर 3: नीट के मार्क्स 715 हो सकते हैं या 720 फिर 718 और 719 कैसे दिए गए?
इतिहास में पहली बार 67 कैंडिडेट्स को 720 मार्क्स, इसके अलावा दो स्टूडेंट्स को 718 और 719 मार्क्स दिए गए, जो हो ही नहीं सकता. हालांकि एनटीए इस पर भी सफाई दे दी है. एनटीए का कहना है कि पंजाब और हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के बाद जांच की गई. 1563 उम्मीदवारों को समय के नुकसान के लिए मुआवजा दिया गया था. इनमें से ग्रेस मार्क्स के कारण दो उम्मीदवारों का स्कोर भी क्रमशः 718 और 719 है. अधिकारी ने कहा, हमने सीसीटीवी फुटेज की जांच की है. कहीं पर भी परीक्षा की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया गया है. दरअसल, हरियाणा के बहादुरगढ़, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के कुछ एग्जाम सेंटर्स के उम्मीदवारों ने शिकायत की थी कि उन्हें अपनी परीक्षाएं पूरी करने के लिए अलॉट किया गया समय नहीं मिला, जिन्होंने उच्च न्यायालयों में रिट याचिकाएं दायर की थीं.
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सवाल नंबर 4: एक ही एग्जाम सेंटर से 6 स्टूडेंट्स टॉपर कैसे?
दरअसल, हरियाणा में एक ही एग्जाम सेंटर पर नीट की परीक्षा देने वाले 6 छात्रों को टॉपर घोषित किया गया है. इन 6 छात्रों को 720 में से 720 मार्क्स मिले हैं. छात्रों ने इसे लेकर बड़ी धांधली की आशंका जताई है. हालांकि इस पर भी एनटीए ने ग्रेस मार्क्स का तर्क दिया है. छात्रों के प्रदर्शन के बाद अब एनटीए ने जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए उनके रिजल्ट की जांच के लिए एक कमेटी का गठना किया है. जांच के बाद 1563 स्टूडेंट्स का नीट रिजल्ट रिवाइज्ड या री-नीट कराया जा सकता है.
सवाल नंबर 5: लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट के दिन ही नीट रिजल्ट क्यों जारी किया गया?
एनटीए ने अपने इंफॉर्मेशनल बुलेटिन में सूचना दी थी कि नीट यूजी रिजल्ट 14 जून 2024 को जारी कर दिया जाएगा. छात्रों का बड़ा सवाल यह है भी कि रिजल्ट जारी करने की तारीख जब पहले से ही 14 जून बता दी गई थी फिर एनटीए ने अचानक 4 जून को नीट रिजल्ट जारी क्यों कर दिया? क्योंकि यह देश के लोकतांत्रिक उत्सव का दिन था, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे घोषित किए जा रहे थे. छात्र मान रहे हैं कि अपनी गलती और धांधली को छुपाने के लिए एनटीए ने यह तारीख (04 जून 2024) चुनी. इस पर एनटीए का कहना है कि इस बार हम रिकॉर्ड समय में जल्द से जल्द रिजल्ट जारी करना चाह रहे थे, इसलिए समय से 10 दिन पहले नीट रिजल्ट जारी कर दिया गया. एनटीए ने तर्क दिया है कि वह "30 दिनों में लगभग 23 लाख उम्मीदवारों के नतीजे घोषित करने में कामयाब रहा. वहीं, जेईई मेन्स 2024 सेशन -1 का रिजल्ट 11 दिनों में घोषित किया गया और सेशन-2 का रिजल्ट 15 दिनों में घोषित किया गया." एनटीए को समझना होगा कि स्टूडेंट्स के लिए रिजल्ट में तेजी उतनी जरूरी नहीं है, जितना उसका एक्यूरेट और ट्रांसपेरेंट होना.