NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि सभी छात्रों के परिणाम - शहरवार और केंद्रवार - शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड किए जाने चाहिए. कोर्ट ने सोमवार (22 जुलाई) तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. एसजी ने कहा, 'काउंसलिंग में कुछ समय लगेगा. यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी.' सीजेआई ने कहा, 'हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे.'
NEET UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में आज लंबी बहस के बाद भी 23 लाख मेडिकल एस्पिरेंट्स को इस सवाल के जवाब का इंतजार है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के कम से कम नंबर, IIT मद्रास की रिपोर्ट, पेपर में गड़बडी कब और कैसे हुई, कितने सॉल्वर्स पकड़े गए, दोबारा जांच की मांग और पेपर में गड़बड़ी की पूरी टाइमलाइन पर चर्चा हुई. अब नीट विवाद पर उम्मीदवारों को सोमवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार करना होगा.
कोर्ट ने उम्मीदवारों के एग्जाम सेंटर बदलने पर NTA से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा- 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने जवाब दिया कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है. 15,000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था. हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता. सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है. सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है.
सुप्रीम कोर्ट अब आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट पर चर्चा
केंद्र और एनटीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया था कि IIT मद्रास की रिपोर्ट में NEET UG 2024 परीक्षा में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है. आईआईटी ने निष्कर्ष निकाला था कि परीक्षा के परिणामों में असामान्यता का कोई संकेत नहीं था. रिपोर्ट में कहा गया है कि "न तो किसी गड़बड़ी का संकेत था और न ही उम्मीदवारों के एक स्थानीय समूह को लाभ पहुंचाया गया था, जिससे असामान्य अंक आए."
चीफ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच आज 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इन याचिकाओं में परीक्षा रद्द करना, दोबारा परीक्षा कराना और NEET-UG 2024 के संचालन में कथित गड़बड़ियों की जांच करना और NEET विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के खिलाफ लंबित मामलों को स्थानांतरित करना शामिल है. इससे पहले सीजीआई ने कहा था कि NEET-UG 2024 की अखंडता से समझौता हुआ है तो परीक्षा रद्द होनी चाहिए.
सुनवाई से पहले एनटीए ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना लिखित जवाब दाखिल किया है. एनटीए का कहना है कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक फेलियर नहीं था. बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है, जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है उनकी जांच चल रही है. एनटीए कोर्ट को बताया कि जांच बिहार पुलिस द्वारा शुरू की गई थी, जिसे ईओयू विंग को सौंप दिया गया था. इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी गई है. एनटीए ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं.
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भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ सोमवार (22 जुलाई) को सुबह 10.30 बजे नीट यूजी याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को नीट यूजी 2024 के सभी छात्रों के मार्क्स ऑनलाइन जारी करने का निर्देश दिया, लेकिन रोल नंबर को 'केंद्रवार क्रम में डमी रोल नंबर' के रूप में छिपाकर. ताकि छात्रों की पहचान पब्लिक न हो.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
एसजी ने कहा, 'काउंसलिंग में दो-तीन महीने लगेंगे. यह 24 जुलाई के आसपास शुरू होगी.'
सीजेआई ने कहा, 'हम सोमवार को ही सुनवाई करेंगे.'
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने बेंच को यह समझाने की कोशिश की कि NEET UG पेपर लीक की साजिश एक महीने पहले रची गई थी.
एसजी- पेपर 10:45 बजे प्राप्त हुआ था. उन्होंने क्वेश्चन पेपर जला दिया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि इसे सर्कुलेट किया जाए. केंद्र संख्या वाला भाग बरामद किया गया.
कोर्ट- हजारीबाग में कितने सेंटर हैं?
एसजी- 5. एक सेंटर पर गड़बड़ी हुई है.
कोर्ट- हजारीबाग में कितने छात्र हैं?
एसजी- 5 केंद्रों में 2736 उम्मीदवार.
कोर्ट- इन 2736 में से 1.08 लाख में कितने उम्मीदवार हैं. हम देखना चाहते हैं क्योंकि हजारीबाग और पटना में गड़बड़ी हुई है.
एसजी- अभिभावकों ने शुरुआती भुगतान के अलावा पोस्ट डेटेड चेक दिए हैं. इसलिए अगर यह लीक हो गया और परीक्षा रद्द हो गई तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. छात्रों को याद करने के लिए कहा गया और उन्हें अपने फोन बाहर छोड़ने के लिए भी कहा गया.
