Mp Board Exam 2024: मध्य प्रदेश में 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं जारी हैं. इसी बीच गुरुवार को अंग्रेजी के पेपर के दौरान प्राइवेट टीचर्स को सर्किट हाउस में नजर बंद करने का मामला सामने आया है. कथित तौर पर नजरबंद किए गए टीचर्स अंग्रेजी विषय पढ़ाते हैं.
परीक्षा के समय में भिंड जिला मुख्यालय के तकरीबन एक दर्जन टीचर्स को सर्किट हाउस में नजर बंद करके रखा गया. प्रशासन के इस रवैए पर सभी नजर बंद किए गए टीचर्स ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया है. टीचर्स का कहना है कि यह उनका अपमान है. हालांकि, इस बारे में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि किसी टीचर को नजर बंद नहीं किया गया है.
दरअसल, यह पूरा घटनाक्रम गुरुवार को हुआ, जब 12वीं कक्षा का अंग्रेजी विषय का पेपर माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की तरफ से आयोजित किया गया था. ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के कार्यालय से भिंड शहर में इंग्लिश की कोचिंग संचालित करने वाले तकरीबन एक दर्जन शिक्षकों पर फोन पहुंचा और इन शिक्षकों को सर्किट हाउस पहुंचने के लिए कहा गया. शिक्षक जब सर्किट हाउस पहुंचे तो सभी को एक हॉल में बिठा दिया गया और यहां उन्हें नजर बंद कर दिया गया.
टीचर्स ने बताया इसे अपमान
इस बारे में जब इंग्लिश के टीचर नितिन दीक्षित ने बताया कि परीक्षा सेंटर पर नकल न हो जाए, इस वजह से प्रशासन ने उन्हें सर्किट हाउस में बैठा दिया है. प्रशासन चाहता तो इन सभी प्राइवेट टीचर्स का कहीं भी उपयोग किया जा सकता था, लेकिन प्रशासन ने ऐसा करने की बजाय उन्हें नजरबंद कर लिया. यह न केवल शर्मसार कर देने वाली बात है, बल्कि यह उनका अपमान भी है.
सर्किट हाउस बुलाकर बैठा लिया
नितिन दीक्षित ने कहा कि समाज में उनकी भी इज्जत इस पूरे घटनाक्रम की वजह से खराब होती है. नजरबंद किए गए टीचर्स में शामिल आदित्य चौहान ने बताया कि ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस से उनके पास फोन पहुंचा था, जिसके बाद सभी लोग सर्किट हाउस पहुंच गए हैं.
टीचर्स को नजरबंद नहीं किया गया: कलेक्टर
इस तरह टीचर्स को नजर बंद किए जाने के मामले में जब भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से कैमरे पर बातचीत करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इनकार कर दिया, लेकिन aajtak से फोन कॉल पर हुई बातचीत में कलेक्टर कहा कि टीचर्स को नजरबंद नहीं किया गया था, बल्कि उन्हें तो मीटिंग के लिए बुलाया गया था. जब कलेक्टर से सवाल किया गया कि आखिर परीक्षा के समय ही मीटिंग क्यों बुलाई गई? तो इसका कोई माकूल जवाब नहीं दे सके.
नकल के लिए बदनाम भिंड जिला
मध्य प्रदेश का भिंड जिला हमेशा से ही नकल के लिए बदनाम रहा है, लेकिन परीक्षा केंद्रों पर सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी रहती है और पूरा प्रशासनिक अमला नकल रोकने के लिए तैनात रहता है. बावजूद इसके प्राइवेट शिक्षकों को प्रशासन द्वारा नजर बंद किए जाने से तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे कि आखिर कैसे संभव है कि प्राइवेट शिक्षक पुलिस प्रशासन और शिक्षा विभाग के सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए नकल करवा सकते हैं?