NEET Controversy: सुप्रीम कोर्ट में नीट परीक्षा को लेकर फिजिक्स वाला के फाउंडर अलख पांडेय और मोशन एजुकेशन कोचिंग के सीईओ नितिन विजय नेे सुप्रीम कोर्ट में एनटीए के खलाफ याचिकाएं दायर की हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट में अलख पांडेय की याचिका पर सुनवाई के दौरान एनटीए ने कहा कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स की परीक्षा दोबारा करवाएंगे. फैसले के बाद अलख पांडेय और नितिन विजय का कहना है कि अभी छात्रों की पूरी तरह जीत नहीं हुई है.
लोकल अथॉरिटी में दर्ज कंप्लेन का क्या?
हमारे दो मेजर मुद्दे हैं, एक तो लीकेज को लेकर है और दूसरा ग्रेस मार्क्स को लेकर. ग्रेस मार्क्स वाला अब कोई मुद्दा नहीं रहा है. एनटीए ने यह मान लिया है कि ग्रेस मार्क्स वालों को दोबारा चांस दिय़ा जा रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि सिर्फ इ्न्हीं को क्यों री चांस दिया जा रहा है. उन बच्चों को भी री-चांस दिया जाना चाहिए, जिन्होंने लोकल अथॉरिटी को कंप्लेन की थी. उन सभी सेंटर्स में भी गड़बड़ी हुई थी. जिन्होंने हाई कोर्ट में जाकर याचिका फाइल की उनको चांस दे दिया गया, लेकिन जिन्होंने लोकल कोर्ट में की उनपर फैसला नहीं आया. गांव का कोई बच्चा है उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है या वह किसी कारण आ नहीं सकता है तो वह हाई कोर्ट कैसे पहुंचेगा. इस बात को मेरे हिसाब से अगली दलील में सुप्रीम कोर्ट सुन भी लेगा और मान भी लेगा.
एनटीए को अब दो दिन के लिए विंडो खोलनी चाहिए कि भई जहां-जहां गड़बड़ी हुई है वहां के बच्चे अपनी कंप्लेन डालें. उनको वेरीफाई किया जाएगा. सभी बच्चों को री-नीट के लिए दोबारा यह काम करना चाहिए. दूसरा मेजर मुद्दा जिसकी वजह से रैंक सबसे ज्यादा बढ़ी हुई हैं, वो आप समझें कि वह चाटिंग या लीकेज की वजह से हुई है. वर्ना इतनी हाई रैंक जाना संभव नहीं है. मैं हाथ जो़ड़कर गुजारिश करता हूं, बहुत सारे बच्चों के भविष्य का सवाल है, हमने भी कॉम्पिटेटिव एग्जाम दिए हुए हैं. बहुत सारे मामले सुप्रीम कोर्ट में आते होंगे. शिक्षाविद होने के नाते हम पहली बार यहां आए हैं, हमारे लिए यह नया एक्सिपिरिएंस है. मैं सभी से यह कहना चाहता हूं कि यह मुद्दा उन 24 लाख बच्चों का है, जिन्होंने खुदको दो तीन साल कमरे में बंद रखकर पढ़ाई की है.
आधी लड़ाई हम जीत गए हैं- नितिन विजय
नितिन विजय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि नीट 2024 के उन क्षेत्रों में परीक्षा दुबारा आयोजित की जानी चाहिए जहां अनियमितताएं हुई हैं. यदि हम यह करने में असमर्थ रहते हैं, तो 24 लाख बच्चों के साथ अन्याय होगा और भविष्य में हमें योग्य डॉक्टर नहीं मिल पाएंगे. एक और ट्वीट कर नितिन ने लिखा कि बच्चों आधी लड़ाई हम जीत गए हैं लेकिन अभी पेपर लीक वाली लड़ाई बाकी है. हम लड़ाई जारी रखेंगे.
ग्रेस मार्क्स को लेकर फैसला आने के बाद अलख पांडेय ने कही ये बात
ग्रेस मार्क्स को लेकर एनटीए का फैसला आने के बाद अलख पांडेय ने कहा कि NTA ने सुप्रीम कोर्ट के सामने माना कि छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स गलत थे और वे इस बात से सहमत हैं कि इससे छात्रों में असंतोष पैदा हुआ और वे इस बात पर सहमत हुए कि वे ग्रेस मार्क्स हटा देंगे...जिन 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं, उनकी दोबारा परीक्षा 23 जून को होगी या फिर बिना ग्रेस मार्क्स के मूल अंक छात्रों को स्वीकार होंगे.
NTA ने सुप्रीम कोर्ट के सामने माना कि उनके द्वारा दिए गए ग्रेस मार्क्स गलत थे. सवाल यह है कि क्या NTA में और भी विसंगतियां हैं जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं है. इसलिए, NTA के साथ विश्वास का मुद्दा है. पेपर लीक का मुद्दा खुला है और उस पर सुनवाई जारी रहेगी...". अलख पांडेय ने अपने ट्विटर पर लिखा कि यहां हमारी डिमांड खत्म नहीं होतीं. 1563 का ये नंबर औऱ ज्यादा हो सकता है? पेपर लीक? हाई कट ऑफ? ये सारे मामले पर संघर्ष जारी रहेगा.