नीट-यूजी (NEET-UG) एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए राहत भरी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा देने वाले 16 लाख छात्रों का रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस ऑर्डर पर भी रोक लगाई जिसमें दो छात्रों के फिर से एग्जाम का आदेश दिया गया था. इसकी वजह से सबका रिजल्ट रुका था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमें सभी के हितों में संतुलन बनाना होगा.
बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑर्डर पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 2 छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम नहीं रोक सकते क्योंकि 16 लाख छात्र रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में हमें हितों को संतुलित करना होगा. सुनवाई के दौरान जस्टिस एल नागेश्वर राव ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि हालांकि हम इस बात से सहमत हैं कि परिणामों की घोषणा को रोक नहीं जा सकता है, लेकिन इन दोनों छात्रों के हितों की भी रक्षा की जानी चाहिए. उन्हें भी अधर में नहीं छोड़ा जा सकता.
अब जबकि इस मामले में निरीक्षक ने ही गलती स्वीकार की है. ऐसे में हम लाखों छात्रों को परिणाम की प्रतीक्षा में नहीं रख सकते हैं. लिहाजा हम आपको परिणाम घोषित करने की अनुमति देते हैं ,लेकिन इन दो छात्रों के मामले में आप कोई रास्ता निकालें.
दो छात्रों के मामले में NTA से मांगा जवाब
अदालत ने दोनों छात्रों के मुद्दे पर NTA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. मामले में अब अब दिवाली के बाद सुनवाई होगी. NEET- UG परीक्षा के रिजल्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट के दो छात्रों की फिर से परीक्षा कराने के आदेश पर रोक लगे. हाईकोर्ट का ये आदेश गलत मिसाल कायम करेगा.
क्यों लेट हुआ रिजल्ट
सरकार ने सर्वोच्च अदालत में कहा है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के चलते पूरी परीक्षा का रिजल्ट रुक गया है. ऐसे में परिणामों की घोषणा में देरी से एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस जैसे स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया में देरी होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला भविष्य में इस तरह की घटनाओं से उम्मीदवारों द्वारा अनुचित लाभ उठाने के लिए गलत मिसाल कायम करेगा.
अब तक ये हुआ
इस पूरे मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CJI एनवी रमना से जल्द सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के इस आदेश से NEET रिजल्ट की घोषणा पर रोक लग गई है. दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो छात्रों के लिए अलग से NEET परीक्षा कराने का आदेश दिया है. इससे इन दोनों छात्रों की परीक्षा कराने के बाद ही रिजल्ट घोषित होना है. नीट परीक्षा पिछले महीने 12 सितंबर को देशभर में आयोजित की गई थी. परीक्षा में करीब 16 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था.
क्या था मामला
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश सोलापुर जिले के उन दो छात्रों की याचिकाओं पर आया है जिन्होंने शिकायत की थी कि निरीक्षक की असावधानी के कारण उन्हें एग्जाम के दौरान बेमेल टेक्स्ट बुकलेट और आंसर शीट मिली. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें दी गई टेस्ट बुकलेट और आंसर बुकलेट मैच नहीं कर रही थी. जब उम्मीदवारों ने तुरंत निरीक्षकों को इस बात की जानकारी दी तो उनकी नहीं सुनी गई और चुप करा दिया गया.
इसके बाद कोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं वैष्णवी भोपाले और अभिषेक कापसे के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने और दो सप्ताह में उनके परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं को री-एग्जामिनेशन की तारीख और परीक्षा केंद्र की जानकारी 48 घंटे पहले देने के लिए कहा है.