कोर्ट- क्या सीबीआई ने सॉल्वर्स को गिरफ्तार किया है?
एसजी- कल 3 और आज एम्स में कुछ डॉक्टर.
कोर्ट- हमें चिंता इस बात की है कि पेपर ब्रीच पीरियड और परीक्षा के बीच कितना समय था. तब स्केल होने की संभावना कम होती है. क्या कोई परीक्षा से पहले 45 मिनट के लिए 75 लाख का भुगतान करता है.
कोर्ट- तो 225 छात्र शामिल थे? (पेपर रटने वाले मामले में)
एसजी- सटीक आंकड़ा नहीं बता सकता, लेकिन यह 150 से ज़्यादा नहीं हो सकता. जो व्यक्ति तोड़फोड़ करने के उद्देश्य से अंदर गया था, उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है. कृपया सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट की बारीकी से जांच करें.
सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी, 'छात्रों को पेपर याद करने के लिए सिर्फ 2 घंटे मिले. यही वजह है कि 18 छात्रों में से सिर्फ एक छात्र को ही एडमिशन मिलने की संभावना है'
कोर्ट- पेपर हमेशा निजी कूरियर के माध्यम से भेजे जाते रहे हैं?
सीजेआई- तो फिर डिजिटल फुटप्रिंट यहां क्यों नहीं है?
एसजी- सीबीआई जांच कर रही है, रास्ते में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.
सीजेआई- तो छेड़छाड़ कब हुई? आपके हिसाब से लीक कब हुआ?
एसजी- कोई लीक नहीं है?
सीजेआई- ठीक है तो उल्लंघन कब हुआ?
एसजी- हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है, जिसमें कोई व्यक्ति केंद्र में जाता हुआ, तस्वीरें लेता हुआ और बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है
सीजेआई: मान लीजिए कि ऐसा होता है, तो आपके अनुसार छात्रों को सुबह 10.15 बजे पेपर मिल गया. इसमें 180 प्रश्न हैं. क्या यह संभव है कि 9.30 से 10.15 के बीच प्रॉब्लम सॉल्व कर ली हों और उन्हें 45 मिनट में छात्रों को दे दिया जाए?
एसजी: 7 सॉल्वर्स थे और उन्होंने 25-25 छात्रों को बांट दिया. प्रश्न सॉल्व हुआ और छात्रों को याद करने के लिए दिया गया.
सीजेआई: यानी पूरा पेपर 45 मिनट में सॉल्व किया गया और छात्रों को दिया गया, बहुत दूर की कौड़ी है.
एसजी: ...एक घंटा
सीजेआई: ...ठीक है, लेकिन एक घंटा भी बहुत दूर की कौड़ी है.
सीजेआई: आपके अनुसार लीक कब हुआ?
एसजी: कोई लीक नहीं है...
सीजेआई: ठीक है, उल्लंघन कब हुआ?
एसजी: यह एक विशेष केंद्र में हुआ था, सुबह 8.02 बजे से 9.23 बजे के बीच एक व्यक्ति अंदर जाता है, पेपर की तस्वीर लेता है और बाहर आ जाता है.
कोर्ट- आपके अनुसार प्रश्नपत्र लीक होने की स्थिति 4 तारीख को थी?
याचिकाकर्ता वकील- दरअसल 3 तारीख से, वे (NTA) खुद कहते हैं कि प्रश्नपत्र 3 मई को बैंकों को भेजे गए थे. 5 तारीख को उन्हें बाहर निकाल लिया गया.
कोर्ट- उनके (NTA) अनुसार ऐसा तब (5 मई) हुआ?
याचिकाकर्ता- नहीं, वे इससे इनकार कर रहे हैं
कोर्ट- उनके अनुसार लीक 5 तारीख को हुआ, वे कहते हैं कि छात्रों को 5 तारीख की सुबह याद कराया गया था. इसलिए 5 तारीख की सुबह से पहले किसी ने प्रश्नपत्र हल कर लिए थे. अगर ऐसा हुआ है तो इसका मतलब है कि प्रश्नपत्र कम से कम 4 तारीख को गया था. तो सवाल यह है कि प्रश्नपत्र कब लीक हुआ.
याचिकाकर्ता- अगर उन्हें यकीन है कि जब प्रश्नपत्र बैंक की हिरासत में थे, तब लीक नहीं हुआ, तो यह 3 मई से पहले हुआ होगा!
कोर्ट- सामान्य तौर पर, प्रश्नपत्र बैंकों की तिजोरियों से कब निकलने चाहिए?
