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NEP 2020: इस राज्य में अगले साल से लागू नहीं होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, CM बोले- पूरी तरह खत्म करेंगे

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस में सोमवार को आयोजित एक बैठक के दौरान सीएम सिद्धारमैया ने एनईपी को रद्द करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एनईपी अगले शैक्षणिक वर्ष से पूरी तरह वापस ले ली जाएगी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

देशभर के शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू की जानी है. केंद्र सरकार ने साल 2020 में इसकी घोषणा की थी और 2021 में कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य बना था जहां नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू की गई थी. तत्कालीन बीजेपी के मुख्यंत्री बसवराज बोम्मई ने एनईपी लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे रद्द करने का फैसला लिया जा रहा है. कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने  राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में एनईपी को वापस लेने की घोषणा की है.

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 कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ऑफिस में सोमवार को आयोजित एक बैठक के दौरान सीएम सिद्धारमैया ने एनईपी को रद्द करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एनईपी अगले शैक्षणिक वर्ष से पूरी तरह वापस ले ली जाएगी. हालांकि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष में छात्र लागू एनईपी के तहत ही पढ़ाई करेंगे.

सीएम सिद्धारमैया ने आम सभा बोलते हुए कहा कि एनईपी को खत्म करने से पहले सावधानीपूर्वक तैयारी की जरूरत है. समय की कमी के चलते इस साल का कार्यान्वयन जारी रहेगा, ताकि छात्रों की चल रही एजुकेशनल एक्टिविटीज बाधित न हो. उन्होंने कहा, 'कुछ जरूरी तैयारियां करने के बाद एनईपी को समाप्त कर दिया जाएगा. इस साल तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाया. जब तक चुनावी नतीजे आए और हमारी सरकार बनी, तब तक शैक्षणिक वर्ष शुरू हो चुका था. इस साल एनईपी जारी रहेगी ताकि इससे शैक्षणिक वर्ष के बीच छात्रों को परेशानी न उठानी पड़े.' उन्होंने कहा कि एनईपी का विरोध छात्रों, अभिभावकों और व्याख्याताओं और शिक्षकों ने एक साथ किया है.  देश के अन्य राज्यों द्वारा इसे लागू करने से पहले ही भाजपा ने राज्य में एनईपी लागू कर छात्रों के हितों की बलि चढ़ा दी है.

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बता दें कि केंद्र सरकार 2020 में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लेकर आई थी, जिसके तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के 800 पन्नों के मसौदे में कुछ प्रमुख बदलावों का प्रस्ताव स्कूली शिक्षा के चार चरण हैं. इनमें 5 (फाउंडेशनल) +3 (प्रिपरेट्री)+3 (मिडिल)+4 (सेकेंडरी) स्टेज शामिल है. जारी किए गए मसौदे में भारत में कक्षा 1 से 12वीं तक बच्चे कैसे पढ़ेंगे, क्या सीखेंगे, कैसे सीखेंगे, छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन कैसे होगा आदि कई बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं.

(रिपोर्ट: अनाघा)

 

 

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