Darshan Solanki Case: चार दिन पहले 16 फरवरी को IIT बॉम्बे के पवई कैंपस में 18 वर्षीय छात्र दर्शन सोलंकी द्वारा सातवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था. मामले के उजागर होने के बाद परिवार के सदस्यों का आरोप है कि दर्शन को जाति के आधार पर परेशान किया गया था और यह आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह सुनियोजित हत्या है. मृतक दर्शन का परिवार अब न्याय और विस्तृत जांच की मांग कर रहे हैं.
अब परिवार के पक्ष में देश भर में कई शेक्षणिक संस्थानों से विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं. इसी क्रम में सोमवार को मुंबई में दर्शन सोलंकी की आत्महत्या मामले में आईआईटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
दर्शन ने महज तीन महीने पहले ही IIT में एडमिशन लिया था. दर्शन वहां से केमिकल्स में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था. परिवार का कहना है कि उनका बेटा बहुत ही होनहार छात्र था. उसके दसवीं क्लास में 83% नंबर आए थे. परिजनों ने यह भी कहा कि दर्शन कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकता, बल्कि वह उन लोगों को डांटता था जो आत्महत्या करने के बारे में सोचते हैं. परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह बहुत महत्वाकांक्षी था और चार लोगों के परिवार की एकमात्र उम्मीद था. दर्शन के परिवार में उनके पिता, मां और बहन हैं. परिवार में सभी उच्च शिक्षित हैं.
दर्शन की बहन जाह्नवी ने कहा, जब हमने आखिरी बार उससे बात की थी तो वो अहमदाबाद आने और कुछ जगहों पर घूमने जाने का प्लान भी बना रहा था. दर्शन का परिवार मुंबई पुलिस और आईआईटी के अधिकारियों के सुसाइड के दावों को स्वीकार नहीं कर रहा है. दर्शन के पिता रमेश का कहना है, 'यह आत्महत्या बिल्कुल नहीं है. बेटे के सिर पर एक चोट के अलावा कोई चोट नहीं है.' दर्शन सोलंकी के परिवार ने आरोप लगाया कि दर्शन को इसलिए परेशान किया गया क्योंकि वह एससी समुदाय से था.