याचिकाकर्ता- 5 तारीख की सुबह.
हुड्डा का दावा है कि एनटीए ने प्रश्न पत्रों को ई-रिक्शा में ले जाया, सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट किया कि यह ओएमआर शीट है, न कि क्वेश्चन पेपर.
सीजेआई- आप कह रहे हैं कि लीक सिस्टेमैटिक है. आप अपनी दलील कैसे पेश करते हैं.
याचिकाकर्ता- एनटीए द्वारा परीक्षा आयोजित करने में सिस्टेमैटिक फेलियर है. अगर मैं इसमें शामिल होता हूं तो इसमें कई विफलताएं हैं जैसे-
a) प्रश्नपत्र के ट्रांसपोर्टेशन में समझौता हुआ, जब 6 दिनों तक प्रश्नपत्र एक निजी कूरियर कंपनी के हाथों में रहा.
रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत से पता चलता है कि परीक्षा से दो दिन पहले हजारीबाग में ई-रिक्शा में प्रश्नपत्र ले जाया गया था. सीधे बैंक ले जाने के बजाय, ई-रिक्शा इसे ओएसिस स्कूल ले गया.
कोर्ट- आप कहते हैं कि ट्रांसपोर्टेशन में गडबड़ी हुई है... और क्या
याचिकाकर्ता- एसबीआई के बजाय, इसे स्कूल प्रिंसिपल ने प्राप्त किया. इस प्रिंसिपल को साजिश का हिस्सा होने के कारण गिरफ्तार किया गया है. वे एनटीए का हिस्सा थे, वे सिटी कोऑर्डिनेटर थे. टेलीग्राम आदि पर चैट के सबूत से पता चलता है कि लीक हुआ पेपर 4 मई को सर्कुलेट किया गया था.
याचिकाकर्ता- पेपर को एक टेलीग्राम चैनल से सर्कुलेट किया गया. चैनल फ्लेमब्लेयर की स्क्रीन रिकॉर्डिंग है जो यह दिखाती है.
सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस ने पूछा कि नीट यूजी के क्वेश्चन पेपर कब भेजे गए थे. जवाब में एसजी ने कहा, 'सीबीआई ने प्रिंटर से लेकर सेंटर तक की पूरी चेन की जांच की है, सीलिंग कैसे हुई, जीपीएस ट्रैकिंग कैसे हुई... डिजिटल लॉकर हैं... मैंने इसकी विस्तृत जानकारी दी है. 7-लेयर सिक्योरिटी सिस्टम है.'
आवेदन विंडो को फिर से खोलने पर एसजी ने कहा, 'हमें लगभग 15,000 नए पंजीकरण प्राप्त हुए हैं. इन नए 15,094 छात्रों में से, केवल 44 उम्मीदवार हैं जिन्हें एक लाख आठ हजार में एडमिशन मिलेगा. नए रजिस्ट्रेशन में से लगभग 12,000 छात्र असफल हो रहे हैं. इसका उद्देश्य किसी विशेष व्यक्ति की मदद करना नहीं था. यह केवल छात्रों के हित में लिया गया था.'
एनटीए का कहना है कि छात्रों के हित में 2 दिन के लिए नए रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी. 15085 नए रजिस्ट्रेशन में से केवल 44 छात्र ही योग्य पाए गए. इससे पता चलता है कि यह किसी को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा कि एक लाख आठ हजार में से कितने उम्मीदवारों ने अपना शहर बदला है? क्या उनका शहर किसी संदिग्ध क्षेत्र में बदला गया? क्या 9 से 10 अप्रैल (जब नए आवेदनों के लिए विंडो खोली गई थी) के बीच पंजीकरण कराने वालों में कोई अंतर है?
सुप्रीम कोर्ट ने अब लंच ब्रके ले लिया है दोपहर 2 बजे लंच ब्रेक के बाद भी सुनवाई जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा- 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला?
एनटीए: करेक्शन के नाम पर छात्रों ने एग्जाम सेंटर बदला है. 15,000 छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया है. हालांकि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता. केंद्र का आवंटन सिस्टम द्वारा किया जाता है. केंद्र का आवंटन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है.
NTA ने कहा कि देश भर के टॉप 100 छात्रों का एनालिसिस हुआ है, टॉपर्स अलग अलग सेंटर के हैं.
