UP Board Exams 2023: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में नकल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने के अपने संकल्पबद्ध नज़र आ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कई कड़े कदम भी उठाए हैं. निर्देश जारी किया गया है कि परीक्षा के दौरान नकल में शामिल पाए जाने वालों पर NSA के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा नकल में शामिल कक्ष निरीक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी. अब जबकि 16 फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, ऐसे में परीक्षार्थियों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि परीक्षा देते हुए उन्हें किन बातों का ख्याल रखना है.
परीक्षा में पहुंचाई बाधा तो कुर्क होगी संपत्ति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर अधिकारियों को आदेश दिया है कि जिलाधिकारियों की ओर से प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया जाएगा. वह परीक्षा खत्म होने के बाद जिलाधिकारी के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक को रिपोर्ट करेंगे, ताकि प्रतिदिन की गतिविधियों की जानकारी हो सके. इसके अलावा परीक्षा में बाधा डालने व व्यवस्था को प्रभावित करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाए और उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी.
वहीं एग्जाम की कांपियों की सख्त निगरानी के लिए पहली बार प्रधानाचार्य कक्ष से अलग स्ट्रांग रूम बनाया गया है. साथ ही कॉपियों को डबल लॉक अलमारी में रखा जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग 24 घंटे सीसीटीवी से की जाएगी. सभी जिलों में कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति के बाद एग्जाम से पहले उनका सख्ती का प्रशिक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही जिले में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक एवं वाह्य केंद्र व्यवस्थापकों का भी प्रशिक्षण किया जाएगा.
सीसीटीवी के साथ सशस्त्र पुलिसकर्मियों की निगरानी में होगा स्ट्रांग रूम
सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए प्रधानाचार्य कक्ष की जगह एक अलग से स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा. उनकी सीसीटीवी से निगरानी के साथ दो सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 24 घंटे तैनाती की जाएगी. परीक्षा केंद्रो पर वॉयस से लैस सीसीटीवी, डीवीआर, राऊटर डिवाइस और हाईस्पीड ब्राडबैंड कनेक्शन लगाए जाएंगे.
जिला मुख्यालय के डबल लॉक स्ट्रांग रूम से प्रश्नपत्रों के सील्ड बॉक्स को बंद गाड़ी में परीक्षा केंद्रों के डबल लॉक अलमारी में रखने के दौरान तीन सदस्य केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के सामने उसे सील किया जाएगा. साथ ही प्रश्नपत्र खोलते समय भी तीनों की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएगी. इस दौरान किसी के अनुपस्थित रहने पर उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र को खोलते समय जिलाधिकारी या फिर अपर जिलाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी.
58 लाख 85 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने कराया है रजिस्ट्रेशन
इस बार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 58,85,745 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें हाई स्कूल के 31,16,487 परीक्षार्थी शामिल हैं जबकि इंटरमीडिएट के 27,69,258 परीक्षार्थी शामिल हैं. एग्जाम के लिए प्रदेश में 8,753 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें 540 राजकीय, 3523 सवित्त और 4690 वित्तविहीन कॉलेज शामिल हैं.