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कौन हैं अलख पांडेय? जो सुप्रीम कोर्ट तक ले गए NEET छात्रों का मुद्दा, कभी ठुकराया था 7 करोड़ का पैकेज

फिजिक्स के टीचर अलख पांडेय नीट विवाद में मेडिकल छात्रों की ढाल बनकर खड़े हुए हैं. उनकी दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि 1563 छात्रों की नीट परीक्षा दोबारा ली जाएगी. अलख पांडेय आईआईटी कानपुर से पढ़े हैें और कुछ ही सालों में उन्होंने स्टूडेंट्स के बीच अलग पहचान बना ली है. आइए अलख पांडेय की कहानी जानते हैं.

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Physics Wallah Founder Alakh Pandey
Physics Wallah Founder Alakh Pandey

Who is Physics Wallah Co-founder Alakh Pandey: नीट परीक्षा विवाद में फिजिक्सवाला के को फाउंडर अलख पांडेय चर्चा में बने हुए हैं. अलख पांडेय उन कई याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं, जिन्होंने नीट यूजी 2024 परीक्षा में कम से कम 1563 छात्रों को ग्रेस अंक दिए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. साल 2020 में अलख पांडे ने सभी छात्रों को कम बजट में क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए फिजिक्स वाला की नींव रखी थी. देखते-देखते यह कोचिंग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवीरों के बीच एक जानी-मानी और नामी कोचिंग बन गई और फिजिक्सवाला को फाइनेंशियल ईयर 2021-22 (FY22) में 350 करोड़ रुपये हुआ.

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आर्थिक तंगी में बीता है अलख का बचपन

अलख का बचपन निर्मम आर्थिक तंगी में बीता था. उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन ठेकेदार हुआ करते थे, लेकिन कारोबार में उन्हें लगातार घाटा हो रहा था. जब अलख तीसरी क्लास में थे तब प्रयागराज के साउथ मलाका इलाके के घर का आधा हिस्सा बिक चुका था. छठी क्लास तक आते-आते उनका पूरा घर बिक गया. उस दौर को याद करते हुए अलख कहते हैं, 'हम लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आठवीं में पढ़ते हुए मैं पांचवीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रहा था. मेरी मां एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थीं. बहन भी ट्यूशन पढ़ा रही थीं. इस तरह हम सब घर का खर्चा चलाने के लिए  कुछ न कुछ कर रहे थे.' 

बच्चों को पढ़ाने के लिए पिता ने बेच दिया था घर, आज बेटे ने खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

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अलख पांडेय को इसका कोई अंदाजा नहीं था कि इतने कम समय में उनकी फिजिक्स वाला कोचिंग एक यूनिकॉर्न बन जाएगी. फिजिक्सवाला कंपनी देश की 101वीं यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल हो चुकी है. अलख पांडेय की कंपनी में वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स ने 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. यूनिकॉर्न से मतलब एक अरब डॉलर से ज्यादा के मूल्यांकन से है. अलख पांडेय का बचपन अभावों में बीता है. पढ़ाई में तो वह शुरू से ही अच्छे थे लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उनके पिता को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना घर तक बेचना पड़ा था. अलख पांडे की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के विशप जॉनसन स्कूल से हुई थी. उन्हें हाईस्कूल में 91% और 12वीं में 93.5% नंबर मिले. 12वीं कक्षा के बाद ही अलख पांडे ने बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया था, उस वक्त उन्हें ट्यूशन पढ़ाने के तीन हजार रुपये मिला करते थे.Alakh Pandey

IIT कानपुर से पढ़े हैं अलख पांडेय

साल 2025 में कानपुर आईआईटी से बी.टेक पूरी की और फिर यहीं बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. बच्चों को पढ़ाते-पढ़ाते अलख पांडेय ने यू-ट्यूब चैनल बनाने का सोचा और फिर 2 साल बाद साल 2017 में उन्होंने अपने साथी प्रतीक महेश्वरी के साथ फिजिक्स वाला नाम से एक यूट्यूब चैनल खोला. इस चैनल पर उनके वीडियोज को छात्र बेहद पसंद किया करते थे, उनके हर लेक्चर वीडियो पर लाखों में व्चूज पहुंचते थे. इसके बाद भी अलख रुके नहीं और उन्होंने एक मोबाइल ऐप तैयार किया, जिसमें बेहद कम फीस देकर छात्र ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस ले सकते थे. कुछ समय बाद ही फिजिक्स वाला के यूट्यूब चैनल के 69 लाख सब्सक्राइबर बन गए और 50 लाख ऐप डाउनलोड कर लिए गए. 2020 में फिजिक्सवाला को कंपनी एक्ट में शामिल किया गया.

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लाखों का ऑफर ठुकराकर शुरू की अपनी कोचिंग

बता दें कि अनअकेडमी से अलख पांडेय को पूरे 4 करोड़ का ऑफर आया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. इसके अलावा वह टीचर बनने के लिए 7.5 करोड़ के ऑफर को भी ठुकरा चुके हैं. इस सफलता के पीछे टीचर अलख पांडेय अपने पिता और अपने सहयोगी प्रतीक महेश्वरी का भी बराबर का योगदान मानते हैं.  प्रतीक माहेश्वरी ने आईआईटी बीएचयू से इंजीनियरिंग किया है और वह अलख पांडेय के साथ मिलकर काम करते हैं. आज फिजिक्स वाला देश में अपनी पहचान बना चुका है.

Alakh Pandey

नीट छात्रों के सर्मथन में अलख पांडेय

नीट परीक्षा परिणाम आने के बाद से ही अलख पांडेय मेडिकल छात्रों के सर्मथन में खड़े हुए हैं. उन्होंने करीबन 20 हजार छात्रों के हस्ताक्षर के साथ सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस मार्क्स को लेकर पिटीशन भी फाइल की, जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. एनटीए ने कहा है कि जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनकी दोबारा परीक्षा दी जाएगी.

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