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि पायथन सॉफ्टवेयर पेपर लीक की गड़बड़ी नहीं पकड़ सकता, क्योंकि IIT ने एनालिसिस के लिए बेसिक नंबर 23 लाख रखा है, जबकि सांख्यिकीय तौर पर इसे 1 लाख 8 हजार रखना चाहिए था. आंकड़ा जानबूझ कर बढ़ाया गया क्योंकि इतने बड़े आंकड़े में गलती नहीं पकड़ी जा सकती है.
पूरे देश को एसबीआई से पेपर दिया गया, लेकिन हरदयाल स्कूल में केनरा बैंक से पेपर दिया गया. प्रिंसिपल का कहना है कि निर्देश था कि छात्रों को केनरा बैंक का पेपर करने दिया जाए. उन्होंने स्कूल में सभी को ग्रेस मार्क्स दिए. इस अतिरिक्त मार्क्स की वजह से 6 लोगों को 720/720 मिले, उसी सेंटर के दो लोगों को 718 नंबर मिले हैं.
CJI ने टॉप 100 की सूची पढ़ी. इसी बीच उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि ये मिलीभगत के तार देश भर में फैले थे. 12 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश में.
हुड्डा: बहादुरगढ़ में एक हरदयाल स्कूल था, वहां के 8 छात्र अंदर गए. केनरा बैंक से प्रश्नपत्र लिए गए. यह सब यहां दर्ज नहीं है. यह एक गंभीर बात है. एनटीए ने कभी इसका खुलासा नहीं किया कि हरदयाल स्कूल झज्जर में केनरा बैंक से प्रश्नपत्र बिना किसी देरी के वितरित किए गए थे.
हुड्डा ने आगे कहा कि प्रिंसिपल ने वीडियो कैमरे पर कहा है कि पेपर एसबीआई और केनरा बैंक से लिए गए थे. केनरा बैंक से आया पेपर वितरित किया गया था, इसका कभी खुलासा नहीं किया गया है.
17 जुलाई को दायर की गई नई याचिका में छात्रों ने आरोप लगाया कि एनटीए का दावा है कि 25 प्रतिशत सिलेबस में कटौती की गई है, लेकिन एनटीए ने यह उल्लेख नहीं किया कि नया सिलेबस भी जोड़ा गया है.
याचिका में कहा गया है, "जो नया सिलेबस जोड़ा गया वह कक्षा 11वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल हिस्से से था. जोड़ा गया हिस्सा परीक्षा से ठीक 6 महीने पहले अक्टूबर 2024 को सूचित किया गया था और छात्रों के पास अन्य सिलेबस के विपरीत अध्ययन के लिए कम समय था जिसके लिए उन्हें 2 साल मिले थे."
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि, 'सिलेबस में बढ़ोतरी का कोई जिक्र नहीं है.' 'सिलेबस में बढ़ोतरी और कमी दोनों है. वे सिलेबस में बढ़ोतरी के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. मैं बढ़ा हुआ हिस्सा दिखा सकता हूं.'
याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के वकील नरेंद्र हुड्डा ने केस की दोबारा जांच की मांग की थी, जिसे CJI ने खारिज कर दिया. सीजीआई ने कहा- केस की दोबारा जांच की जरूरत नहीं है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते.
CJI ने पूछा क्या आईआईटी मद्रास में काम करने वाला कोई NTA का पार्ट है.
SG ने कहा कि वर्तमान में काम करने वाला कोई नहीं है. आईआईटी के पूर्व सदस्य NTA के सदस्य हैं.
CJI: NTA और आईआईटी की क्या भूमिका है.
SG ने कहा कुछ नहीं, IIT मद्रास के डायरेक्टर NTA एक्स ऑफिशियल सदस्य होते हैं. लेकिन उन्होंने किसी दूसरे को इसके लिए नियुक्त किया था.
CJI: आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट में क्या कुछ कहा गया है वो बताया जाए.
बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में बताया था कि नीट-यूजी 2024 के नतीजों पर IIT-मद्रास के डेटा एनालिटिक्स से "कोई असामान्यता" नहीं मिली और व्यापक या स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी के कोई संकेत नहीं मिले. यह जानकारी कोर्ट द्वारा संदिग्ध मामलों की पहचान के लिए डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल के बारे में पूछे गए सवाल के बाद दी गई थी.
SG- जो भी आईआईटी जेईई परीक्षा आयोजित करता है, उसका चेयरमैन एनटीए का सदस्य होता है. आईआईटी जेईई आयोजित करने वाले कॉलेज का चेयरमैन एनटीए का सदस्य होता है.
