Reopening of Schools: स्कूलों को तुरंत खोले जाने की पैरवी करते हुए, दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (CSIR) के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि महामारी का ग्राफ अब घट रहा है. इसके साथ ही सामान्य गतिविधियां सावधानियों के साथ फिर से शुरू हो रही हैं. ऐसे में स्कूलों को भी अब जल्द से जल्द खोल दिया जाना चाहिए. 'इंडियन एक्सप्रेस' के लाइव इवेंट में डॉ. अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को स्कूल से दूर रखने से उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो उनकी राय में, वर्तमान संदर्भ में कोरोना संक्रमण के जोखिम से बड़ी समस्या है.
डॉ. अग्रवाल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के Sars-CoV-2 वायरस इवोल्यूशन पर तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष और एकमात्र भारतीय सदस्य हैं. उन्होंने कहा, "स्कूल न जाने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और विकास के लिए जो खतरा हो रहा है, वह कोरोना संक्रमण के जोखिम से कहीं अधिक है. वास्तव में, अगर मैं केवल गणना करूं, तो Covid-19 से किसी बच्चे को उतना ही खतरा है जितना लेह जाने में. इसलिए, यदि आप इसके बारे में (लेह जाने में) बहुत अधिक चिंता नहीं करते हैं, तो इसके बारे में बहुत अधिक चिंता करने का भी कोई कारण नहीं है."
उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में जिस स्थिति में है - टीकाकरण की उच्च दर, उच्च स्तर की इम्यूनिटी और गंभीर बीमारी या ओमिक्रॉन से होने वाली मौतों का कम जोखिम - ऐसे में लोगों के लिए कुछ सावधानियों के साथ 'अपने जीवन के साथ आगे बढ़ना' शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, "स्कूल फौरन खोले जाने चाहिए. यह मेरी प्राथमिकताओं की लिस्ट में सबसे ऊपर होगा."
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर का पीक कई बड़े शहरों में आ चुका है और बहुत जल्द ग्राफ गिरना शुरू होगा और संक्रमण के मामलों में अब कमी होगी. चेचक या पोलियो की तरह यह वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा, "Covid-19 जाने वाला नहीं है. यह लंबे समय तक रहेगा. जैसे-जैसे समय बीतता है, यह कम और कम होता जाएगा, केवल कम इम्यूनिटी या अस्वस्थ, या गंभीर बीमारी वाले लोगों को प्रभावित करेगा. मगर इसके अलावा, इससे होने वाली तबाही और कठिनाई आने वाले समय में बहुत कम हो जाएगी."