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क्या कोई सरकारी अफसर त्यागपत्र देने के बाद वापस नौकरी पा सकता है? जानिए क्या है नियम

मध्य प्रदेश से कांग्रेस नेता निशा बांगरे अब राजनीति छोड़ने का फैसला ले रही हैं. बैतूल जिले की आमला सीट से वह अपने लिए विधानसभा टिकट की मांग कर रही थीं लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब वह डिप्टी कलेक्टर के पद पर वापस सरकारी नौकरी में शामिल होना चाहती हैं. आइए जानते हैं कि क्या कोई सरकारी अधिकारी इस्तीफा देेने के बाद री-जॉइन कर सकता है या नहीं.

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Can a government officer get his job back after resigning? (Freepik)
Can a government officer get his job back after resigning? (Freepik)

मध्य प्रदेश में एसडीएम के पद से इस्तीफा देकर निशा बांगरे कांग्रेस में शामिल हुई थीं. बैतूल जिले की आमला सीट से वह अपने लिए विधानसभा का टिकट भी मांग रही थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला है. कांग्रेस छोड़कर अब निशा सरकारी नौकरी में वापस आना चाहती हैं. इसके लिए कांग्रेस प्रवक्ता ने सरकार को आवेदन दिया है. साथ ही मुख्यमंत्री से मिलने का भी समय मांगा है. इससे पहले यूपी कैडर के IAS अभिषेक सिंह भी बीजेपी से टिकट ना मिलने की वजह से सुर्खियों में रह चुके हैं. 

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अभिषेक सिंह की सरकारी नौकरी हमेशा सुर्खियों में रही. हाल ही में यूपी सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि अभिषेक सिंह राजनीति में कदम रखेंगे और बीजेपी से उन्हें टिकट मिलेगा लेकिन जब बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आई तो उनकी जगह कृपा शंकर सिंह को जौनपुर से टिकट मिला हुआ था.

इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर लगातार ट्वीट किए जाने लगे कि अब अभिषेक सिंह क्या करेंगे. क्या वह वापस सरकारी नौकरी जॉइन करेंगे या पार्टी के लिए मेहनत करते रहेंगे? अगर आपके मन में भी ऐसा सवाल है तो सबसे पहले सरकारी नौकरी के कुछ रूल जान लीजिए. अभिषेक सिंह ने नौकरी छोड़ तो दी लेकिन क्या वह इस पद पर री-जॉइन कर सकते हैं. आइए जानते हैं, क्या कहता है सरकार का सर्विस रूल.

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क्या कहते हैं जानकार

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट अशोक अग्रवाल ने aajtak.in से बातचीत में जानकारी दी कि वापस सरकारी नौकरी जॉइन करने के बारे में सरकार का सर्विस रूल क्या कहता है. अशोक अग्रवाल ने बताया कि इस्तीफा देकर एक तय सीमा के बाद कर्मचारी या अधिकारी अपने सरकारी पद पर वापस नहीं जा सकता है. अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के मुताबिक, अगर ऑफिसर का इस्तीफा सरकार स्वीकार कर लेती है तो वह नौकरी वापस जॉइन नहीं कर सकता है. यही नहीं, अगर आप किसी सरकारी पद पर हैं तो किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के हित में, चुनाव में, पार्टी के चुनाव-प्रसार में या खुद कैंडिडेट बनकर हिस्सा नहीं ले सकते हैं. अगर आप किसी पॉलिटिकल पार्टी से जुड़ना चाहते हैं तो पहले आपको सरकारी पद से इस्तीफा देना होगा. अगर आप इस्तीफे के बाद किसी पार्टी से जुड़ जाते हैं तो वापस पूर्व पद पर सरकारी नौकरी से जुड़ने के रास्ते भी बंद हो जाते हैं. 

Advocate Ashok Agrawal
Advocate Ashok Agrawal

90 दिनों के अंदर ले सकते हैं इस्तीफा वापस

अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के रूल 5 क्लॉज ए के मुताबिक, एक शर्त पर आप इस्तीफा देने के बाद अपने सरकारी पद पर वापसी कर सकते हैं, जब आपका इस्तीफा सरकार ने स्वीकार ना किया हो. तय सीमा की बात करें तो IAS, IPS जैसे ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर 90 दिनों के अंदर अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं या जब तक उनका इस्तीफा स्वीकारा ना गया हो. अभिषेक सिंह के मामले में यही पेच फंस रहा है. उन्होंने अक्टूबर 2023 में अपना इस्तीफा दे दिया था. पांच महीने बाद यूपी सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया. यही कारण है कि अब वह वापस आईएएस के पद पर नहीं आ सकते हैं. इसी तरह मध्य प्रदेश की पूर्व एसडीएम निशा बांगरे भी अपने पद पर वापस नहीं आ सकती हैं क्योंकि अक्टूबर 2023 में उनका त्याग पत्र स्वीकार कर लिया गया था.

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शाह फैसल बने थे अपवाद

बता दें कि राजनीतिक पार्टी जॉइन करने के बाद सरकारी पद पर लौटने को लेकर जम्मू कश्मीर के आईएएस अफसर शाह फैसल एक अपवाद के तौर पर गिने जाते हैं. IAS शाह फैसल इस्तीफा देने के पांच साल बाद सरकारी नौकरी में वापस आकर सुर्खियों में आए थे. शाह फैसल सिविल सर्विस एग्जाम 2010 बैच के टॉपर रहे थे. उन्होंने पांच साल पहले आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर जम्मू-कश्मीर में राजनीति जॉइन की थी. हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ था इसीलिए उन्होंने वापस सरकारी नौकरी ज्वॉइन कर ली थी.

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