कोर्ट- असल में आईआईटी जेईई एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है. आईआईटी मद्रास केवल पेपर सेट करेगा?
SG- वे परीक्षा आयोजित करते हैं. मुख्य परीक्षा एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है.
कोर्ट- आईआईटी जेईई एडवांस एनटीए द्वारा आयोजित नहीं की जाती है.
SG- इसका आयोजन आईआईटी द्वारा किया जाता है. उन्होंने शहरवार और केंद्रवार विश्लेषण किया है.
कोर्ट- जब आप कहते हैं कि आईआईटी जेईई का चेयरमैन पदेन रूप से गवर्निंग बॉडी का सदस्य होता है.
SG- गवर्निंग बॉडी का परीक्षा आयोजित करने से कोई संबंध नहीं है. तो इस साल आईआईटी मद्रास एडवांस का आयोजन कर रहा था.
कोर्ट- ठीक है तो इस बार आईआईटी मद्रास के निदेशक एनटीए के पदेन सदस्य थे, लेकिन उन्होंने अपनी ओर से बैठकों में भाग लेने के लिए किसी और प्रोफेसर गोपाल कृष्णन को नियुक्त किया था.
CJI: इस मामले में सबसे कम अंक पाने वाले छात्र जो सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता है उनका मार्क्स कितने हैं?
याचिकाकर्त: अगर आप 164 अंक लाते हैं तो आप पास हो जाते हो, लेकिन एडमिशन सीट के हिसाब से मिलता है.
सीजेआई ने पूछा कि याचिकाकर्ता में कितने छात्र शामिल हैं. एनटीए ने कहा कि 1,08,000 के दायरे में न आने वाले 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते हैं, जबकि 1,08,000 के दायरे में आने वाले 254 छात्र दोबारा परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. सीनियर वकील ने कहा, "1 लाख आठ हजार के दायरे में आने वाले कुछ छात्र भी न्यायालय के समक्ष हैं, क्योंकि वे सरकारी सीटें चाहते हैं."
CJI ने याचिकाकर्ता को कहा की आप हमें संतुष्ट करिए की पेपर लिक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए. दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं. उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सुनेंगे.
सीनियर एडवोकेट हुड्डा - सीबीआई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी, हमें लगा कि यह दाखिल की जाएगी और हमें दी जाएगी.
सीजेआई- मुझे गलत मत समझिए. मैं पूरी तरह पारदर्शिता के पक्ष में हूं, यह कोई सीलबंद लिफाफा प्रक्रिया नहीं है. लेकिन जांच चल रही है. अगर यह खुलासा हो जाता है, तो इससे जांच प्रभावित हो सकती है. लोगों को परेशानी हो सकती है.
सीजेआई ने कहा कि मामले में जल्दबाज़ी की जरूरत है, पूरे देश में छात्र इस मामले में फैसले का इंतजार कर रहे हैं. नीट मामले को आज सुनवाई वाले अन्य मामलों से ज़्यादा प्राथमिकता दी गई.
NEET विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI ने कहा, "NEET मामले में देशभर के छात्र फैसले का इंतजार कर रहे हैं. हम आज NEET मामले को ओपन करेंगे."
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ आज नीट यूजी मामले की सुनवाई करेंगे, वे अब जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन कर रहे हैं. शपथ ग्रहण समारोह के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय न्यायिक कार्य के लिए सुबह 11.15 बजे इक्ट्ठा होंगे.
सुप्रीम कोर्ट दाखिल लिखित जवाब में एनटीए ने कहा कि अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को दूसरों से अलग करने के लिए कदम उठाए गए हैं और सीबीआई अपना काम ईमानदारी से कर रही है. एनटीए ने कहा कि यह कहना गलत है कि योग्य उम्मीदवारों को उनके अवसरों से वंचित किया जाएगा क्योंकि चयन रैंक और योग्यता के आधार पर होता है अंकों के कारण नहीं. एनटीए का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षा में सापेक्ष योग्यता (Relative Merit) सबसे महत्वपूर्ण और सार्थक है.
सुप्रीम कोर्ट आज NEET-UG 2024 को लेकर उठे विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ आज 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली अहम सुनवाई के पहले CBI को बड़ी सफलता मिली है. पेपर लीक गिरोह के सॉल्वर्स कनेक्शन की तलाश करते-करते CBI की टीम AIIMS पटना तक पहुंच गई. जहां से तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है.पटना AIIMS के ये तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स हैं. CBI ने इन तीनों डॉक्टरों का कमरा भी सील कर दिया है. इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है.